SEBI/Exchange
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Updated on 06 Nov 2025, 06:23 am
Reviewed By
Simar Singh | Whalesbook News Team
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भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने हाल ही में म्यूचुअल फंड शुल्क संरचनाओं में महत्वपूर्ण बदलाव प्रस्तावित किए थे, जिसमें नकद बाजार लेनदेन पर ब्रोकरेज फीस की सीमा को 12 आधार अंकों से घटाकर 2 आधार अंकों तक करने में भारी कटौती शामिल थी। इस कदम का उद्देश्य पारदर्शिता बढ़ाना और निवेशकों के लिए लागत कम करना था। हालांकि, इस प्रस्ताव का उद्योग द्वारा कड़ा विरोध किया गया। संस्थागत ब्रोकर्स को अपने राजस्व पर भारी असर का डर था, जबकि परिसंपत्ति प्रबंधकों ने तर्क दिया कि घटाई गई फीस उनकी आवश्यक स्टॉक अनुसंधान करने की क्षमता से समझौता कर सकती है, जिससे निवेश पर रिटर्न प्रभावित हो सकता है और विदेशी निवेशकों को लाभ मिल सकता है। कुछ उद्योग प्रतिनिधियों ने इस बात पर प्रकाश डाला कि इक्विटी योजनाओं को मजबूत अनुसंधान समर्थन की आवश्यकता होती है। सेबी उद्योग के तर्कों को स्वीकार करता है और मानता है कि अधिक खुदरा निवेशकों को आकर्षित करने और वैध चिंताओं को दूर करने के अपने उद्देश्य को पूरा करने के लिए बातचीत की गुंजाइश है। अंतिम सीमा उद्योग परामर्श के बाद तय की जाएगी, जिसके मध्य नवंबर तक पूरा होने की उम्मीद है।
Impact: यह विकास म्यूचुअल फंड के लिए अधिक संतुलित शुल्क संरचना का मार्ग प्रशस्त कर सकता है। यदि सेबी सीमा को ऊपर की ओर समायोजित करता है, तो ब्रोकर्स और परिसंपत्ति प्रबंधकों पर तत्काल राजस्व और परिचालन दबाव कम होगा, जिससे अनुसंधान की गुणवत्ता संभावित रूप से बनी रहेगी। निवेशकों के लिए, अंतिम शुल्क संरचना लागत बचत की सीमा निर्धारित करेगी। कम आक्रामक कटौती का मतलब छोटी बचत हो सकती है, लेकिन यह अधिक स्थिर म्यूचुअल फंड पारिस्थितिकी तंत्र में योगदान कर सकती है। यह निर्णय भारत के विशाल म्यूचुअल फंड उद्योग के परिचालन परिदृश्य को आकार देगा। रेटिंग: 7/10।
Difficult Terms: Mutual Funds (म्यूचुअल फंड): ऐसे निवेश वाहन जो कई निवेशकों से पैसा इकट्ठा करके स्टॉक और बॉन्ड जैसी प्रतिभूतियां खरीदते हैं। Brokerages (ब्रोकरेज): ऐसी फर्में या व्यक्ति जो ग्राहकों की ओर से वित्तीय प्रतिभूतियों का खरीदना-बेचना करते हैं। Cap (सीमा/कैप): एक अधिकतम सीमा या Ceiling। Basis Points (bps) (आधार अंक): एक माप इकाई जो एक प्रतिशत के सौवें हिस्से (0.01%) के बराबर होती है। इसका उपयोग ब्याज दरों, शुल्कों और अन्य प्रतिशत के लिए किया जाता है। Asset Managers (परिसंपत्ति प्रबंधक): ऐसे पेशेवर या कंपनियां जो ग्राहकों की ओर से निवेश पोर्टफोलियो के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार होते हैं। Institutional Brokers (संस्थागत ब्रोकर): ऐसी फर्में जो म्यूचुअल फंड, पेंशन फंड और हेज फंड जैसे संस्थागत ग्राहकों के लिए बड़े सौदों को निष्पादित करती हैं। Sell-side Research Analysts (सेल-साइड रिसर्च एनालिस्ट): ऐसे विश्लेषक जो ब्रोकरेज फर्मों के लिए काम करते हैं और निवेशकों को शेयरों पर शोध रिपोर्ट और सिफारिशें प्रदान करते हैं। Equity Schemes (इक्विटी योजनाएं): म्यूचुअल फंड योजनाएं जो मुख्य रूप से शेयरों (इक्विटी) में निवेश करती हैं।