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रक्षात्मक स्टॉक्स (Defensive Stocks) कमजोर पड़ रहे हैं: IT, FMCG, फार्मा क्षेत्रों के मूल्यांकन (Valuations) घटने से पिछड़ गए

Stock Investment Ideas

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Updated on 06 Nov 2025, 01:28 am

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Reviewed By

Simar Singh | Whalesbook News Team

Short Description:

पारंपरिक रूप से सुरक्षित माने जाने वाले आईटी (IT), एफएमसीजी (FMCG), और फार्मा (Pharma) जैसे क्षेत्रों ने पिछले साल भारतीय शेयर बाजार में कमजोर प्रदर्शन किया है। बैंकिंग और ऑटोमोटिव जैसे चक्रीय क्षेत्रों (cyclical sectors) ने बढ़त का नेतृत्व किया। हालांकि, इन रक्षात्मक शेयरों में गिरावट से उनका मूल्यांकन (valuation) कम हो गया है, जो बाजार की भावना (market sentiment) बेहतर होने पर भविष्य में अवसर प्रदान कर सकता है।
रक्षात्मक स्टॉक्स (Defensive Stocks) कमजोर पड़ रहे हैं: IT, FMCG, फार्मा क्षेत्रों के मूल्यांकन (Valuations) घटने से पिछड़ गए

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Stocks Mentioned:

Tata Consultancy Services
Infosys Limited

Detailed Coverage:

पारंपरिक रूप से मंदी-रोधी (recession-proof) और स्थिर माने जाने वाले FMCG, IT सेवाओं, और फार्मा क्षेत्रों ने पिछले 12 महीनों में भारतीय इक्विटी निवेशकों को अपेक्षित स्थिरता प्रदान करने में विफल रहे हैं। इसके बजाय, वे प्रमुख अंडरपरफॉर्मर रहे हैं, जबकि व्यापक बाजार सूचकांकों (broader market indices) और बैंकिंग, धातु, और ऑटोमोटिव जैसे चक्रीय क्षेत्रों (cyclical sectors) ने रिकवरी का नेतृत्व किया।

Nifty IT इंडेक्स में पिछले अक्टूबर से 12.7% की गिरावट आई है, जबकि Nifty FMCG इंडेक्स 5.7% गिरा है। Nifty Pharma इंडेक्स भी लाल निशान में रहा, 1.8% नीचे।

IT में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (Tata Consultancy Services), इन्फोसिस (Infosys), और विप्रो (Wipro) जैसी प्रमुख कंपनियां, FMCG में हिंदुस्तान यूनिलीवर (Hindustan Unilever), ITC, और एशियन पेंट्स (Asian Paints), और फार्मा में सन फार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज (Sun Pharmaceutical Industries), सिप्ला (Cipla), और डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज (Dr Reddy’s Laboratories) सभी पिछड़ गए हैं।

**मूल्यांकन में संकुचन (Valuation Compression):**

एक सकारात्मक बात यह है कि इस अंडरपरफॉर्मेंस के कारण इन क्षेत्रों के मूल्यांकन (valuations) में तेज कमी आई है। IT कंपनियों के लिए ट्रेलिंग प्राइस-टू-अर्निंग्स (P/E) मल्टीपल 31.2x से घटकर 24.7x हो गया है, और उनका प्राइस-टू-बुक (P/B) अनुपात 9.5 से घटकर 7.3 हो गया है। FMCG कंपनियां अब 47.5x (51x से नीचे) P/E और 11 (12.4 से नीचे) P/B पर ट्रेड कर रही हैं। फार्मा फर्मों ने भी अपना P/E 32.5x (39.8x से कम) और P/B 5 (5.9 से कम) तक गिरते देखा है।

इसके विपरीत, Nifty 50 का P/E लगभग 22.5x पर बना हुआ है। रक्षात्मक क्षेत्रों (defensive sectors) में ये कम मूल्यांकन अब संभावित गिरावट से सुरक्षा और एक उछाल के लिए जगह प्रदान करते हैं, यदि बाजार की भावना सकारात्मक हो जाती है।

