Renewables
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Updated on 11 Nov 2025, 06:21 am
Reviewed By
Aditi Singh | Whalesbook News Team
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रिलायंस पावर लिमिटेड ने घोषणा की है कि उसकी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी, रिलायंस एनयू एनर्जीज, ने एसजेवीएन लिमिटेड से 750 मेगावाट/3,000 एमडब्ल्यूएच फर्म एंड डिस्पैचेबल रिन्यूएबल एनर्जी (एफडीआरई) प्रोजेक्ट हासिल किया है। यह अवार्ड एसजेवीएन लिमिटेड द्वारा 1500 मेगावाट / 6000 एमडब्ल्यूएच एफडीआरई आईएसटीएस (ISTS) टेंडर के हिस्से के रूप में दिया गया है।\n\nएक एफडीआरई प्रोजेक्ट सौर, पवन और बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणालियों (बीईएसएस) का संयोजन होता है जो विशेष रूप से पीक डिमांड अवधियों के दौरान लगातार और डिस्पैचेबल पावर प्रदान करते हैं। रिलायंस एनयू एनर्जीज को मिला प्रोजेक्ट लगभग 900 एमडब्ल्यूपी (MWp) सौर उत्पादन क्षमता और 3,000 एमडब्ल्यूएच (MWh) से अधिक बीईएसएस क्षमता का एक हाइब्रिड कॉन्फ़िगरेशन का उपयोग करेगा। यह व्यवस्था बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम्स) को विश्वसनीय रिन्यूएबल पीकिंग पावर की आपूर्ति करने में सक्षम बनाती है।\n\nरिलायंस एनयू एनर्जीज ने यह क्षमता 6.74 रुपये प्रति किलोवाट-घंटा (kWh) की प्रतिस्पर्धी टैरिफ पर सुरक्षित की है। इस जीत के बाद, रिलायंस ग्रुप का विकास और कार्यान्वयन के तहत सौर और बीईएसएस प्रोजेक्ट्स का कुल पोर्टफोलियो विभिन्न टेंडरों में 4 GWp से अधिक सौर और 6.5 GWh बीईएसएस तक पहुंच गया है।\n\nप्रभाव:\nयह विकास रिलायंस पावर के लिए अत्यधिक सकारात्मक है, यह रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में उसकी स्थिति को मजबूत करता है और उसकी प्रोजेक्ट पाइपलाइन में योगदान देता है। यह भारत की डिस्पैचेबल रिन्यूएबल एनर्जी की ओर ड्राइव में महत्वपूर्ण प्रगति का भी प्रतीक है, जो ग्रिड स्थिरता और ऊर्जा मांगों को विश्वसनीय रूप से पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण है। प्राप्त प्रतिस्पर्धी टैरिफ रिन्यूएबल एनर्जी स्टोरेज मार्केट में बढ़ती परिपक्वता और लागत-प्रभावशीलता को दर्शाता है।