ब्लैकरॉक ने खोला राज: भारत का बाजार अभी क्यों पिछड़ रहा है और AI का हैरान करने वाला वैश्विक प्रभाव!
Overview
ब्लैकरॉक की 2026 ग्लोबल आउटलुक रिपोर्ट में भारतीय इक्विटीज के हालिया अंडरपरफार्मेंस का जिक्र है। इसके कारणों में तेल की कीमतों और मजबूत डॉलर जैसे बाहरी दबाव, दक्षिण कोरिया और ताइवान जैसे AI-संबंधित बाजारों की ओर रुझान, और घरेलू डेरिवेटिव्स बाजार में नियामक सख्ती शामिल हैं। इसके बावजूद, भारत ने मजबूत वृद्धि के समर्थन से लंबी अवधि में शानदार रिटर्न दिया है। रिपोर्ट वर्तमान AI उछाल की तुलना, जो वास्तविक आय से प्रेरित है, पिछले बुलबुले से करती है और AI के निर्माण के लिए कंप्यूटिंग और ऊर्जा की जरूरतों जैसी संभावित बाधाओं पर प्रकाश डालती है, जिसका वैश्विक वित्त पर असर पड़ सकता है।
ब्लैकरॉक की नवीनतम "पुशिंग लिमिट्स" ग्लोबल आउटलुक रिपोर्ट बताती है कि भारतीय इक्विटी हाल ही में वैश्विक और उभरते बाजारों के साथियों से पिछड़ रही हैं। इस अंडरपरफार्मेंस के कई बाहरी और आंतरिक कारकों को जिम्मेदार ठहराया गया है जिन पर निवेशक बारीकी से नजर रख रहे हैं।
हालिया प्रदर्शन और चुनौतियाँ
- भारतीय शेयरों को निकट अवधि में बाहरी दबावों का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें अस्थिर तेल की कीमतें और मजबूत अमेरिकी डॉलर शामिल हैं, साथ ही वैश्विक स्तर पर जोखिम से बचने की सामान्य भावना भी है।
- निवेशक प्रवाह (Investor flows) आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) थीम से सीधे जुड़े बाजारों, जैसे दक्षिण कोरिया और ताइवान, की ओर स्थानांतरित हुआ है।
- घरेलू स्तर पर, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) द्वारा डेरिवेटिव्स बाजार में की गई नियामक सख्ती ने भी गतिविधियों को धीमा करने में योगदान दिया है।
- संयुक्त राज्य अमेरिका से जुड़ी भू-राजनीतिक (Geopolitical) तनातनी ने भी विकास की धारणाओं को नियंत्रित करने में भूमिका निभाई है।
भारत की दीर्घकालिक ताकतें
- हालिया पिछड़ने के बावजूद, भारतीय इक्विटी ने लंबी अवधि में उल्लेखनीय मजबूती दिखाई है, पिछले पांच वर्षों में अमेरिकी डॉलर के संदर्भ में लगभग 80 प्रतिशत रिटर्न दिया है, जो व्यापक वैश्विक और उभरते बाजारों से बेहतर प्रदर्शन है।
- भारत का फॉरवर्ड प्राइस-टू-अर्निंग्स अनुपात (P/E Ratio), उभरते बाजार के औसत से ऊपर होने के बावजूद, अर्थव्यवस्था के लिए मजबूत नॉमिनल ग्रोथ आउटलुक द्वारा समर्थित है।
- ब्लैकरॉक का अनुमान है कि भारत का इक्विटी रिस्क प्रीमियम (equity risk premium) लगभग 4.3 प्रतिशत है, जो इसके दीर्घकालिक औसत के करीब है, और यह वृद्धि और ब्याज दरों को देखते हुए उचित मूल्यांकन (valuation) का संकेत देता है।
- देश की सुधरती मैक्रोइकॉनॉमिक स्थिरता (macroeconomic stability) और क्रेडिट गुणवत्ता, विकसित बाजार के बॉन्ड के कम आकर्षक होने पर मूल्यवान आय और विविधीकरण (diversification) लाभ प्रदान करती है।
- भारत की अर्थव्यवस्था वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का लगभग 7 प्रतिशत है, जबकि इसकी इक्विटी MSCI ACWI इंडेक्स (index) का लगभग 1.7 प्रतिशत हिस्सा बनाती है, जो बाजार प्रतिनिधित्व (market representation) में विकास की क्षमता का सुझाव देता है।
AI क्रांति
- 1990 के दशक के डॉट-कॉम बुलबुले (dot-com bubble) के विपरीत, आज की अग्रणी AI-संबंधित कंपनियां पर्याप्त राजस्व (revenues), नकदी प्रवाह (cash flow) और आय (earnings) उत्पन्न कर रही हैं, जो लगातार बाजार की उम्मीदों से आगे निकल रही हैं।
- ब्लैकरॉक इन्वेस्टमेंट इंस्टीट्यूट (BlackRock Investment Institute) के चीफ मिडिल ईस्ट और APAC इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट, बेन पॉवेल ने कहा कि ये "वास्तविक कंपनियां अविश्वसनीय मात्रा में पैसा कमा रही हैं", जो AI उछाल के लिए एक मौलिक रूप से मजबूत आधार का सुझाव देता है, भले ही मूल्यांकन पर बहस हो सकती है।
