Renewables
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Updated on 09 Nov 2025, 04:15 pm
Reviewed By
Aditi Singh | Whalesbook News Team
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नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के विश्लेषकों का अनुमान है कि भारत में पवन ऊर्जा क्षेत्र अगले 2-3 वर्षों में सालाना 8-10 GW पर स्थिर हो सकता है, जो सौर ऊर्जा और बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) से बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण है। वे अनुमान लगाते हैं कि यदि सुजलॉन एनर्जी अपनी बाजार हिस्सेदारी 30-35% बनाए रखती है, तो उसका वार्षिक निष्पादन FY27 और FY28 के बीच 3-3.5 GW तक सपाट हो सकता है। जेएम फाइनेंशियल ने पहले भी निष्पादन बाधाओं, जैसे कनेक्टिविटी मुद्दे, भूमि अधिग्रहण और राइट ऑफ वे (RoW) चुनौतियों को महत्वपूर्ण बाधाओं के रूप में चिह्नित किया है, जो वार्षिक पवन प्रतिष्ठानों को 7-8 GW तक सीमित कर सकती हैं। जेएम फाइनेंशियल की रिपोर्ट से पता चलता है कि सुजलॉन FY28 से विविधीकरण (diversification) के बिना विकास बनाए रखने के लिए संघर्ष कर सकता है।
हालांकि, सुजलॉन एनर्जी आशावादी बनी हुई है, जिसके पास 6.2 GW का मजबूत ऑर्डर बुक और 4.5 GW की क्षमता है। कंपनी पवन घटकों के स्थानीयकरण (localization), उपयोगिता विश्वास (utility confidence) और हाइब्रिड परियोजनाओं की ओर बदलाव से प्रेरित प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों (key performance indicators) में कम से कम 60% वृद्धि की उम्मीद करती है। सुजलॉन के ग्रुप सीईओ, जेपी चालासनी ने तर्क दिया कि सौर, पवन और BESS को संयोजित करने से फर्म और डिस्पैचेबल नवीकरणीय ऊर्जा (FDRE) प्राप्त करने के लिए कम लागत वाली ऊर्जा ("4.65 प्रति यूनिट") मिलती है, जबकि केवल सौर प्लस BESS ("6.5 प्रति यूनिट") की तुलना में।
क्षमता वृद्धि की चुनौतियों का समाधान करने के लिए, सुजलॉन ईपीसी (EPC) अनुबंधों को भूमि के साथ बंडल करने की योजना बना रही है, जिसमें 23 GW परियोजनाओं के लिए उपयुक्त भूमि की पहचान की गई है, और 11.5 GW के लिए अधिग्रहण जारी है।
प्रभाव (Impact) यह खबर सीधे तौर पर सुजलॉन एनर्जी की भविष्य की विकास संभावनाओं और निवेशक भावना (investor sentiment) को प्रभावित करती है। यह उभरती प्रौद्योगिकियों और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में मौजूदा निष्पादन चुनौतियों से संभावित बाधाओं (headwinds) पर प्रकाश डालती है। कंपनी की सौर और BESS को पवन के साथ एकीकृत करने की रणनीतिक प्रतिक्रिया (strategic response) उसकी दीर्घकालिक सफलता के लिए महत्वपूर्ण होगी। बाजार देखेगा कि सुजलॉन इन प्रतिस्पर्धी दबावों और निष्पादन बाधाओं से कैसे निपटता है।
Impact Rating: 7/10
Difficult Terms:
* **Battery Energy Storage Systems (BESS)**: ऐसे सिस्टम जो ग्रिड या सौर और पवन जैसे नवीकरणीय स्रोतों से विद्युत ऊर्जा संग्रहीत करते हैं, और आवश्यकता पड़ने पर उसे डिस्चार्ज कर सकते हैं, अक्सर ग्रिड को स्थिर करने या नवीकरणीय उत्पादन कम होने पर बिजली प्रदान करने के लिए उपयोग किए जाते हैं। * **Execution Bottlenecks**: किसी परियोजना को पूरा करने में आने वाली चुनौतियाँ या देरी, जैसे परमिट प्राप्त करना, भूमि अधिग्रहण, या ग्रिड कनेक्टिविटी। * **Right of Way (RoW)**: किसी की भूमि तक पहुँचने या बिजली लाइनें बिछाने जैसी विशिष्ट गतिविधियाँ करने के लिए कानूनी अधिकार। * **Firm and Dispatchable Renewable Energy (FDRE)**: नवीकरणीय ऊर्जा जो लगातार उपलब्ध हो और मांग के अनुसार चालू या बंद की जा सके, पारंपरिक बिजली संयंत्रों के समान, अक्सर पीढ़ी स्रोतों और भंडारण के संयोजन से प्राप्त होती है। * **Plant Load Factor (PLF)**: एक निश्चित अवधि में बिजली संयंत्र के औसत आउटपुट की उसके अधिकतम संभव आउटपुट से तुलना का माप। उच्च PLF बेहतर उपयोग को इंगित करता है। * **Engineering, Procurement, and Construction (EPC)**: एक विशेष प्रकार की अनुबंध व्यवस्था जिसमें ईपीसी ठेकेदार डिजाइन और इंजीनियरिंग से लेकर सामग्री की खरीद और परियोजना के निर्माण तक सभी गतिविधियों की जिम्मेदारी लेता है।