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डीपटेक स्टार्टअप्स और वीसी ने पीयूष गोयल से टैक्स छूट और नीति सुधारों की मांग की

Startups/VC

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31st October 2025, 8:38 PM

डीपटेक स्टार्टअप्स और वीसी ने पीयूष गोयल से टैक्स छूट और नीति सुधारों की मांग की

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Short Description :

बेंगलुरु में 35 डीपटेक स्टार्टअप्स और 30 से अधिक वेंचर कैपिटल फर्मों के प्रतिनिधियों ने वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की। उन्होंने डीपटेक क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए लक्षित कर प्रोत्साहन (tax incentives) शुरू करने का आग्रह किया। मुख्य मांगों में स्टार्टअप इंडिया की मान्यता लाभ को 10 साल से आगे बढ़ाना, अनुसंधान और विकास (R&D) फंडिंग के लिए एफसीआरए (FCRA) नियमों को स्पष्ट करना, और फंड नियमों तथा डीएसआईआर (DSIR) पंजीकरण मानदंडों में सुधार करना शामिल था। मंत्री गोयल ने डीपटेक पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

Detailed Coverage :

35 डीपटेक स्टार्टअप्स, जिनमें क्यूपाईएआई (QpiAI) और एक्सपोनेंट एनर्जी (Exponent Energy) शामिल हैं, और 30 से अधिक वेंचर कैपिटलिस्ट (VCs), जैसे ब्लूम वेंचर्स (Blume Ventures) और पीक XV पार्टनर्स (Peak XV Partners), ने वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की। उन्होंने भारत के डीपटेक क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए लक्षित कर प्रोत्साहन (tax incentives) शुरू करने का आग्रह किया। स्टार्टअप्स ने स्टार्टअप इंडिया की मान्यता लाभ को मौजूदा 10 साल की सीमा से आगे बढ़ाने, अनुसंधान और विकास (R&D) फंडिंग के लिए विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम (FCRA) के नियमों को स्पष्ट करने, और फंड नियमों व वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग (DSIR) के पंजीकरण मानदंडों में सुधार लागू करने का भी अनुरोध किया।

मंत्री गोयल ने भारत के डीपटेक पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने, व्यवसाय करने में आसानी बढ़ाने और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने बड़े भाषा मॉडल (LLMs) और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसी फ्रंटियर टेक्नोलॉजीज के लिए घरेलू पूंजी को बढ़ाने और स्वदेशी फंडों को विकसित करने के महत्व पर जोर दिया। इन उन्नत क्षेत्रों में लंबी गर्भधारण अवधि (long gestation periods) और पर्याप्त पूंजी आवश्यकताओं की चुनौतियाँ हैं, जिसके कारण हार्डवेयर और प्रौद्योगिकी स्टार्टअप्स को अपेक्षाकृत कम फंडिंग (चालू वर्ष की पहली छमाही में $311 मिलियन) मिली है।

हालांकि, स्वदेशी एआई (AI) मॉडल विकास के लिए स्टार्टअप्स का चयन, सेमीकंडक्टर प्लांट प्रोत्साहन जारी करना, और 1 लाख करोड़ रुपये के आर एंड डी (R&D) फंड को मंजूरी देना जैसी सरकारी कार्रवाइयां प्रगति का संकेत देती हैं। इसके अलावा, आठ प्रमुख वीसी फर्मों द्वारा 'इंडिया डीप टेक अलायंस' (IDTA) का हालिया लॉन्च, जो अगले दशक में $1 बिलियन से अधिक के निवेश का वादा करता है, क्षेत्र की क्षमता में विश्वास बढ़ाता है।

प्रभाव: इस बैठक में चर्चा की गई नीतिगत बदलाव और सरकारी समर्थन भारत की तकनीकी क्षमताओं और महत्वपूर्ण भविष्य के क्षेत्रों में वैश्विक स्थिति को काफी बढ़ावा दे सकते हैं। इससे संबंधित सूचीबद्ध कंपनियों में पर्याप्त निवेश हो सकता है और समग्र आर्थिक विकास में तेजी आ सकती है।