Renewables
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Updated on 11 Nov 2025, 06:23 am
Reviewed By
Aditi Singh | Whalesbook News Team
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एमवी (Emmvee) फोटोवोल्टेइक का बहुप्रतीक्षित इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) 11 नवंबर को निवेशकों के लिए खुल गया। शुरुआती घंटों में, शेयर बिक्री ने काफी ध्यान आकर्षित किया, और सुबह 11:45 बजे तक 4% सब्सक्रिप्शन स्तर तक पहुंच गया, जिसमें लगभग 27.87 लाख शेयरों के लिए बोलियां लगाई गईं, जो कुल 7.74 करोड़ शेयरों में से उपलब्ध हैं। रिटेल इंडिविजुअल इन्वेस्टर्स (RIIs) के लिए आरक्षित खंड में मजबूत मांग देखी गई, जिसने 17% सब्सक्रिप्शन हासिल किया। इस बीच, नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NIIs) के कोटे ने 2% सब्सक्रिप्शन दर्ज किया। इस सार्वजनिक पेशकश से पहले, एमवी (Emmvee) फोटोवोल्टेइक ने एंकर निवेशकों से सफलतापूर्वक ₹1,305 करोड़ जुटाए थे, जो बड़े संस्थागत खिलाड़ियों का शुरुआती विश्वास दर्शाता है। इस IPO का उद्देश्य कंपनी की विस्तार योजनाओं को वित्तपोषित करना और तेजी से बढ़ते नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में अपनी उपस्थिति को मजबूत करना है।
प्रभाव: यह IPO खुलना प्राथमिक बाजार के लिए एक प्रमुख घटना है, जो नवीकरणीय ऊर्जा कंपनियों के लिए निवेशकों की रुचि का संकेत देता है। मजबूत सब्सक्रिप्शन दरें इसी तरह के आगामी IPOs के लिए बाजार की भावना को बढ़ावा दे सकती हैं और लिस्टिंग पर स्टॉक के प्रदर्शन को प्रभावित कर सकती हैं। जुटाए गए फंड्स एमवी (Emmvee) फोटोवोल्टेइक को अपने संचालन को बढ़ाने में सक्षम बनाएंगे, जिससे संभावित रूप से उसका बाजार हिस्सा और लाभप्रदता बढ़ेगी। एक सफल IPO भारत में सौर ऊर्जा क्षेत्र में और अधिक निवेश को भी आकर्षित कर सकता है।
रेटिंग: 8/10
कठिन शब्दावली: IPO (इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग): यह पहली बार है जब कोई निजी कंपनी जनता को अपने शेयर पेश करती है, जिससे आम निवेशकों को कंपनी में हिस्सेदारी खरीदने की अनुमति मिलती है। सब्सक्रिप्शन: वह प्रक्रिया जहां निवेशक IPO में पेश किए जा रहे शेयरों को खरीदने के लिए औपचारिक रूप से आवेदन करते हैं। उच्च सब्सक्रिप्शन दर आम तौर पर मजबूत मांग का संकेत देती है। रिटेल इंडिविजुअल इन्वेस्टर्स (RIIs): ये वे व्यक्तिगत निवेशक होते हैं जो एक निश्चित सीमा (भारत में आमतौर पर ₹2 लाख) तक शेयरों के लिए आवेदन करते हैं। नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NIIs): ये वे निवेशक होते हैं जो RII सीमा से ऊपर शेयरों के लिए आवेदन करते हैं, बड़े संस्थागत निवेशकों को छोड़कर। इनमें अक्सर उच्च-नेट-वर्थ व्यक्ति और कॉर्पोरेट निकाय शामिल होते हैं। एंकर इन्वेस्टर्स: बड़े संस्थागत निवेशक (जैसे म्यूचुअल फंड, FIIs) जो जनता के लिए खुलने से पहले IPO के एक हिस्से में निवेश करने की प्रतिबद्धता करते हैं। उनकी भागीदारी अक्सर कंपनी में विश्वास का संकेत देती है।