SEBI/Exchange
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Updated on 13 Nov 2025, 07:56 am
Reviewed By
Satyam Jha | Whalesbook News Team
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) भारत में रिटेल ट्रेडिंग के परिदृश्य को मौलिक रूप से बदलने के लिए तैयार है, जो सभी स्टॉकब्रोकरों को रिटेल निवेशकों को एल्गोरिदमिक ट्रेडिंग सुविधाएं प्रदान करने की आवश्यकता होगी। यह महत्वपूर्ण नियामक बदलाव, जो मूल रूप से 1 अगस्त के लिए नियोजित था, की समय-सीमा को बढ़ा दिया गया है और इसे चरणों में लागू किया जाएगा ताकि आवश्यक जटिल तकनीकी और अनुपालन परिवर्तनों को समायोजित किया जा सके।
नई चरणबद्ध समय-सीमा में 31 अक्टूबर तक कम से कम एक एल्गोरिदमिक उत्पाद पंजीकृत करना, 30 नवंबर तक अतिरिक्त उत्पाद, और 3 जनवरी, 2026 तक मॉक परीक्षण आयोजित करना शामिल है। पूरा ढांचा 1 अप्रैल, 2026 से चालू हो जाएगा। नए नियमों का एक महत्वपूर्ण पहलू ओपन एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (APIs) पर प्रतिबंध है, जिसने पहले डायरेक्ट थर्ड-पार्टी कनेक्शन की अनुमति दी थी। इसके बजाय, ट्रेडर्स सुरक्षित, ब्रोकर-नियंत्रित सिस्टम का उपयोग करेंगे।
नए शासन के तहत, ब्रोकरों को अपने इंफ्रास्ट्रक्चर पर ट्रेडिंग एल्गोरिदम होस्ट और डिप्लॉय करने होंगे, जिससे एंड-टू-एंड नियंत्रण, व्यापक लॉगिंग, प्री-ट्रेड रिस्क चेक और विस्तृत ऑडिट ट्रेल सुनिश्चित होंगे। कार्यान्वयन में देरी मुख्य रूप से इसमें शामिल विशाल तकनीकी पुनर्रचना और विक्रेताओं पर निर्भरता के कारण हो रही है, जैसा कि कोटक सिक्योरिटीज और एचडीएफसी सिक्योरिटीज के अधिकारियों ने बताया है।
**प्रभाव** यह खबर भारतीय शेयर बाजार के लिए अत्यधिक प्रभावशाली है, क्योंकि यह सीधे तौर पर प्रभावित करती है कि रिटेल निवेशक कैसे ट्रेड करते हैं और ब्रोकर कैसे काम करते हैं। इसका उद्देश्य उन्नत ट्रेडिंग टूल तक पहुंच का लोकतंत्रीकरण करना है, जिससे संभावित रूप से ट्रेडिंग वॉल्यूम और बाजार दक्षता बढ़ सकती है। सुरक्षा और पारदर्शिता पर ध्यान केंद्रित करने से एक अधिक मजबूत ट्रेडिंग पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण हो सकता है। प्रभाव रेटिंग: 9/10
**कठिन शब्दों की व्याख्या** **एल्गोरिदमिक ट्रेडिंग (Algorithmic Trading):** ऑर्डर निष्पादित करने की एक विधि जिसमें समय, मूल्य और मात्रा जैसे चर के आधार पर पूर्व-प्रोग्राम किए गए स्वचालित ट्रेडिंग निर्देशों का उपयोग किया जाता है। **एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफ़ेस (API):** नियमों और प्रोटोकॉल का एक सेट जो विभिन्न सॉफ्टवेयर अनुप्रयोगों को एक-दूसरे के साथ संवाद करने की अनुमति देता है। **ओपन APIs (Open APIs):** APIs जो सार्वजनिक रूप से पहुंच के लिए उपलब्ध होते हैं, जिससे थर्ड-पार्टी डेवलपर्स सिस्टम के साथ एकीकृत हो सकते हैं। **होस्टिंग (Hosting):** ट्रेडिंग प्रोग्राम को ब्रोकर के प्लेटफॉर्म पर बनाने और एकीकृत करने की प्रक्रिया, जिससे वे निवेशकों के उपयोग के लिए तैयार हो जाएं। **प्री-ट्रेड रिस्क चेक (Pre-trade risk checks):** ऐसे सिस्टम जो त्रुटियों या धोखाधड़ी वाली गतिविधि को रोकने के लिए ट्रेड निष्पादित होने से पहले उसके संभावित जोखिमों का मूल्यांकन करते हैं।