SEBI/Exchange
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1st November 2025, 4:34 AM
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सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने अपने अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिकारियों से जुड़े हितों के टकराव की जांच के लिए एक पैनल का गठन किया है, जो चेयरमैन तुहिन कांता पांडे के अनुसार, 10 नवंबर तक अपनी रिपोर्ट सौंपेगा। पैनल की सिफारिशों में सेबी नेतृत्व द्वारा अपनी संपत्ति का सार्वजनिक खुलासा करने का सुझाव भी शामिल हो सकता है ताकि ऐसी चिंताओं को पहले ही रोका जा सके।
BFSI समिट में बोलते हुए, पांडे ने बाजार से संबंधित कई मुद्दों पर भी टिप्पणी की: **F&O एक्सपायरी:** उन्होंने संकेत दिया कि साप्ताहिक F&O एक्सपायरी को पूरी तरह से समाप्त नहीं किया जाएगा, क्योंकि बाजार प्रतिभागी इनका उपयोग करते हैं। सेबी सट्टेबाजी को प्रबंधित करने के लिए डेटा एकत्र कर रहा है और ट्रेडिंग वॉल्यूम का विश्लेषण करेगा। उन्होंने विशेष रूप से कम अनुभवी निवेशकों के बीच, अतार्किक उत्साह (irrational exuberance) को नियंत्रित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
**एक्सपेंस रेशियो:** म्यूचुअल फंड के लिए एक्सपेंस रेशियो की सीमा को कम करने का सेबी का हालिया प्रस्ताव स्पष्टता लाने और विसंगतियों को दूर करने के उद्देश्य से है। पांडे ने कहा कि मसौदा उद्योग और निवेशक हितों को संतुलित करता है और अधिक पारदर्शिता को बढ़ावा देता है। सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) की लोकप्रियता बढ़ाने के लिए भी प्रयास जारी हैं।
**FPI बिकवाली:** कुछ विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) द्वारा हालिया बिकवाली के बावजूद, पांडे भारतीय शेयर बाजार की मजबूती के प्रति आश्वस्त रहे। उन्होंने बताया कि $900 बिलियन की संपत्ति में से $4 बिलियन की बिकवाली अत्यधिक चिंताजनक नहीं है। उन्होंने भारत में FPI के विश्वास को उच्च बताया और उनके लिए पहुंच और डिजिटल प्रक्रियाओं को सरल बनाने के सेबी की पहलों पर प्रकाश डाला।
**NSE IPO:** पांडे ने उम्मीद जताई कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया का बहुप्रतीक्षित इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) होगा, हालांकि उन्होंने कोई विशिष्ट समय-सीमा नहीं बताई। IPO सेबी की अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) का इंतजार कर रहा था।
**प्रभाव:** ये घोषणाएं बाजार सहभागियों के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि ये नियामक निगरानी, बाजार संरचना, निवेशक सुरक्षा और प्रमुख संस्थाओं की लिस्टिंग से संबंधित हैं। F&O, एक्सपेंस रेशियो और FPI सेंटिमेंट पर स्पष्टता ट्रेडिंग रणनीतियों और निवेश प्रवाह को प्रभावित कर सकती है। NSE IPO का आगे बढ़ना पूंजी बाजार के लिए एक बड़ा आयोजन हो सकता है।