Research Reports
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3rd November 2025, 1:58 AM
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मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज (MOFSL) द्वारा वित्तीय वर्ष 2026 की जुलाई-सितंबर तिमाही के नतीजों के विश्लेषण से पता चलता है कि बड़े और मझोले दर्जे की कंपनियों ने छोटी कंपनियों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है। निफ्टी के 27 सूचकांक घटकों में, जिनका लाभ कर के बाद (PAT) बढ़ा, कुल मिलाकर 5% की वृद्धि हुई, जबकि अनुमान 6% वृद्धि का था। हालांकि, 151 कंपनियों के एक बड़े समूह के लिए, PAT में 14% की वृद्धि दर्ज की गई।
इन 151 कंपनियों की आय वृद्धि में ऑयल एंड गैस, टेक्नोलॉजी, सीमेंट, कैपिटल गुड्स और मेटल्स जैसे क्षेत्रों का महत्वपूर्ण योगदान रहा, जिन्होंने वर्ष-दर-वर्ष (YoY) आय वृद्धि का 86% हिस्सा हासिल किया।
निफ्टी 50 में, HDFC बैंक, Reliance Industries, Tata Consultancy Services (TCS), JSW Steel और Infosys जैसी कंपनियों ने वृद्धिशील YoY आय वृद्धि में 122% का योगदान दिया। इसके विपरीत, Coal India, Axis Bank, Hindustan Unilever Limited (HUL) और Kotak Mahindra Bank ने निफ्टी की आय पर नकारात्मक प्रभाव डाला।
151 कंपनियों के व्यापक विश्लेषण में, बड़े दर्जे की कंपनियों ने 13% YoY आय वृद्धि दर्ज की, जबकि मझोले दर्जे की कंपनियों ने अपने मजबूत रुझान को जारी रखते हुए 26% YoY वृद्धि दिखाई, जो अनुमानों से अधिक है। हालांकि, छोटी कंपनियों ने कमजोरी दिखाई, केवल 3% YoY वृद्धि दर्ज की गई, जबकि अनुमान 4% का था। इसमें प्राइवेट बैंकों, NBFCs, टेक्नोलॉजी, रिटेल और मीडिया क्षेत्रों में गिरावट देखी गई।
प्रभाव: बाजार पूंजीकरण के बीच प्रदर्शन में यह अंतर निवेशक की रणनीति को प्रभावित कर सकता है, जिससे पोर्टफोलियो आवंटन बड़े, अधिक स्थिर कंपनियों की ओर स्थानांतरित हो सकता है। यह यह भी दर्शाता है कि कौन से क्षेत्र वर्तमान में अधिक लचीले और लाभदायक हैं, जो निवेश निर्णयों और जोखिम आकलन का मार्गदर्शन करेगा। प्रमुख क्षेत्रों और बड़ी संस्थाओं के मजबूत प्रदर्शन से समग्र बाजार भावना को बढ़ावा मिल सकता है।