2025 के पहले नौ महीनों में, महाराष्ट्र के टेक सेक्टर ने $2 बिलियन जुटाए, जो पिछले वर्ष की तुलना में 11% अधिक है। यह मजबूत शुरुआती चरण की फंडिंग और उल्लेखनीय आईपीओ से प्रेरित था। इसके विपरीत, कर्नाटक में फंडिंग में 40% की भारी गिरावट देखी गई, जिसने $2.7 बिलियन जुटाए, जिसमें लेट-स्टेज निवेश में काफी कमी आई। यह अंतर निवेशकों की भावना में बदलाव और बड़े सौदों में मंदी को दर्शाता है, जिसका कर्नाटक के स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र पर विशेष प्रभाव पड़ रहा है।