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भारत ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन बैठक में वैश्विक स्वच्छ सौर ऊर्जा पहलों का शुभारंभ किया

Renewables

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28th October 2025, 3:19 PM

भारत ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन बैठक में वैश्विक स्वच्छ सौर ऊर्जा पहलों का शुभारंभ किया

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Short Description :

भारत ने नई दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) की बैठक में स्वच्छ, न्यायसंगत और चक्रीय सौर ऊर्जा प्रणालियों को बढ़ावा देने के लिए प्रमुख वैश्विक पहलों का शुभारंभ किया है। प्रमुख कार्यक्रमों में सौर कचरा रीसाइक्लिंग के लिए SUNRISE, क्रॉस-बॉर्डर ग्रिड कनेक्शन के लिए One Sun One World One Grid (OSOWOG), सौर अनुसंधान एवं विकास के लिए ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (GCC), और छोटे द्वीप विकासशील राज्यों (SIDS) के लिए एक खरीद मंच शामिल हैं। इन प्रयासों का उद्देश्य ISA को वकालत से कार्यान्वयन की ओर ले जाना है, जिससे सौर ऊर्जा विश्व स्तर पर अधिक सुलभ और टिकाऊ बन सके।

Detailed Coverage :

भारत ने नई दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) के आठवें सत्र में कई प्रमुख वैश्विक पहलों का अनावरण किया है, जिसका उद्देश्य स्वच्छ, न्यायसंगत और चक्रीय सौर ऊर्जा प्रणालियों की ओर दुनिया के परिवर्तन को तेज करना है। इनमें सौर कचरे के प्रबंधन और चक्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए SUNRISE (Solar Upcycling Network for Recycling, Innovation & Stakeholder Engagement); क्रॉस-बॉर्डर सौर ऊर्जा व्यापार की सुविधा के लिए One Sun One World One Grid (OSOWOG); सौर अनुसंधान एवं विकास और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए भारत में "सौर के लिए सिलिकॉन वैली" के रूप में परिकल्पित ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (GCC); और छोटे द्वीप विकासशील राज्यों (SIDS) को कुशलतापूर्वक सौर प्रणालियों की खरीद में मदद करने के लिए विश्व बैंक के साथ विकसित SIDS प्रोक्योरमेंट प्लेटफॉर्म शामिल हैं। एकत्रित रूप से, ये पहलें ISA को वकालत से कार्यान्वयन की ओर एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतीक हैं, जो गठबंधन के मिशन को मजबूत करती हैं जिसका उद्देश्य ग्लोबल साउथ में सौर ऊर्जा को सुलभ, किफायती और टिकाऊ बनाना है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस बात पर जोर दिया कि सौर प्रगति को सुधर चुके जीवन और रूपांतरित समुदायों द्वारा मापा जाना चाहिए, और समावेशिता और जन-केंद्रित विकास की वकालत की। ISA के महानिदेशक आशीष खन्ना ने सौर क्षमता की तीव्र वृद्धि पर प्रकाश डाला और बताया कि कैसे ये नए कार्यक्रम विश्व स्तर पर सौर तैनाती को बढ़ाने का लक्ष्य रखते हैं।

प्रभाव: यह खबर वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र, विशेष रूप से सौर ऊर्जा के लिए अत्यधिक प्रभावशाली है। यह जलवायु कार्रवाई और स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकी में भारत को एक अग्रणी के रूप में स्थापित करता है। इन पहलों से सौर विनिर्माण, रीसाइक्लिंग अवसंरचना, ग्रिड प्रौद्योगिकी और अनुसंधान एवं विकास में महत्वपूर्ण निवेश को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, जिससे अनगिनत हरित रोजगार पैदा हो सकते हैं और भाग लेने वाले देशों की ऊर्जा सुरक्षा बढ़ सकती है। भारत के लिए, यह वैश्विक ऊर्जा परिदृश्य में इसके रणनीतिक महत्व और सतत विकास लक्ष्यों के प्रति इसकी प्रतिबद्धता को पुष्ट करता है। Impact Rating: 9/10

परिभाषाएँ: * SUNRISE: सरकारों, उद्योगों और नवोन्मेषकों को एंड-ऑफ-लाइफ सौर पैनलों और उपकरणों को रीसायकल और अपसाइकल करने के लिए जोड़ने का एक मंच, जिससे कचरे को हरित उद्योग विकास के लिए संसाधनों में बदला जा सके। * One Sun One World One Grid (OSOWOG): एक विश्व स्तर पर इंटरकनेक्टेड सौर ऊर्जा ग्रिड बनाने की पहल, जो विभिन्न क्षेत्रों और देशों में सौर ऊर्जा के हस्तांतरण को सक्षम बनाती है। * Global Capability Centre (GCC): भारत में नियोजित एक केंद्र, जिसे "सौर के लिए सिलिकॉन वैली" के रूप में वर्णित किया गया है, जो सौर प्रौद्योगिकी में अनुसंधान, विकास, नवाचार और क्षमता निर्माण पर केंद्रित है। * SIDS: Small Island Developing States के लिए संक्षिप्त रूप, जो जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा सुरक्षा जैसी चुनौतियों का सामना करने वाले कमजोर राष्ट्र हैं, जिन्हें एक समन्वित सौर खरीद मंच से लाभ होगा। * COP21: UNFCCC की 21वीं कॉन्फ्रेंस ऑफ द पार्टीज, जो 2015 में पेरिस में आयोजित हुई थी, जहां पेरिस समझौते को अपनाया गया था। ISA को COP21 में लॉन्च किया गया था। * COP30: UNFCCC की 30वीं कॉन्फ्रेंस ऑफ द पार्टीज, जो ब्राजील में निर्धारित है। * Upcycling: कचरे की सामग्री या अवांछित उत्पादों को बेहतर गुणवत्ता या बेहतर पर्यावरणीय मूल्य के लिए नई सामग्री या उत्पादों में बदलना। * Circular Economy: एक आर्थिक प्रणाली जिसका उद्देश्य कचरे को खत्म करना और संसाधनों का निरंतर उपयोग करना है, जो "टेक-मेक-डिस्पोज" की पारंपरिक रैखिक अर्थव्यवस्था के विपरीत है।