Renewables
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Updated on 15th November 2025, 3:00 PM
Author
Aditi Singh | Whalesbook News Team
सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) और आंध्र प्रदेश सरकार मिलकर नंद्याल में 1200 MWh बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) और 50 MW का हाइब्रिड सोलर प्रोजेक्ट विकसित कर रहे हैं। इसका उद्देश्य भारत के स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन को तेज करना, ग्रिड स्थिरता बढ़ाना और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के एकीकरण को मजबूत करना है।
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सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (SECI), जो एक केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई है, आंध्र प्रदेश सरकार के साथ मिलकर नंद्याल में एक महत्वपूर्ण 1200 मेगावाट-घंटे (MWh) बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) और 50 MW का हाइब्रिड सोलर प्रोजेक्ट स्थापित करने जा रही है।
यह सहयोग भारत में ऊर्जा भंडारण के लिए सबसे बड़े राज्य-स्तरीय पहलों में से एक है, जो देश के स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन को महत्वपूर्ण बढ़ावा देगा। इस समझौते को आंध्र प्रदेश पार्टनरशिप समिट 2025 के ऊर्जा सत्र के दौरान अंतिम रूप दिया गया था। SECI को केंद्रीय विद्युत मंत्रालय द्वारा BESS के लिए कार्यान्वयन एजेंसी नामित किया गया है, जिसे अक्टूबर 2025 में बोर्ड-स्तरीय मंजूरी मिल चुकी थी।
दोनों परियोजनाएं CAPEX मॉडल के तहत विकसित की जाएंगी, जिसका अर्थ है कि SECI पूरी निवेश जिम्मेदारी संभालेगी। केंद्र का यह रणनीतिक कदम फर्म नवीकरणीय क्षमता का तेजी से विस्तार करने और महत्वपूर्ण ऊर्जा संपत्तियों पर नियंत्रण बनाए रखने का लक्ष्य रखता है।
इस विकास से आंध्र प्रदेश के उच्च-गुणवत्ता वाले नवीकरणीय बुनियादी ढांचे के निर्माण के प्रयासों में तेजी आने और ग्रिड स्थिरता में काफी सुधार होने की उम्मीद है। 1200 MWh BESS भारत के सबसे बड़े ग्रिड-स्केल स्टोरेज डिप्लॉयमेंट में से एक होने की उम्मीद है, जो सौर और पवन ऊर्जा उत्पादन के उच्च स्तर को एकीकृत करने में सक्षम एक अधिक लचीले, भंडारण-सक्षम राष्ट्रीय ग्रिड का मार्ग प्रशस्त करेगा। साथ ही 50 MW का हाइब्रिड सोलर प्रोजेक्ट नवीकरणीय क्षमता और बिजली आपूर्ति की विश्वसनीयता को और बढ़ाएगा।
प्रभाव: 8/10। इस खबर का भारतीय शेयर बाजार पर काफी असर पड़ेगा, विशेष रूप से नवीकरणीय ऊर्जा, ऊर्जा भंडारण समाधान, बिजली अवसंरचना और संबंधित प्रौद्योगिकियों में शामिल कंपनियों के लिए। यह ग्रिड आधुनिकीकरण और नवीकरणीय एकीकरण में मजबूत सरकारी समर्थन और निवेश का संकेत देता है, जो इस क्षेत्र में निवेशकों की रुचि और परियोजना विकास को बढ़ा सकता है।