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भारतीय बैंकों ने ग्रीन एनर्जी लोन में अरबों का इजाफा किया: रिन्यूएबल सेक्टर में ज़बरदस्त उछाल!

Renewables

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Updated on 14th November 2025, 1:08 AM

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Author

Satyam Jha | Whalesbook News Team

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Crux:

भारतीय बैंकों ने रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर को दिए जाने वाले लोन में काफ़ी बढ़ोतरी की है, सितंबर 2025 तक बकाया लोन साल-दर-साल दोगुने से ज़्यादा होकर ₹14,842 करोड़ हो गए हैं। यह ग्रोथ अन्य प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की तुलना में काफी ज़्यादा है और यह तेज़ प्रोजेक्ट निष्पादन (execution), अनुकूल सरकारी नीतियों, GST में कमी और घरेलू विनिर्माण (manufacturing) के विस्तार, खासकर सौर ऊर्जा (solar energy) में, के कारण है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगर प्रोजेक्ट डेवलपमेंट की गति बनी रहती है तो यह रुझान जारी रहेगा।

भारतीय बैंकों ने ग्रीन एनर्जी लोन में अरबों का इजाफा किया: रिन्यूएबल सेक्टर में ज़बरदस्त उछाल!

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Detailed Coverage:

भारतीय बैंक रिन्यूएबल एनर्जी (RE) सेक्टर के प्रति काफ़ी बुलिश (bullish) दिख रहे हैं, जिसका प्रमाण बकाया लोन में साल-दर-साल (year-on-year) उल्लेखनीय वृद्धि है। सितंबर 2025 तक, RE सेक्टर को दिया गया क्रेडिट ₹14,842 करोड़ था, जो सितंबर 2024 के ₹6,778 करोड़ से दोगुने से भी ज़्यादा है। यह वृद्धि दर कृषि, MSMEs और आवास जैसे अन्य प्रमुख क्षेत्रों की तुलना में काफी ज़्यादा है। उद्योग के विशेषज्ञ इस तेज़ी का श्रेय मजबूत प्रोजेक्ट निष्पादन (execution) को दे रहे हैं, जिसे अनुकूल नीतिगत माहौल (policy environment) और GST में कमी से बढ़ावा मिला है, जिसने पहले अटके हुए प्रोजेक्ट्स को कार्यान्वयन (implementation) चरण में लाने में सक्षम बनाया है। ICRA Ltd के सचिन सचदेवा ने बताया कि यह रुझान स्वस्थ क्षेत्र की वृद्धि (sector growth) और महत्वपूर्ण क्षमता वृद्धि (capacity additions) को दर्शाता है, जिसमें फंडिंग मुख्य रूप से निर्माणाधीन (under-construction) प्रोजेक्ट्स को निर्देशित की जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि RE स्पेस में इन्फ्रास्ट्रक्चर-केंद्रित NBFCs (NBFC-IFCs) का एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) पिछले दो वर्षों में लगभग 30% की कंपाउंड एन्युअल ग्रोथ रेट (CAGR) से बढ़ा है। Ceigall India Ltd के रामनीक सहगल ने इस बात पर ज़ोर दिया कि यह उछाल सौर ऊर्जा (solar energy) में विशेष रूप से तेज़ प्रोजेक्ट निष्पादन (project execution) का संकेत देता है, जो सौर मॉड्यूल (solar module) की कीमतों में कमी और घरेलू विनिर्माण (domestic manufacturing) में वृद्धि से प्रेरित है। भारत FY26 में 42 गीगावाट (GW) सौर क्षमता जोड़ने का अनुमान है। अक्टूबर 2025 तक, भारत की कुल स्थापित RE क्षमता (बड़े हाइड्रो को छोड़कर) लगभग 2 लाख मेगावाट (MW) थी, जिसमें अप्रैल से अक्टूबर 2025 के बीच 27,927 MW जोड़ी गई। इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च के विवेक जैन जैसे विशेषज्ञों का सुझाव है कि लोन ग्रोथ निर्माणाधीन और चालू (commissioned) दोनों प्रोजेक्ट्स का एक संयोजन दर्शाती है, और इसकी निरंतरता प्रोजेक्ट विकास (project development) की गति पर निर्भर करती है। फाइनेंसिंग में वृद्धि लागत मुद्रास्फीति (cost inflation) के बजाय बढ़ती निष्पादन गतिविधि (execution activity) का प्रतिबिंब मानी जा रही है, जिसमें इनपुट लागतें स्थिर हैं और GST में कमी से प्रोजेक्ट लागतों को अनुकूलित (optimize) करने में मदद मिल रही है।

Impact: यह खबर भारत के नवीकरणीय ऊर्जा (renewable energy) परिवर्तन में मजबूत वित्तीय सहायता और निवेशक विश्वास को दर्शाती है। यह इस क्षेत्र में शामिल नवीकरणीय ऊर्जा कंपनियों और वित्तीय संस्थानों के लिए मजबूत विकास की संभावनाओं का संकेत देती है, और देश के हरित ऊर्जा लक्ष्यों (green energy targets) को बढ़ावा देती है। रेटिंग: 8/10.


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