भारत की आईपीओ की धूम: दिसंबर 2025 के लिए ₹30,000 करोड़ की नकदी की दौड़ - क्या आप निवेश के लिए तैयार हैं?
Overview
भारत का प्राइमरी मार्केट दिसंबर 2025 के लिए तैयार हो रहा है, जिसमें लगभग 25 कंपनियां आईपीओ के माध्यम से करीब ₹30,000 करोड़ जुटाने की योजना बना रही हैं। यह रिकॉर्ड दिसंबर 2024 के बाद है। मीशो (Meesho) और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एसेट मैनेजमेंट कंपनी (ICICI Prudential Asset Management Company) जैसे प्रमुख नाम बाजार में उतरने वालों में शामिल हैं, जो वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बावजूद मजबूत निवेशक मांग और विश्वास का संकेत दे रहे हैं।
दिसंबर 2025 में भारत के शेयर बाजार में नई लिस्टिंग का तूफान आने वाला है, जिसमें लगभग 25 कंपनियां ₹30,000 करोड़ जुटाने की योजना बना रही हैं। यह उछाल पिछले महीनों और वर्षों में अत्यधिक सफल आईपीओ बाजार के बाद आया है, जो मजबूत निवेशक की रुचि को दर्शाता है।
दिसंबर में आईपीओ की बूम की उम्मीद
- दिसंबर 2025 में लगभग 25 कंपनियां इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (आईपीओ) लॉन्च करने के लिए तैयार हैं।
- इन इश्यूज़ से सामूहिक रूप से लगभग ₹30,000 करोड़ जुटाए जाने की उम्मीद है।
- इस गतिविधि का उद्देश्य दिसंबर 2024 की सफलता पर आधारित है, जिसमें 15 कंपनियों ने ₹25,425 करोड़ जुटाए थे।
प्रमुख कंपनियां और ऑफरिंग्स
- लिस्टिंग की योजना बनाने वाले प्रमुख नामों में ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म मीशो (Meesho), एसेट मैनेजमेंट कंपनी आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एसेट मैनेजमेंट कंपनी (ICICI Prudential Asset Management Company), रिन्यूएबल एनर्जी फर्म क्लीन मैक्स एनवायरो एनर्जी सॉल्यूशंस (Clean Max Enviro Energy Solutions), एनालिटिक्स कंपनी फ्रैक्चर एनालिटिक्स (Fractal Analytics), और जुनिपर ग्रीन एनर्जी (Juniper Green Energy) शामिल हैं।
- कई मध्यम आकार की और स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइज (SME) फर्म भी इस विस्तृत पाइपलाइन का हिस्सा हैं।
- एयक्वस (Aequs), एक एयरोस्पेस सप्लायर, ₹921 करोड़ जुटाने की योजना बना रहा है, जबकि विद्या वायर्स (Vidya Wires), एक वायर उत्पाद निर्माता, ₹300 करोड़ का लक्ष्य रखा है।
निवेशक भावना और बाजार की मिसाल
- चॉइस कैपिटल के सीईओ, रत्तनराज तिबरेवाल, आगामी फंडरेज़िंग को बाजार की निरंतर मजबूती का संकेत मानते हैं।
- वह बताते हैं कि विशाल मेगा मार्ट (Vishal Mega Mart) जैसे महत्वपूर्ण आईपीओ सहित 15 कंपनियों से दिसंबर 2024 में ₹25,425 करोड़ का संग्रह एक उच्च मिसाल कायम किया है।
- तिबरेवाल नोट करते हैं कि ऑफरिंग्स की भारी मात्रा और विविधता मजबूत कॉर्पोरेट विश्वास और पर्याप्त निवेशक विकल्प दर्शाती है।
विश्लेषकों की चिंताएं: वैल्यूएशन और लिस्टिंग गेन्स
- मजबूत मांग के बावजूद, विश्लेषक निवेशकों को उच्च वैल्यूएशन के बारे में आगाह करते हैं।
- जिओजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रॅटेजिस्ट, डॉ. वी. के. विजयकुमार, लिस्टिंग गेन्स में गिरावट देख रहे हैं।
- रिपोर्टों के अनुसार, औसत लिस्टिंग गेन्स 2023-2024 में लगभग 30% से घटकर 2025 में 9% हो गए हैं, और कुछ हाई-प्राइस्ड आईपीओ इश्यू प्राइस से नीचे कारोबार कर रहे हैं।
- अब फोकस जल्दी लाभ कमाने से हटकर स्पष्ट कमाई विजिबिलिटी वाले उचित मूल्य वाले आईपीओ का मूल्यांकन करने पर है।
निवेशकों को क्या विचार करना चाहिए
- निवेशकों को चुनिंदा होने और उचित मूल्य वाली कंपनियों को प्राथमिकता देने की सलाह दी जाती है।
- जांच करने वाले प्रमुख कारकों में लाभप्रदता, ऑफर फॉर सेल (OFS) बनाम फ्रेश इश्यू का अनुपात, एंकर अलॉटमेंट पैटर्न, ऋण स्तर, नकदी प्रवाह और विकास की संभावनाएं शामिल हैं।
- जोर सट्टा लाभ के बजाय मूलभूत मूल्य पर है।
प्रभाव
- आईपीओ में वृद्धि निवेशकों को भारत की विकास गाथा में भाग लेने के अधिक अवसर प्रदान करती है।
- हालांकि, यदि वैल्यूएशन उचित नहीं हैं तो खराब स्टॉक प्रदर्शन का जोखिम भी बढ़ जाता है, जो खुदरा निवेशक विश्वास को प्रभावित कर सकता है।
- एक मजबूत आईपीओ पाइपलाइन आम तौर पर आर्थिक स्वास्थ्य और कॉर्पोरेट विश्वास का संकेत देती है।
- प्रभाव रेटिंग: 8/10
कठिन शब्दों की व्याख्या
- आईपीओ (Initial Public Offering): वह प्रक्रिया जिसके द्वारा एक निजी कंपनी पहली बार जनता को अपने शेयर पेश करती है, जिससे वह सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाली इकाई बन जाती है।
- OFS (Offer for Sale): एक तरीका जिसमें मौजूदा शेयरधारक कंपनी द्वारा नए शेयर जारी करने के बजाय नए निवेशकों को अपने शेयर बेचते हैं।
- SME (Small and Medium Enterprise): निश्चित आकार के व्यवसाय, जिन्हें आमतौर पर प्लांट और मशीनरी में निवेश या वार्षिक टर्नओवर द्वारा परिभाषित किया जाता है, अक्सर विशेष एक्सचेंज सेगमेंट पर सूचीबद्ध होते हैं।
- एंकर अलॉटमेंट: आईपीओ शेयरों का एक हिस्सा जो संस्थागत निवेशकों (जैसे म्यूचुअल फंड, बीमा कंपनियां) के लिए आरक्षित होता है, जो सार्वजनिक इश्यू खुलने से पहले खरीदने के लिए प्रतिबद्ध होते हैं, जिससे मूल्य स्थिरता मिलती है।
- लिस्टिंग गेन्स: स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेडिंग के पहले दिन आईपीओ इश्यू प्राइस से स्टॉक की कीमत में वृद्धि।

