SEBI/Exchange
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30th October 2025, 6:49 PM

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भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने स्टॉक एक्सचेंजों के लिए नए नियम जारी किए हैं जो नॉन-बेंचमार्क इंडेक्स पर ट्रेड होने वाले डेरिवेटिव उत्पादों से संबंधित हैं। इन अतिरिक्त मानदंडों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई एक स्टॉक इंडेक्स पर अनुचित प्रभाव न डाले। प्रमुख आवश्यकताओं में ऐसे इंडेक्स के लिए कम से कम 14 कंस्टिट्यूएंट्स, शीर्ष कंस्टिट्यूएंट के लिए अधिकतम 20% वेटेज, और शीर्ष तीन कंस्टिट्यूएंट्स के लिए 45% से अधिक नहीं होने वाला संयुक्त वेटेज शामिल है। ये नियम किसी भी अन्य नॉन-बेंचमार्क इंडेक्स पर मौजूदा और भविष्य के डेरिवेटिव उत्पादों पर लागू होंगे। नियामक का इरादा हेरफेर को रोकना है, जिसमें जेन स्ट्रीट (Jane Street) जैसे मामलों से सीख ली गई है, जहाँ इंडेक्स में डोमिनेंट स्टॉक वेटेज का कथित तौर पर फायदा उठाया गया था। SEBI ने विशिष्ट कार्यान्वयन समय-सीमाएं प्रदान की हैं: एक्सचेंज बैंकएक्स (Bankex) और फिननिफ्टी (FinNifty) के वेटेज को एक सिंगल ट्रांच (tranche) में समायोजित कर सकते हैं, जबकि बैंकनिफ्टी (BankNifty) में इंडेक्स को ट्रैक करने वाली संपत्तियों के व्यवस्थित पुनर्संतुलन के लिए चार महीने का ग्लाइड पाथ (glide path) होगा। इन पात्रता मानदंडों की प्रभावी तिथियों को बैंकनिफ्टी के लिए 31 मार्च, 2026 तक और बैंकएक्स और फिननिफ्टी के लिए 31 दिसंबर, 2025 तक बढ़ा दिया गया है। Impact इन नए नियमों से कंसंट्रेशन रिस्क (concentration risk) को कम करके डेरिवेटिव इंडेक्स की अखंडता और मजबूती बढ़ने की उम्मीद है। इससे डेरिवेटिव उत्पादों की मूल्य निर्धारण में अधिक स्थिरता आ सकती है और बाजार में हेरफेर के अवसर कम हो सकते हैं, जिससे इन साधनों में निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा। रेटिंग: 7/10। Difficult Terms डेरिवेटिव उत्पाद: वित्तीय अनुबंध जिनका मूल्य किसी अंतर्निहित संपत्ति, इंडेक्स या संपत्ति समूह से प्राप्त होता है। नॉन-बेंचमार्क इंडेक्स: स्टॉक मार्केट इंडेक्स जिन्हें बाजार के प्रदर्शन के प्राथमिक या मुख्य संकेतक नहीं माना जाता है, जैसे निफ्टी या सेंसेक्स। कंस्टिट्यूएंट्स: व्यक्तिगत स्टॉक या संपत्तियां जो एक इंडेक्स बनाते हैं। हेरफेर (Manipulation): भ्रामक प्रथाओं के माध्यम से किसी सुरक्षा या वस्तु की कीमत को कृत्रिम रूप से बढ़ाना या घटाना। ग्लाइड पाथ (Glide path): एक निर्दिष्ट अवधि में परिवर्तनों को लागू करने के लिए एक चरणबद्ध दृष्टिकोण। ट्रांच (Tranche): किसी बड़ी राशि या कार्यों की श्रृंखला का एक हिस्सा या किस्त। प्रूडेंशियल नॉर्म्स (Prudential norms): वित्तीय स्थिरता और विवेकपूर्ण जोखिम प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए स्थापित नियम या दिशानिर्देश।