Renewables
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29th October 2025, 2:58 AM

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भारत दक्षिण पूर्व एशिया में ऊर्जा संक्रमण (energy transition) को तेज करने और ऊर्जा सुरक्षा (energy security) को मजबूत करने के रास्ते सक्रिय रूप से तलाश रहा है, जिसमें सिंगापुर एक शुरुआती बिंदु है। भारत के केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (Central Electricity Authority) के अध्यक्ष घनश्याम प्रसाद ने भारत और सिंगापुर के बीच प्रत्यक्ष ग्रिड इंटरकनेक्शन (grid interconnection) की योजनाओं का खुलासा किया, जो 'वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड' पहल का विस्तार है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना का उद्देश्य क्षेत्रीय नवीकरणीय संसाधनों (renewable resources) का इष्टतम उपयोग (optimal manner) करना है, जिससे भारत सिंगापुर और संभावित रूप से व्यापक क्षेत्र को सौर, पवन, जलविद्युत और पम्प्ड स्टोरेज (pumped storage) बिजली का निर्यात कर सके। इस लिंक के लिए प्रारंभिक प्रस्तावित क्षमता लगभग 2,000 मेगावाट (MW) है।
प्रभाव: यह पहल भारत के नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर प्रस्तुत करती है, जो नए निर्यात बाजार बना सकती है और हरित ऊर्जा (green energy) में इसकी स्थिति को मजबूत कर सकती है। सिंगापुर जैसे दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के लिए, यह उनके बिजली पोर्टफोलियो में विविधता लाने, जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने और स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों की ओर उनके संक्रमण को तेज करने का एक तरीका प्रदान करता है। इसके आर्थिक निहितार्थों में भारतीय ऊर्जा कंपनियों के लिए राजस्व में वृद्धि और क्षेत्र के ऊर्जा उपभोक्ताओं के लिए लागत बचत की क्षमता शामिल है। रेटिंग: 8/10।