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अडानी ग्रीन एनर्जी भारत की सबसे बड़ी बैटरी स्टोरेज रणनीति लॉन्च करेगी

Renewables

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30th October 2025, 6:36 AM

अडानी ग्रीन एनर्जी भारत की सबसे बड़ी बैटरी स्टोरेज रणनीति लॉन्च करेगी

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Stocks Mentioned :

Adani Green Energy Limited

Short Description :

अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (AGEL) भारत में अभूतपूर्व पैमाने पर बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) विकसित कर रही है। कंपनी नवीकरणीय ऊर्जा (renewable energy) के विकास को बढ़ावा देने के लिए एक व्यापक राष्ट्रीय रणनीति की घोषणा करने की योजना बना रही है। सीईओ आशीष खन्ना ने बताया कि सौर ऊर्जा (solar power) और BESS प्रतिष्ठानों के लिए भूमि स्वामित्व में अडानी ग्रीन का रणनीतिक लाभ है, और ऊर्जा भंडारण (energy storage) को पम्प्ड हाइड्रो परियोजनाओं के साथ नवीकरणीय ऊर्जा का भविष्य माना जा रहा है। BESS में तकनीकी प्रगति और गिरती कीमतों का लाभ उठाया जाएगा।

Detailed Coverage :

अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (AGEL) भारत के नवीकरणीय ऊर्जा परिदृश्य में क्रांति लाने के लिए तैयार है, जिसमें वह देश में अभूतपूर्व पैमाने पर बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) विकसित करेगी। कंपनी के सीईओ, आशीष खन्ना ने घोषणा की कि नवीकरणीय ऊर्जा के अगले चरण को तेज करने के लिए एक व्यापक राष्ट्रीय रणनीति की योजना बनाई जा रही है, जिसमें ऊर्जा भंडारण की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया गया है। खन्ना ने समझाया कि अडानी ग्रीन अपने मौजूदा सौर ऊर्जा संपत्तियों और मालिकाना भूमि बैंकों के कारण अनूठी स्थिति में है, जो BESS स्थापित करने के लिए आदर्श हैं। यह रणनीतिक लाभ कंपनी को भंडारण समाधानों को नवीकरणीय उत्पादन के साथ सहजता से एकीकृत करने की अनुमति देता है। अडानी ग्रीन के अनुसार, सौर मॉड्यूल के विकसित होने की तरह ही, नवीकरणीय ऊर्जा का भविष्य BESS और पम्प्ड हाइड्रो स्टोरेज प्रोजेक्ट्स जैसे ऊर्जा भंडारण प्रणालियों पर बहुत अधिक निर्भर करेगा। तकनीकी सुधार और घटती लागतें BESS को तेजी से व्यवहार्य बना रही हैं। अडानी ग्रीन इस विकसित क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए प्रमुख निर्माताओं के साथ सहयोग कर रही है। BESS ग्रिड स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह कम मांग के दौरान अतिरिक्त ऊर्जा संग्रहीत करता है और पीक समय के दौरान इसे जारी करता है, जिससे आवृत्ति विनियमन और वोल्टेज समर्थन जैसी आवश्यक सेवाएं मिलती हैं और आउटेज को रोका जा सकता है। भंडारण की ओर बदलाव हाल के नवीकरणीय ऊर्जा निविदाओं में भी दिखाई दे रहा है, जिनमें विशुद्ध रूप से सौर या पवन परियोजनाओं के बजाय, भंडारण को शामिल करने वाले पीक-पावर और राउंड-द-क्लॉक (RTC) पावर समाधानों को अधिक प्राथमिकता दी जा रही है। अडानी ग्रीन कई भारतीय राज्यों में 5 गीगावाट (GW) से अधिक पम्प्ड हाइड्रो स्टोरेज परियोजनाओं का भी विकास कर रही है और निष्पादन पर ट्रैक पर है, जिसने आंध्र प्रदेश में अपनी पहली 500 मेगावाट (MW) परियोजना का 57% काम पूरा कर लिया है। प्रभाव: इस पहल से ग्रिड स्थिरता में महत्वपूर्ण वृद्धि, नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का उच्च एकीकरण और संभावित रूप से ऊर्जा लागत में कमी आने की उम्मीद है, क्योंकि आपूर्ति-मांग संतुलन में सुधार होगा। यह अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड को भारत के हरित ऊर्जा संक्रमण के लिए महत्वपूर्ण ऊर्जा भंडारण क्षेत्र में एक अग्रणी के रूप में स्थापित करता है।