Renewables
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Updated on 12 Nov 2025, 05:04 pm
Reviewed By
Satyam Jha | Whalesbook News Team
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फुजियामा पावर सिस्टम्स, जो नोएडा स्थित सौर पैनलों और इन्वर्टर की निर्माता है, 828 करोड़ रुपये का इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) लॉन्च करने के लिए तैयार है। सब्सक्रिप्शन अवधि 13 नवंबर से 17 नवंबर तक खुली रहेगी, जिसकी प्राइस बैंड 216 रुपये और 228 रुपये प्रति शेयर के बीच तय की गई है।
IPO में 600 करोड़ रुपये के फ्रेश इक्विटी शेयर्स का इश्यू शामिल है, जिसका उद्देश्य व्यावसायिक विस्तार और कर्ज कम करने के लिए पूंजी जुटाना है, साथ ही 228 करोड़ रुपये का ऑफर-फॉर-सेल (OFS) घटक भी है। OFS के माध्यम से, प्रमोटर पवन कुमार गर्ग और योगेश दुआ 1 करोड़ इक्विटी शेयर बेचेंगे।
सार्वजनिक इश्यू से पहले, फुजियामा पावर सिस्टम्स ने 15 एंकर निवेशकों से सफलतापूर्वक 246.9 करोड़ रुपये जुटाए, जिन्हें 228 रुपये प्रति शेयर पर शेयर आवंटित किए गए थे। एंकर बुक में प्रमुख प्रतिभागियों में दो घरेलू म्यूचुअल फंड, Nippon Life India और Tata Mutual Fund शामिल थे, जिन्होंने मिलकर 129.2 करोड़ रुपये का निवेश किया। अन्य उल्लेखनीय निवेशकों में BNP Paribas, ValueQuest, Societe Generale, LC Pharos Multi Strategy Fund, Citigroup Global, और Ampersand Growth Opportunities Fund शामिल थे।
इसके अलावा, प्रमोटर शिव कुमार गर्ग और संदीप दुआ ने IPO से पहले ValueQuest को 75.24 करोड़ रुपये में 1.17% हिस्सेदारी (जो 33 लाख शेयरों के बराबर थी) बेची, जिससे उनकी व्यक्तिगत होल्डिंग्स कम हो गईं।
कंपनी IPO से प्राप्त धन में से 180 करोड़ रुपये मध्य प्रदेश के रतलाम में एक नई विनिर्माण सुविधा (manufacturing facility) स्थापित करने के लिए और 275 करोड़ रुपये मौजूदा ऋण चुकाने (debt repayment) के लिए करने की योजना बना रही है। शेष धनराशि का आवंटन सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों (general corporate purposes) के लिए किया जाएगा।
Motilal Oswal Investment Advisors और SBI Capital Markets इस IPO के लिए नियुक्त मर्चेंट बैंकर हैं।
प्रभाव: यह IPO एक नवीकरणीय ऊर्जा कंपनी के लिए पूंजी प्रदान करता है, जो संभावित रूप से विनिर्माण क्षमता को बढ़ावा दे सकता है और भारत के हरित ऊर्जा लक्ष्यों में योगदान कर सकता है। यह भारतीय स्टॉक एक्सचेंजों पर एक नई सूचीबद्ध इकाई भी पेश करेगा, जो निवेश के अवसर प्रदान करेगा और सौर विनिर्माण क्षेत्र के मूल्यांकन को प्रभावित करेगा। रेटिंग: 7/10।
कठिन शब्द: इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO): वह प्रक्रिया जिसके द्वारा एक निजी कंपनी पहली बार जनता को अपने शेयर पेश कर सकती है, और एक सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाली कंपनी बन सकती है। एंकर निवेशक: बड़े संस्थागत निवेशक जो आम जनता के लिए IPO खुलने से पहले शेयर खरीदने के लिए प्रतिबद्ध होते हैं। वे मुद्दे को प्रारंभिक स्थिरता और आत्मविश्वास प्रदान करते हैं। ऑफर-फॉर-सेल (OFS): एक तरीका जहां मौजूदा शेयरधारक (जैसे प्रमोटर) स्टॉक एक्सचेंज तंत्र के माध्यम से जनता को अपने शेयर बेचते हैं। कंपनी को OFS से कोई धन प्राप्त नहीं होता है। प्राइस बैंड: वह सीमा जिसके भीतर IPO के दौरान शेयरों के लिए बोलियां लगाई जा सकती हैं। विनिर्माण सुविधा: एक संयंत्र या भवन जहां माल का उत्पादन किया जाता है। ऋण चुकौती: कर्जदाताओं को चुकाए जाने वाले पैसे की प्रक्रिया। सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्य: वे धन जिनका उपयोग कंपनी अपने दिन-प्रतिदिन के संचालन, विस्तार, या अन्य व्यावसायिक आवश्यकताओं के लिए करती है जो विशिष्ट शीर्षों के अंतर्गत निर्दिष्ट नहीं होते हैं। मर्चेंट बैंकर: वित्तीय मध्यस्थ जो IPO में प्रतिभूतियों की अंडरराइटिंग और वितरण करके कंपनियों को पूंजी जुटाने में मदद करते हैं।