भारत के शेयर बाज़ार में बड़ा फेरबदल! 2026 में नए सितारे चमकेंगे, पुराने नाम फीके पड़ेंगे?
Overview
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (Amfi) जनवरी 2026 में मार्केट कैपिटलाइज़ेशन श्रेणियों को फेरबदल करेगा। टाटा कैपिटल और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी जैसी नव-सूचीबद्ध कंपनियाँ लार्ज-कैप लीग में शामिल होने के लिए तैयार हैं। हीरो मोटोकॉर्प और केनरा बैंक जैसी स्थापित मिड-कैप फर्मों के ऊपर चढ़ने की उम्मीद है, जबकि ल्यूपिन और हैवल्स इंडिया जैसी वर्तमान लार्ज-कैप मिड-कैप स्थिति में डिमोट हो सकती हैं। प्रत्येक श्रेणी के लिए थ्रेशोल्ड भी बढ़ रहा है, जिसमें लार्ज-कैप कट-ऑफ ₹1.05 ट्रिलियन अनुमानित है। यह द्विवार्षिक समीक्षा सक्रिय फंड प्रबंधकों को उनके निवेश निर्णयों में मार्गदर्शन करती है।
Stocks Mentioned
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (Amfi) फरवरी 2026 में प्रभावी होने वाली मार्केट कैपिटलाइज़ेशन रैंकिंग के महत्वपूर्ण पुनर्गठन की तैयारी कर रहा है। यह नियमित समीक्षा परिदृश्य को नया आकार देने का वादा करती है, जिससे नए प्रवेशकों को लार्ज-कैप का दर्जा मिल सकता है, जबकि स्थापित खिलाड़ी श्रेणियों के बीच स्थानांतरित हो सकते हैं।
लार्ज-कैप स्थिति तक पहुँचने वाले नए सितारे (New Guards Ascend to Large-Cap Status)
- न्यूएमा अल्टरनेटिव एंड क्वांटिटेटिव रिसर्च के अनुसार, हाल ही में सूचीबद्ध टाटा कैपिटल के प्रतिष्ठित लार्ज-कैप क्लब में शामिल होने की उम्मीद है।
- दिसंबर में होने वाला आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी आईपीओ भी तुरंत लार्ज-कैप श्रेणी में छलांग लगाने के लिए तैयार है।
पायदान ऊपर चढ़ती स्थापित कंपनियाँ (Established Firms on the Move)
- मजबूत वृद्धि दिखा रही कई मिड-कैप कंपनियों के लार्ज-कैप ब्रह्मांड में स्नातक होने की उम्मीद है।
- प्रमुख उम्मीदवारों में मुथूट फाइनेंस, एचडीएफसी एएमसी, केनरा बैंक, बॉश, कमिंस इंडिया, पॉलीकैब इंडिया और हीरो मोटोकॉर्प शामिल हैं।
- इसके विपरीत, कुछ वर्तमान लार्ज-कैप दिग्गजों को मिड-कैप सेगमेंट में पुनर्वर्गीकृत होने की उम्मीद है।
- ल्यूपिन, बजाज हाउसिंग फाइनेंस, हैवल्स इंडिया, ज़ाइडस लाइफसाइंसेज, यूनाइटेड स्पिरिट्स और जिंदल स्टील एंड पावर जैसी कंपनियों को यह डिमोशन मिल सकता है।
मिड-कैप की गतिशीलता और नए प्रवेशक (Mid-Cap Dynamics and New Entrants)
- कई हालिया और आगामी लिस्टिंग के प्रवेश की उम्मीद के साथ मिड-कैप बास्केट को एक गतिशील ओवरहाल मिलने वाला है।
- एंड्योरेंस टेक्नोलॉजीज, पूनावाला फिनकॉर्प, अपार इंडस्ट्रीज, ग्रो, लेंसकार्ट सॉल्यूशंस, एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज, फिजिक्सवाला और एंथम बायोसाइंसेज जैसे उम्मीदवार मिड-कैप कॉरिडोर में प्रवेश करने के लिए तैयार हैं।
- नई-युग की टेक कंपनियों से इस श्रेणी में महत्वपूर्ण प्रभाव डालने की उम्मीद है।
बढ़ती सीमाएँ श्रेणियों को परिभाषित करती हैं (Rising Thresholds Define Categories)
- वर्गीकरण के मानदंड अधिक कड़े हो रहे हैं, जिसमें मार्केट कैपिटलाइज़ेशन की सीमाएँ बढ़ रही हैं।
- लार्ज-कैप के लिए अनुमानित कट-ऑफ अब लगभग ₹1.05 ट्रिलियन है, जो पहले ₹916 बिलियन से अधिक है।
- मिड-कैप प्रवेश सीमा भी बढ़ रही है, जो संभवतः ₹30,700 करोड़ से बढ़कर ₹34,800 करोड़ हो जाएगी।
- जनवरी 2026 की समीक्षा के लिए कट-ऑफ अवधि 1 जुलाई से 31 दिसंबर, 2025 तक है, जो छह महीनों की औसत मार्केट कैपिटलाइज़ेशन पर आधारित है।
वर्गीकरण पद्धति (Categorization Methodology)
- कंपनियों को उनके पूर्ण मार्केट कैपिटलाइज़ेशन के अनुसार रैंक किया जाता है।
- मार्केट कैप के अनुसार शीर्ष 100 कंपनियों को लार्ज-कैप नामित किया जाता है।
- 101वीं से 250वीं रैंक वाली कंपनियों को मिड-कैप के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।
- शेष सभी कंपनियाँ स्मॉल-कैप श्रेणी में आती हैं।
प्रभाव (Impact)
- हालांकि Amfi के वर्गीकरण परिवर्तन सीधे तौर पर अनिवार्य फंड अंतर्वाह या बहिर्वाह को ट्रिगर नहीं करते हैं, वे सक्रिय म्यूचुअल फंड प्रबंधकों के लिए महत्वपूर्ण संकेत हैं।
- फंड प्रबंधक स्कीम मैंडेट (जैसे, लार्ज-कैप फंड मुख्य रूप से लार्ज-कैप स्टॉक में निवेश करते हैं) के साथ संरेखित करने के लिए निवेश निर्णय लेते समय, पोर्टफोलियो को समायोजित करते समय और नई पोजीशन लेते समय इन सूचियों का बारीकी से पालन करते हैं।
- यह फंडों द्वारा अपने होल्डिंग्स को पुनर्संतुलित करने पर स्टॉक की मांग और आपूर्ति की गतिशीलता को अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित कर सकता है।
- प्रभाव रेटिंग: 8
कठिन शब्दों की व्याख्या (Difficult Terms Explained)
- मार्केट कैपिटलाइज़ेशन: किसी कंपनी के बकाया शेयरों का कुल बाजार मूल्य, जिसकी गणना मौजूदा शेयर मूल्य को शेयरों की संख्या से गुणा करके की जाती है।
- Amfi: एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया, भारत में म्यूचुअल फंड के लिए उद्योग निकाय।
- IPO: इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग, पहली बार जब कोई निजी कंपनी अपने शेयर जनता को पेश करती है।
- पुनर्वर्गीकरण: किसी चीज़ के वर्गीकरण या श्रेणी को बदलने की प्रक्रिया।
- फंड मैनेजर: म्यूचुअल फंड के निवेश पोर्टफोलियो के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार पेशेवर।

