Whalesbook Logo

Whalesbook

  • Home
  • About Us
  • Contact Us
  • News

भारतीय IPOs अक्सर कंपनी की ग्रोथ नहीं, इनसाइडर एग्जिट का ज़रिया बनते हैं, एनालिस्ट की चेतावनी

Stock Investment Ideas

|

30th October 2025, 7:12 AM

भारतीय IPOs अक्सर कंपनी की ग्रोथ नहीं, इनसाइडर एग्जिट का ज़रिया बनते हैं, एनालिस्ट की चेतावनी

▶

Short Description :

Zactor Money के सह-संस्थापक ने बताया कि पिछले 5 सालों में ₹5 लाख करोड़ से ज़्यादा जुटाए गए भारतीय IPOs का एक बड़ा हिस्सा प्रमोटरों और प्राइवेट इक्विटी निवेशकों के लिए अपनी हिस्सेदारी से बाहर निकलने (एग्जिट) के लिए गया है, न कि नई परियोजनाओं या कार्यशील पूंजी (वर्किंग कैपिटल) के लिए। IPOs से निवेशकों का रिटर्न कम हुआ है, और कई अपने इश्यू प्राइस से नीचे लिस्ट हुए हैं, जो बताता है कि IPOs ग्रोथ के बजाय एग्जिट की रणनीति बनते जा रहे हैं।

Detailed Coverage :

सीए अभिषेक वालिया, Zactor Money के सह-संस्थापक, बताते हैं कि पिछले पांच सालों में भारतीय IPOs ने रिकॉर्ड ₹5 लाख करोड़ जुटाए हैं, लेकिन इसका मुख्य लाभार्थी अक्सर वे प्रमोटर और प्राइवेट इक्विटी निवेशक होते हैं जो एग्जिट की तलाश में हैं। वालिया के अनुसार, इस राशि का लगभग ₹3.3 लाख करोड़ इन एग्जिट्स के लिए इस्तेमाल हुआ, कंपनी के विस्तार के लिए नहीं। उठाए गए हर ₹100 में से केवल ₹19 प्लांट और मशीनरी के लिए, ₹19 कार्यशील पूंजी के लिए आवंटित किए गए, और एक बड़ी राशि मौजूदा कर्ज चुकाने में इस्तेमाल हुई। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने भी स्टॉक मार्केट के उत्साह के विपरीत, प्रोजेक्ट फाइनेंस में "ठंडे निवेश दृष्टिकोण" (tepid investment outlook) को नोट किया है। निवेशकों के रिटर्न में भी गिरावट देखी गई है। जहाँ 2024 में लगभग 41% IPOs ने 25% से अधिक रिटर्न दिया, वहीं 2025 में यह आंकड़ा घटकर केवल 15% रह गया। इसके अलावा, 2021 से लगभग 27% IPOs अपने इश्यू प्राइस से नीचे लिस्ट हुए हैं। वालिया इस बात पर जोर देते हैं कि IPO के पीछे का इरादा महत्वपूर्ण है। जब फंड्स का उपयोग क्षमता विस्तार या नई सुविधाएं बनाने के लिए किया जाता है, तो यह अर्थव्यवस्था को लाभ पहुंचाता है। हालाँकि, जब वे मुख्य रूप से शुरुआती निवेशकों को कैश आउट करने की सुविधा देते हैं, तो खुदरा निवेशकों को नुकसान उठाना पड़ता है। उनका सुझाव है कि वर्तमान IPO बूम अटूट विकास के बजाय "मुद्रीकृत आत्मविश्वास" (monetized confidence) को दर्शाता है, और असली विजेता तब उभरेंगे जब फोकस एग्जिट से हटकर विस्तार पर जाएगा। Impact: यह खबर भारतीय निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह IPOs को गारंटीकृत आसान पैसा मानने की आम धारणा पर सवाल उठाती है। यह उजागर करता है कि कई IPOs कंपनियों के लिए एक वास्तविक विकास इंजन बनने के बजाय शुरुआती निवेशकों के लिए एक निकास रणनीति के रूप में काम करते हैं। इससे IPOs में अधिक सतर्क निवेश हो सकता है, जो उनकी मांग और मूल्यांकन को प्रभावित कर सकता है, और ध्यान उन कंपनियों पर स्थानांतरित हो सकता है जो वास्तव में विस्तार के लिए धन जुटा रही हैं।