**कंपनी आउटलुक:**

लेख संभावित टर्नअराउंड उम्मीदवारों (turnaround candidates) को उजागर करता है:

* **टाटा टेक्नोलॉजीज (Tata Technologies):** Q2 में राजस्व रिकवरी दिखाई, गैर-ऑटो सेगमेंट में मजबूत वृद्धि के साथ, FY27 में दोहरे अंकों की वृद्धि का लक्ष्य। * **KPIT टेक्नोलॉजीज:** मजबूत डील पाइपलाइन के साथ दूसरी छमाही में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है, हालांकि कुछ विश्लेषकों ने राजस्व अनुमानों को नीचे संशोधित किया है। * **इन्फोसिस (Infosys):** मजबूत H1 प्रदर्शन के बाद FY26 राजस्व मार्गदर्शन को 2-3% तक सीमित किया, मार्जिन मार्गदर्शन बनाए रखा। * **जायडस लाइफसाइंसेज (Zydus Lifesciences):** क्रोनिक थेरेपी और यूएस फॉर्मूलेशन द्वारा संचालित मजबूत Q1 प्रदर्शन की रिपोर्ट की, रणनीतिक अधिग्रहणों ने इसके वेलनेस सेगमेंट को मजबूत किया। * **डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज (Dr Reddy’s Laboratories):** Q2 प्रदर्शन उत्तरी अमेरिका से प्रभावित हुआ, लेकिन भारत के व्यवसाय में मजबूत वृद्धि हुई। भविष्य की वृद्धि नए दवा फाइलिंग पर निर्भर करती है। * **वरुण बेवरेजेस (Varun Beverages):** कमजोर मांग के कारण Q3 में कुछ कमी आई, लेकिन विदेशी प्रदर्शन की मदद से समेकित बिक्री और लाभ में वृद्धि देखी गई। स्टॉक कंप्रेस्ड P/E पर ट्रेड कर रहा है। * **पिडिलाइट इंडस्ट्रीज (Pidilite Industries):** Q2 में मामूली शुद्ध बिक्री और लाभ वृद्धि की रिपोर्ट की, परिचालन मार्जिन का विस्तार हुआ। मूल्यांकन कम हुआ है लेकिन उच्च बना हुआ है। * **ITC:** पेपर और पैकेजिंग, और एग्रीबिजनेस में दबाव के कारण स्टॉक में गिरावट आई, गैर-तंबाकू FMCG में वृद्धि के बावजूद। मूल्यांकन कम है, अपसाइड पोटेंशियल प्रदान कर रहा है। * **मैरिको (Marico):** अपने प्रमुख व्यवसाय में मजबूत वॉल्यूम वृद्धि के साथ अपने साथियों से बेहतर प्रदर्शन किया, हालांकि कॉपरा की कीमतों में वृद्धि से निकट अवधि में मार्जिन दबाव की उम्मीद है। * **टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (Tata Consultancy Services):** कम सिंगल-डिजिट ग्रोथ की चुनौतियों का सामना कर रही है, कंपनी ने डेटा सेंटर में महत्वपूर्ण निवेश की योजना बनाई है, हालांकि निकट अवधि में राजस्व प्रभाव अनिश्चित है।

**प्रभाव (Impact):**

यह खबर भारतीय शेयर बाजार को सीधे प्रभावित करती है, सेक्टर प्रदर्शन में एक महत्वपूर्ण बदलाव को उजागर करती है। पारंपरिक रूप से स्थिर रक्षात्मक शेयरों का अंडरपरफॉर्मेंस निवेशक भावना में बदलाव का सुझाव देता है, जो अधिक चक्रीय क्षेत्रों की ओर बढ़ रहा है। रक्षात्मक क्षेत्रों में कंप्रेस्ड मूल्यांकन संभावित निवेश अवसर प्रस्तुत करते हैं, जो निवेशकों के लिए पोर्टफोलियो आवंटन निर्णयों को प्रभावित करते हैं। व्यक्तिगत कंपनियों का विस्तृत विश्लेषण भी इन क्षेत्रों के भीतर स्टॉक चयन के लिए विशिष्ट अंतर्दृष्टि प्रदान करता है।

