Renewables
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29th October 2025, 11:48 AM

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इन्सोलेशन एनर्जी लिमिटेड की सहायक कंपनी, इन्सोलेशन ग्रीन इन्फ्रा प्राइवेट लिमिटेड, को सिगो रिटेल लिमिटेड द्वारा ₹232.36 करोड़ (वस्तु एवं सेवा कर को छोड़कर) का एक महत्वपूर्ण टर्नकी प्रोजेक्ट ऑर्डर मिला है। इस परियोजना में ग्रिड-सिंक्रनाइज़्ड सौर ऊर्जा संयंत्र के पूरे जीवनचक्र को शामिल किया गया है, जिसमें इसका डिजाइन, विकास, इंजीनियरिंग, निर्माण, आपूर्ति, और इसके अधिष्ठापन, परीक्षण और अंतिम कमीशनिंग का पर्यवेक्षण शामिल है। संयंत्र की क्षमता 54 मेगावाट एसी (जो 70.20 मेगावाट पीक डीसी के बराबर है) होगी और इसे राजस्थान के विभिन्न स्थलों पर तैनात किया जाएगा, जो प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (कुसुम) योजना के तहत संचालित होगा। इस घरेलू ऑर्डर का कार्यान्वयन वित्तीय वर्ष 2025 से 2027 तक चलने की उम्मीद है। इन्सोलेशन एनर्जी ने स्पष्ट किया है कि प्रमोटर या प्रमोटर समूह की सिगो रिटेल लिमिटेड में कोई हिस्सेदारी नहीं है, जिससे यह पुष्टि होती है कि यह एक संबंधित पक्ष का लेनदेन नहीं है।
प्रभाव: इस ऑर्डर से इन्सोलेशन एनर्जी के राजस्व और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में बाजार उपस्थिति बढ़ने की उम्मीद है, जिससे निवेशकों का विश्वास बढ़ सकता है और इसके स्टॉक प्रदर्शन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। रेटिंग: 7/10
कठिन शब्दों की व्याख्या: * टर्नकी प्रोजेक्ट: एक अनुबंध जिसमें एक पक्ष (ठेकेदार) ग्राहक को एक पूर्ण, उपयोग के लिए तैयार परियोजना या सुविधा प्रदान करने के लिए जिम्मेदार होता है। ग्राहक को संचालन शुरू करने के लिए "चाबी घुमानी" होती है। * ग्रिड-सिंक्रनाइज़्ड सौर ऊर्जा संयंत्र: एक सौर ऊर्जा संयंत्र जो राष्ट्रीय बिजली ग्रिड से जुड़ा होता है, जिससे यह उत्पन्न बिजली को ग्रिड में भेज सकता है या आवश्यकता पड़ने पर ग्रिड से बिजली ले सकता है। * MW AC / MWp DC: MW AC (मेगावाट अल्टरनेटिंग करंट) पावर प्लांट की आउटपुट क्षमता को संदर्भित करता है जब इसे ग्रिड में वितरित किया जाता है। MWp DC (मेगावाट पीक डायरेक्ट करंट) मानक परीक्षण स्थितियों में सौर मॉड्यूल की पीक डायरेक्ट करंट आउटपुट क्षमता को संदर्भित करता है, जिसे एसी में परिवर्तित करने से पहले मापा जाता है। * कुसुम योजना: भारत सरकार की प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (कुसुम) योजना का उद्देश्य किसानों को अपनी भूमि पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने में सहायता करना और ग्रामीण भारत में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देना है। * संबंधित पक्ष का लेनदेन: स्वामित्व या नियंत्रण से जुड़े पक्षों के बीच एक व्यावसायिक सौदा। ऐसे लेनदेन को हितों के टकराव की संभावना के कारण अधिक जांच की आवश्यकता होती है।