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Q3 CY25 में भारत का डील मार्केट रिकॉर्ड ऊंचाई पर, 999 सौदों में 44.3 अरब डॉलर का आंकड़ा पार

Research Reports

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3rd November 2025, 9:38 AM

Q3 CY25 में भारत का डील मार्केट रिकॉर्ड ऊंचाई पर, 999 सौदों में 44.3 अरब डॉलर का आंकड़ा पार

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Short Description :

PwC इंडिया की जुलाई-सितंबर 2025 (Q3 CY25) की लेटेस्ट 'Deals at a Glance' रिपोर्ट के अनुसार, भारत का डील मार्केट एक रिकॉर्ड-तोड़ तिमाही से गुजरा है। इस अवधि में 999 सौदों में 44.3 अरब डॉलर का कारोबार हुआ, जो पिछली तिमाही की तुलना में वैल्यू में 64% और वॉल्यूम में 13% की बड़ी बढ़ोतरी है। मर्जर एंड एक्विजिशन (M&A) और प्राइवेट इक्विटी (PE) एक्टिविटी में मजबूती दिखी, जबकि IPO मार्केट ने 159 नए लिस्टिंग के साथ शानदार प्रदर्शन किया। टेक्नोलॉजी सेक्टर वैल्यू के मामले में सबसे आगे रहा, और रिटेल/कंज्यूमर बिज़नेस वॉल्यूम के मामले में टॉप पर रहे।

Detailed Coverage :

PwC इंडिया की Q3 CY25 डील्स एट ए ग्लांस रिपोर्ट लेटेस्ट PwC इंडिया रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई-सितंबर 2025 (Q3 CY25) की अवधि में देश के डील मार्केट में काफी उछाल आया है। भारत में 999 सौदों में कुल 44.3 अरब डॉलर का आंकड़ा दर्ज किया गया, जो पिछली तिमाही की तुलना में डील वॉल्यूम में 13% और डील वैल्यू में 64% की महत्वपूर्ण बढ़ोतरी है। यह प्रदर्शन पिछले छह तिमाहियों में देखी गई सबसे मजबूत तिमाही गतिविधि को दर्शाता है।

मर्जर और एक्विजिशन (M&A) इस ग्रोथ के मुख्य चालक थे, जिसमें 518 ट्रांजैक्शन हुए जिनकी वैल्यू 28.4 अरब डॉलर थी। यह पिछली तिमाही की तुलना में वैल्यू में 80% और वॉल्यूम में 26% की बढ़ोतरी है। साल-दर-साल आधार पर, घरेलू कंसॉलिडेशन और क्रॉस-बॉर्डर इंटरेस्ट बढ़ने के कारण M&A वॉल्यूम 64% और कुल वैल्यू 32% बढ़ी।

प्राइवेट इक्विटी (PE) एक्टिविटी मजबूत बनी रही, जिसमें 15.9 अरब डॉलर के 481 सौदे हुए। यह पिछली तिमाही की तुलना में बताए गए वैल्यू में 41% और वॉल्यूम में 1% की बढ़ोतरी है। पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में, PE निवेशों की वैल्यू दोगुनी से भी ज़्यादा हो गई, जिसमें 121% की बढ़ोतरी हुई, साथ ही सौदों की संख्या में 36% की वृद्धि हुई, जो हाई-ग्रोथ सेक्टर्स में लगातार निवेशक रुचि को दर्शाता है।

IPO मार्केट ने असाधारण प्रदर्शन किया, जिसमें Q3 CY25 में 159 नए लिस्टिंग हुए - जिसमें 50 मेनबोर्ड और 109 SME IPOs शामिल थे। यह पिछली तिमाही की तुलना में 156% की महत्वपूर्ण क्रमिक बढ़ोतरी है और इस साल की सबसे बड़ी तिमाही संख्या है।

PwC इंडिया ने बताया कि भारत की ग्रोथ स्टोरी में बढ़ा हुआ भरोसा, कंपनियों की बैलेंस शीट का विस्तार और स्थिर मैक्रोइकॉनॉमिक माहौल इस बढ़ी हुई डील एक्टिविटी को बढ़ावा दे रहे हैं। टेक्नोलॉजी सेक्टर वैल्यू के मामले में सबसे आगे रहा, जिसमें 146 सौदों में 13.3 अरब डॉलर का निवेश हुआ, जबकि रिटेल और कंज्यूमर बिज़नेस वॉल्यूम के मामले में सबसे ऊपर रहे, जिनके 165 ट्रांजैक्शन की वैल्यू 4.3 अरब डॉलर थी।

असर डील-मेकिंग, M&A, PE निवेशों और IPOs में इस मजबूत ग्रोथ से भारत की आर्थिक राह और कैपिटल मार्केट्स में निवेशकों का गहरा भरोसा जाहिर होता है। यह बढ़ी हुई लिक्विडिटी, भविष्य के आर्थिक विस्तार की संभावना, और सकारात्मक भावना को दर्शाता है जो लिस्टेड कंपनियों, खासकर टेक्नोलॉजी और कंज्यूमर सेक्टर्स में, को फायदा पहुंचा सकती है। यह ट्रेंड आगे भी घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय निवेश को आकर्षित करने की संभावना रखता है, जिससे रणनीतिक साझेदारी और व्यावसायिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। असर रेटिंग: 8/10।