SEBI/Exchange
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Updated on 12 Nov 2025, 01:11 pm
Reviewed By
Simar Singh | Whalesbook News Team

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भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) अपने हितों के टकराव (conflict-of-interest) और प्रकटीकरण (disclosure) नियमों में एक बड़ा सुधार लागू करने जा रहा है, जिसे प्रत्युष सिन्हा की अध्यक्षता वाली एक उच्च-स्तरीय समिति की सिफारिशों के आधार पर तैयार किया गया है। प्रस्तावित नियमों के तहत, सेबी बोर्ड के सदस्यों और कर्मचारियों को अपनी सभी संपत्ति, देनदारियों, ट्रेडिंग गतिविधियों और संबंधित रिश्तों को विभिन्न चरणों में प्रकट करना होगा: नियुक्ति पर, सालाना, प्रमुख घटनाओं पर, और संगठन छोड़ने पर। वरिष्ठ पदों के आवेदकों को किसी भी संभावित या कथित हितों के टकराव का भी खुलासा करना होगा। 'परिवार' की परिभाषा को भी विस्तृत किया गया है, जिसमें पति/पत्नी, आश्रित बच्चे, कानूनी वार्ड और वित्तीय रूप से आश्रित रक्त या वैवाहिक रिश्तेदार शामिल हैं। मुख्य सुरक्षा उपायों में अध्यक्ष, पूर्णकालिक सदस्यों और मुख्य महाप्रबंधक स्तर व उससे ऊपर के कर्मचारियों के लिए संपत्ति और देनदारियों का सार्वजनिक प्रकटीकरण शामिल है, जिसमें अंशकालिक सदस्यों के लिए संभावित छूटें हो सकती हैं। सेबी के शीर्ष अधिकारियों के लिए नए निवेश केवल विनियमित, पेशेवर रूप से प्रबंधित पूल्ड योजनाओं (pooled schemes) तक सीमित होंगे और उनके व्यक्तिगत पोर्टफोलियो के 25% तक सीमित होंगे, जिसमें इसी तरह के प्रतिबंध पति/पत्नी और आश्रित रिश्तेदारों पर भी लागू होंगे। अध्यक्ष और पूर्णकालिक सदस्यों को सेबी के इनसाइडर ट्रेडिंग नियमों के तहत 'इनसाइडर' के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा। हितों के टकराव को और कम करने के लिए, आधिकारिक व्यवहार से संबंधित उपहार स्वीकार करने पर प्रतिबंध होगा, सिवाय छोटे टोकन के। सेबी को हितों के टकराव की वार्षिक सारांश रिपोर्ट प्रकाशित करने, नैतिकता और अनुपालन कार्यालय (Office of Ethics and Compliance - OEC) स्थापित करने और एक समर्पित निरीक्षण समिति (Oversight Committee) बनाने का भी आग्रह किया गया है। प्रस्तावों में हितों के टकराव के लिए एआई-सक्षम निगरानी और एक सुरक्षित व्हिसल-ब्लोअर तंत्र (whistle-blower mechanism) शामिल है। प्रभाव: इन सुधारों से सेबी के भीतर पारदर्शिता और जवाबदेही में काफी वृद्धि होने की उम्मीद है, जिससे बाजार नियामक और भारतीय शेयर बाजार की समग्र निष्पक्षता में निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा। सख्त उपायों का उद्देश्य गोपनीय जानकारी के दुरुपयोग को रोकना और यह सुनिश्चित करना है कि सेबी उच्चतम नैतिक मानकों के साथ काम करे, जिससे एक अधिक मजबूत और भरोसेमंद बाजार वातावरण को बढ़ावा मिले। रेटिंग: 8/10।