Stock Investment Ideas
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1st November 2025, 6:36 AM
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पारंपरिक रूप से, लार्ज-कैप स्टॉक्स बाज़ार की रिकवरी का नेतृत्व करते थे। हालाँकि, हाल ही में, मिड-कैप स्टॉक्स भी सबसे आगे रहे हैं, जिसका मुख्य कारण मिड-कैप म्यूचुअल फंड योजनाओं में महत्वपूर्ण धन का प्रवाह है। यह दर्शाता है कि निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में मिड और लार्ज-कैप दोनों तरह के स्टॉक रखने पर विचार करना चाहिए। समग्र बाज़ार सेंटिमेंट बुलिश हो गया है, जो तेज़ियों (bulls) की वापसी का संकेत देता है। इसके बावजूद, संभावित अनिश्चितताओं के कारण अल्पकालिक अशांति (turbulence) और गिरावट (corrections) की उम्मीद की जा सकती है। निवेशकों के पास दो मुख्य विकल्प हैं: अस्थिरता (volatility) के बीत जाने का इंतजार करें या लंबी अवधि के लिए "खरीदें और होल्ड करें" (buy to hold) रणनीति अपनाएं। यह लेख दूसरे विकल्प की पुरजोर वकालत करता है, जिसमें कहा गया है कि धन निर्माण अच्छी कंपनियों को होल्ड करके प्राप्त किया जाता है जिनकी आय समय के साथ बढ़ने की उम्मीद है, भले ही अल्पकालिक उतार-चढ़ाव (drawdowns) हों। भारत का मैक्रो-इकॉनोमिक परिदृश्य सकारात्मक है, जो चक्रीय मंदी (cyclical slowdowns) के बावजूद वृद्धि का गवाह है। यह लेख स्टॉक चयन के लिए विशिष्ट मानदंडों पर प्रकाश डालता है: उच्च RoE (न्यूनतम 8%) और नेट मार्जिन (न्यूनतम 6%)। इसमें चार मिड- और लार्ज-कैप कंपनियों की पहचान की गई है जो इन मानदंडों को पूरा करती हैं और वर्तमान बाज़ार की अस्थिरता से स्वतंत्र, लंबी अवधि के निवेश के लिए अनुशंसित हैं। डेटा 31 अक्टूबर, 2025 की Refinitiv's Stock Reports Plus रिपोर्ट से लिया गया है। प्रभाव: यह खबर भारतीय शेयर बाज़ार के निवेशकों के लिए अत्यंत प्रासंगिक है, जो मिड-कैप बनाम लार्ज-कैप स्टॉक्स और लंबी अवधि की रणनीतियों के संबंध में उनके निवेश निर्णयों को प्रभावित कर सकती है। इससे अनुशंसित स्टॉक्स और क्षेत्रों में रुचि और निवेश में वृद्धि हो सकती है। रेटिंग: 8/10।