SEBI/Exchange
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Updated on 09 Nov 2025, 02:42 pm
Reviewed By
Abhay Singh | Whalesbook News Team
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भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) फर्स्ट ओवरसीज कैपिटल (FOCL) द्वारा प्रबंधित लगभग 20 स्मॉल एंड मीडियम-साइज़्ड एंटरप्राइज़ (SME) लिस्टिंग के इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) की राशि में से 100 करोड़ रुपये तक की संभावित हेराफेरी की गहराई से जांच कर रहा है। यह चल रही जांच FOCL के खिलाफ प्रक्रियात्मक उल्लंघनों के लिए की गई पिछली कार्रवाई से अलग है। SEBI की जांच में एक पैटर्न सामने आया है जहां इन कंपनियों द्वारा तीन वर्षों में जुटाए गए लगभग 560 करोड़ रुपये के सार्वजनिक निर्गम की राशि का कथित तौर पर दुरुपयोग किया गया था। कार्यशील पूंजी या व्यवसाय विस्तार के लिए इच्छित धन को कथित तौर पर लिस्टिंग के कुछ हफ्तों के भीतर प्रमोटरों या विक्रेताओं से जुड़े उन संस्थाओं को हस्तांतरित कर दिया गया था, जिनके पास कोई वास्तविक परिचालन गतिविधि नहीं थी। SEBI ने इन IPOs के लिए बैंक स्टेटमेंट, विक्रेता रिकॉर्ड और एस्क्रो खातों की फोरेंसिक समीक्षा की है। उदाहरणों में निर्माण एग्री जेनेटिक्स (Nirman Agri Genetics) शामिल है, जहां कथित तौर पर 18.89 करोड़ रुपये का दुरुपयोग किया गया था, और सिनोप्टिक्स टेक्नोलॉजीज (Synoptics Technologies) ने लिस्टिंग से ठीक पहले एस्क्रो खाते से लगभग 19 करोड़ रुपये को मुद्दे से संबंधित खर्चों के रूप में हस्तांतरित किया था। इटैलियन एडिबल्स (Italian Edibles), वारानियम क्लाउड (Varanium Cloud) और अन्य कंपनियों की भी यह निर्धारित करने के लिए जांच की जा रही है कि क्या इसी तरह के तौर-तरीके का इस्तेमाल किया गया था। SEBI को आगामी महीनों में इन मामलों से संबंधित आदेश जारी करने की उम्मीद है।
प्रभाव: इस जांच का भारतीय एसएमई आईपीओ बाजार में निवेशकों के विश्वास पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा। इससे नियामक जांच बढ़ सकती है, आईपीओ फंड के उपयोग के लिए संभावित रूप से कड़े मानदंड और आरोपी कंपनियों और व्यापारी बैंकरों की प्रतिष्ठा को नुकसान हो सकता है। स्पष्टता आने तक बाजार नए एसएमई लिस्टिंग के प्रति सतर्क रह सकता है। रेटिंग: 7/10.