SEBI/Exchange
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Updated on 06 Nov 2025, 12:37 pm
Reviewed By
Abhay Singh | Whalesbook News Team
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सेबी का प्रमाणन ढांचा ओवरहाल
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी), देश का पूंजी बाजार नियामक, प्रतिभूति बाजार में लगे व्यक्तियों के लिए अपने प्रमाणन ढांचे में एक बड़े सुधार की शुरुआत की है। यह प्रस्ताव, जिसे हाल ही में जारी एक परामर्श पत्र (consultation paper) में रेखांकित किया गया है, SEBI (Certification of Associated Persons in the Securities Markets) Regulations, 2007 को अद्यतन करने का लक्ष्य रखता है।
मुख्य प्रस्तावित परिवर्तन में शामिल हैं: * "संबद्ध व्यक्ति" (Associated Person) के दायरे का विस्तार: सेबी का इरादा "संबद्ध व्यक्ति" की परिभाषा का विस्तार करना है ताकि विनियमित संस्थाओं (regulated entities) के साथ बातचीत करने वाले व्यापक श्रेणी के व्यक्तियों को शामिल किया जा सके, जिससे अधिक बाजार प्रतिभागी प्रमाणन मानकों को पूरा कर सकें। * नए प्रमाणन मोड: नियामक पारंपरिक परीक्षाओं से परे लचीलापन (flexibility) प्रदान करते हुए, दीर्घकालिक प्रासंगिक पाठ्यक्रमों के पूरा होने जैसे प्रमाणन के लिए वैकल्पिक रास्ते (alternative pathways) पेश करने पर विचार कर रहा है। * छूट मानदंडों (Exemption Norms) को कड़ा करना: सेबी प्रमाणन से छूट के लिए सख्त नियम पेश करने की योजना बना रहा है, उन चिंताओं को संबोधित करते हुए कि वर्तमान मानदंडों का शोषण किया गया है।
प्रभाव (Impact) इन परिवर्तनों से भारतीय प्रतिभूति बाजार में नियामक अनुपालन (regulatory compliance), पेशेवर मानकों और निवेशक सुरक्षा को बढ़ाने की उम्मीद है। वर्तमान में प्रमाणन के दायरे से बाहर रहने वाले पेशेवरों को अब अनुपालन करना पड़ सकता है, जिससे कुछ फर्मों के लिए परिचालन जटिलता (operational complexity) या प्रशिक्षण लागत बढ़ सकती है। यह कदम वित्तीय क्षेत्र में एक मजबूत और सु-पात्र कार्यबल (well-qualified workforce) के लिए सेबी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।