- ब्लैकरॉक का अनुमान है कि AI मोमेंटम (momentum) से प्रेरित आय की मजबूती 2026 तक जारी रहेगी, जिसमें अवसर अमेरिकी मेगा टेक स्टॉक से परे जाकर वैश्विक हो जाएंगे।
AI निर्माण की बाधाएं और वित्तीय जोखिम
- अमेरिका में AI इंफ्रास्ट्रक्चर (AI infrastructure) का विस्तार महत्वपूर्ण बाधाओं का सामना कर रहा है, विशेष रूप से कंप्यूटिंग शक्ति (compute power) और ऊर्जा आपूर्ति में, जिसमें ऊर्जा सबसे महत्वपूर्ण बाधा है।
- 2030 तक, AI डेटा सेंटर अमेरिकी बिजली की वर्तमान मांग का 15-20 प्रतिशत उपभोग कर सकते हैं, जो पावर ग्रिड और संबंधित उद्योगों के लिए एक बड़ी चुनौती पेश करता है।
- ब्लैकरॉक लंबी अवधि के अमेरिकी ट्रेजरी बॉन्ड पर मंदी का रुख (bearish view) रखता है, चेतावनी देते हुए कि AI के निर्माण के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण वित्तपोषण अमेरिकी उधार लागत (borrowing costs) को बढ़ा सकता है और सरकारी ऋण (government debt) के बारे में चिंताओं को बढ़ा सकता है।
प्रभाव
- ब्लैकरॉक का यह विश्लेषण उन निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि (insights) प्रदान करता है जो भारत के बाजार की स्थिति का आकलन कर रहे हैं। यह अल्पकालिक चुनौतियों को दीर्घकालिक संरचनात्मक लाभों के साथ संतुलित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है। AI थीम की वैश्विक गतिशीलता (global dynamics) और संभावित ऊर्जा बाधाएं वैश्विक निवेश प्रवाह (investment flows) और क्षेत्र के प्रदर्शन (sector performance) को प्रभावित कर सकती हैं। अमेरिकी सरकारी ऋण और उधार लागत को लेकर चिंताएं वैश्विक वित्तीय स्थिरता (global financial stability) को प्रभावित कर सकती हैं।
- प्रभाव रेटिंग: 8/10.
कठिन शब्दों की व्याख्या
- इक्विटीज (Equities): किसी कंपनी में स्वामित्व के शेयर।
- उभरते बाजार (Emerging Markets): वे देश जिनकी अर्थव्यवस्थाएं विकासशील हैं और जो तेजी से विकास और औद्योगिकीकरण से गुजर रहे हैं।
- डेरिवेटिव्स (Derivatives): वित्तीय अनुबंध जिनका मूल्य किसी अंतर्निहित संपत्ति, जैसे स्टॉक या बॉन्ड, से प्राप्त होता है।
- भू-राजनीतिक तनातनी (Geopolitical Frictions): देशों के बीच तनावपूर्ण संबंध या संघर्ष।
- जोखिम से बचने की भावना (Risk-off Sentiment): बाजार का एक रवैया जहां निवेशक अनिश्चितता के कारण कम जोखिम वाले निवेश को प्राथमिकता देते हैं।
- मूल्य-से-आय अनुपात (Price-to-Earnings Ratio - P/E Ratio): एक मूल्यांकन मीट्रिक जो किसी कंपनी के शेयर मूल्य की तुलना उसकी प्रति शेयर आय से करता है।
- इक्विटी रिस्क प्रीमियम (Equity Risk Premium): वह अतिरिक्त रिटर्न जिसकी निवेशक जोखिम-मुक्त संपत्ति की तुलना में जोखिम भरी इक्विटी रखने के लिए उम्मीद करते हैं।
- MSCI ACWI इंडेक्स (MSCI ACWI Index): एक इंडेक्स जो 23 विकसित और 70 उभरते बाजारों के बड़े और मध्यम आकार के शेयरों का प्रतिनिधित्व करता है।
- GDP (सकल घरेलू उत्पाद): किसी देश में एक विशिष्ट अवधि के भीतर उत्पादित सभी तैयार माल और सेवाओं का कुल मौद्रिक मूल्य।
- AI-संबंधित कंपनियां (AI-linked Companies): वे व्यवसाय जो सीधे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक से जुड़े उत्पादों या सेवाओं में शामिल हैं या उनसे लाभान्वित होते हैं।
- कंप्यूट (Compute): गणनाओं और डेटा संचालन के लिए आवश्यक प्रसंस्करण शक्ति, विशेष रूप से कंप्यूटिंग और AI में।
- यूएस ट्रेजरी (US Treasuries): अमेरिकी ट्रेजरी विभाग द्वारा जारी किए गए ऋण प्रतिभूतियां, जिन्हें बहुत सुरक्षित निवेश माना जाता है।

