भारत के बाज़ार नियामक, सेबी, ने बेसिक सर्विसेज डीमैट अकाउंट (BSDA) नियमों में बदलाव का प्रस्ताव दिया है। इस कदम का उद्देश्य वार्षिक रखरखाव शुल्क (AMC) की गणना को सरल बनाना है, जिसमें डिलिस्टेड सिक्योरिटीज और ज़ीरो कूपन ज़ीरो प्रिंसिपल (ZCZP) बॉन्ड को पोर्टफोलियो मूल्य के आकलन से बाहर रखा जाएगा। इस पहल का लक्ष्य छोटे खुदरा निवेशकों के लिए उचित मूल्यांकन और संभावित रूप से लागत कम करना है, साथ ही illiquid सिक्योरिटीज के उपचार को भी स्पष्ट करना है। 15 दिसंबर तक जनता से प्रतिक्रिया मांगी गई है।