**कठिन शब्द (Difficult Terms):**

* **रक्षात्मक क्षेत्र (Defensive Sectors):** वे उद्योग जिनसे आर्थिक मंदी या बाजार की अस्थिरता के दौरान अपेक्षाकृत अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद होती है, जैसे FMCG, फार्मास्यूटिकल्स, और यूटिलिटीज, क्योंकि उनके उत्पादों की मांग आम तौर पर अकुशल (inelastic) होती है। * **चक्रीय क्षेत्र (Cyclical Sectors):** वे उद्योग जिनका प्रदर्शन आर्थिक चक्र से closely tied होता है, जैसे ऑटोमोटिव, बैंकिंग, धातु, और रियल एस्टेट। वे आर्थिक विस्तार के दौरान अच्छा प्रदर्शन करते हैं और संकुचन के दौरान खराब। * **बौरसेस (Bourses):** स्टॉक एक्सचेंजों को संदर्भित करता है, जैसे भारत में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE)। * **कैलेंडर वर्ष (CY):** 1 जनवरी से 31 दिसंबर तक की अवधि को संदर्भित करता है। * **प्राइस-टू-अर्निंग्स (P/E) मल्टीपल:** एक मूल्यांकन अनुपात जो कंपनी के मौजूदा शेयर मूल्य की तुलना उसके प्रति शेयर आय (EPS) से करता है। यह दर्शाता है कि निवेशक प्रति डॉलर आय के लिए कितना भुगतान करने को तैयार हैं। * **प्राइस-टू-बुक (P/B) रेशियो:** एक मूल्यांकन अनुपात जो कंपनी के बाजार पूंजीकरण की तुलना उसके बुक मूल्य से करता है। यह दर्शाता है कि निवेशक कंपनी की शुद्ध संपत्ति के प्रति डॉलर के लिए कितना भुगतान करने को तैयार हैं। * **बेसिस पॉइंट्स (bps):** माप की एक इकाई जिसका उपयोग वित्त में ब्याज दरों या अन्य प्रतिशत में छोटे बदलावों का वर्णन करने के लिए किया जाता है। 1 बेसिस पॉइंट 0.01% के बराबर होता है। * **कांस्टेंट करेंसी (Constant Currency):** वित्तीय परिणामों को रिपोर्ट करने की एक विधि जो विदेशी मुद्रा विनिमय दर में उतार-चढ़ाव के प्रभाव को हटा देती है, जिससे अवधियों में अंतर्निहित व्यावसायिक प्रदर्शन की स्पष्ट तुलना हो सके। * **वर्ष-दर-वर्ष (Y-o-Y):** चालू अवधि के वित्तीय डेटा की पिछले वर्ष की समान अवधि से तुलना। * **सीक्वेंशियल (Sequential):** डेटा की उसके तुरंत पहले की अवधि से तुलना (जैसे, Q2 की Q1 से तुलना)। * **एब्रिविएटेड न्यू ड्रग एप्लीकेशन (ANDA):** यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) के साथ जेनेरिक दवा के लिए दायर एक प्रकार का आवेदन, जो यह दर्शाता है कि यह ब्रांड-नाम दवा के बायोइक्विवेलेंट है। * **505(b)(2) पाइपलाइन:** संयुक्त राज्य अमेरिका में दवा अनुमोदन के लिए एक मार्ग जिसके तहत एक कंपनी नए दवा के अनुमोदन के लिए प्रकाशित साहित्य और FDA के पिछले निष्कर्षों पर आंशिक रूप से भरोसा कर सकती है, जिससे अक्सर तेजी से अनुमोदन प्रक्रिया होती है। * **आय ब्याज, कर, मूल्यह्रास और परिशोधन से पहले (EBITDA):** कंपनी के परिचालन प्रदर्शन का एक माप, जिसमें वित्तपोषण और लेखांकन निर्णय शामिल नहीं होते हैं। * **कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR):** एक वर्ष से अधिक की निर्दिष्ट अवधि में निवेश की औसत वार्षिक वृद्धि दर।


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