Renewables
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Updated on 13 Nov 2025, 01:10 pm
Reviewed By
Satyam Jha | Whalesbook News Team
ReNew Energy Global Plc ने आंध्र प्रदेश में नई हरित ऊर्जा परियोजनाओं के लिए ₹60,000 करोड़ (लगभग $6.7 बिलियन) का महत्वपूर्ण निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई है। यह घोषणा राज्य में उनके कुल नए निवेश को ₹82,000 करोड़ (लगभग $9.3 बिलियन) तक बढ़ा देती है, जो मई 2025 में एक बड़ी हाइब्रिड नवीकरणीय ऊर्जा परियोजना के लिए ₹22,000 करोड़ ($2.5 बिलियन) की पिछली प्रतिबद्धता के बाद आया है।
आंध्र प्रदेश आर्थिक विकास बोर्ड (Andhra Pradesh Economic Development Board) के साथ हस्ताक्षरित चार समझौता ज्ञापनों (MoUs) में विस्तृत नए निवेशों में 6 GW PV इनगॉट-वेफर प्लांट (PV ingot-wafer plant), 2 GW पम्प्ड हाइड्रो प्रोजेक्ट (pumped hydro project), 300,000 टन प्रति वर्ष (KTPA) ग्रीन अमोनिया सुविधा (green ammonia facility), और 5 GW अतिरिक्त हाइब्रिड परियोजनाएं (विंड-सौर और सौर-बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली) शामिल हैं।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री, नारा चंद्रबाबू नायडू (Nara Chandrababu Naidu) ने निवेश का स्वागत करते हुए कहा कि यह राज्य की नीतियों में वैश्विक विश्वास को मजबूत करता है और स्वच्छ ऊर्जा की तैनाती व रोजगार सृजन को गति देगा। Sumant Sinha, ReNew के संस्थापक, अध्यक्ष और सीईओ (Founder, Chairman, and CEO) ने रेखांकित किया कि यह विस्तार आंध्र प्रदेश में एक पूरी तरह से एकीकृत स्वच्छ ऊर्जा मूल्य श्रृंखला (integrated clean energy value chain) बनाता है, जो भारत के 'आत्मनिर्भर भारत' (Aatmanirbhar Bharat) दृष्टिकोण का समर्थन करता है।
इस पहल से 10,000 से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरियों (direct and indirect jobs) के सृजित होने की उम्मीद है, जो आंध्र प्रदेश के महत्वाकांक्षी नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों (renewable energy targets) को प्राप्त करने में योगदान देगा।
**प्रभाव (Impact)** यह खबर भारतीय नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र (Indian renewable energy sector) और भारतीय शेयर बाजार (Indian stock market) के लिए अत्यधिक सकारात्मक है। इस तरह के बड़े पैमाने पर निवेश स्वच्छ ऊर्जा, विनिर्माण (manufacturing) और बुनियादी ढांचा विकास (infrastructure development) में शामिल कंपनियों के लिए मजबूत विकास की संभावनाओं का संकेत देते हैं। यह सतत विकास (sustainable development) और ऊर्जा स्वतंत्रता (energy independence) के प्रति भारत की प्रतिबद्धता में निवेशक विश्वास को भी बढ़ाता है।
रेटिंग: 9/10
**शर्तों का स्पष्टीकरण (Terms Explained)** * **PV इनगॉट-वेफर प्लांट (PV ingot-wafer plant)**: एक विनिर्माण सुविधा जो सिलिकॉन इनगॉट्स का उत्पादन करती है और फिर उन्हें वेफर्स में काटती है। ये वेफर्स सौर फोटोवोल्टिक (PV) सेल बनाने के लिए मूलभूत आधार सामग्री हैं, जो सूर्य के प्रकाश को बिजली में परिवर्तित करते हैं। * **पम्प्ड हाइड्रो प्रोजेक्ट (Pumped hydro project)**: ऊर्जा भंडारण का एक प्रकार जो विभिन्न ऊंचाइयों पर दो जल भंडारों का उपयोग करता है। जब बिजली की मांग कम होती है या आपूर्ति अधिशेष (surplus) होती है, तो पानी को पंप करके ऊपरी जलाशय में ले जाया जाता है। जब मांग अधिक होती है, तो पानी को टर्बाइनों के माध्यम से नीचे की ओर छोड़ा जाता है ताकि बिजली उत्पन्न की जा सके। * **KTPA (किलोटन प्रति वर्ष - Kilotonnes Per Annum)**: एक माप इकाई जो एक सुविधा की उत्पादन क्षमता को इंगित करती है, जिसका अर्थ है प्रति वर्ष हजारों मीट्रिक टन का उत्पादन। * **ग्रीन अमोनिया सुविधा (Green ammonia facility)**: एक संयंत्र जो अमोनिया (उर्वरकों के लिए एक प्रमुख घटक और एक संभावित स्वच्छ ईंधन) का उत्पादन करता है, जिसमें नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों (जैसे सौर या पवन ऊर्जा) से प्राप्त हाइड्रोजन का उपयोग इलेक्ट्रोलिसिस के माध्यम से किया जाता है, जिससे उत्पादन प्रक्रिया कार्बन-मुक्त हो जाती है। * **हाइब्रिड परियोजनाएं (Hybrid projects) (विंड-सौर और सौर-BESS)**: नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाएं जो विभिन्न उत्पादन स्रोतों को जोड़ती हैं, जैसे पवन और सौर ऊर्जा, या सौर ऊर्जा को बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (BESS) के साथ एकीकृत करती हैं, ताकि अधिक सुसंगत और विश्वसनीय बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके। * **BESS (बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली - Battery Energy Storage Systems)**: ऐसी प्रणालियाँ जो बाद में उपयोग के लिए बैटरियों में विद्युत ऊर्जा का भंडारण करती हैं। ये ग्रिड स्थिरता (grid stability), सौर और पवन जैसे नवीकरणीय स्रोतों की रुक-रुक कर होने वाली आपूर्ति (intermittency) के प्रबंधन और आवश्यकता पड़ने पर बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। * **आत्मनिर्भर भारत (Aatmanirbhar Bharat)**: एक हिंदी शब्द जिसका अर्थ है 'आत्मनिर्भर भारत'। यह भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक राष्ट्रीय पहल है जो घरेलू विनिर्माण, स्वदेशी क्षमताओं और आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत करने के लिए है ताकि आर्थिक आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिले।