भारत के ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCCs) बैक-ऑफिस इकाइयों से AI-संचालित नवाचार हब में बदल रहे हैं। NLB सर्विसेज की एक रिपोर्ट के अनुसार, अगले 12 महीनों में कार्यबल में 11% की वृद्धि होकर 2.4 मिलियन होने का अनुमान है, और 2030 तक महत्वपूर्ण नौकरी वृद्धि होगी। आधे से अधिक GCCs AI पायलट चरणों से आगे बढ़ चुके हैं, AI को वर्कफ़्लो में एकीकृत कर रहे हैं। भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा AI प्रतिभा हब बन रहा है, जिसमें AI गवर्नेंस आर्किटेक्ट्स जैसी नई भूमिकाएँ उभर रही हैं, साथ ही बढ़ती मजदूरी और छंटनी जैसी चुनौतियाँ भी हैं।