Renewables
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Updated on 12 Nov 2025, 05:33 am
Reviewed By
Abhay Singh | Whalesbook News Team

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ACME Solar Holdings का स्टॉक बीएसई (BSE) पर 1% से अधिक बढ़कर ₹255.35 पर पहुंच गया, और इसका मार्केट कैपिटलाइज़ेशन ₹15,385 करोड़ हो गया। यह वृद्धि सकारात्मक खबरों के चलते हुई है, जिसमें इसकी सहायक कंपनी, ACME Dhaulpur Powertech Private Limited (ADPPL), के 300 MW सौर परियोजना के लिए ₹990 करोड़ के टर्म लोन को ICRA से 'AA-/Stable' क्रेडिट रेटिंग मिलना शामिल है। यह परियोजना IREDA द्वारा समर्थित है और SECI के साथ 25-वर्षीय पावर परचेज़ एग्रीमेंट (PPA) के माध्यम से हासिल की गई है, जो मजबूत प्रदर्शन दर्शाती है। इसके अतिरिक्त, ACME Solar को SJVN Green Energy Ltd. से 450 MW – 1800 MWh का पीक पावर प्रोजेक्ट मिला है। यह परियोजना, जिसे 25 वर्षों के लिए ₹6.75 प्रति यूनिट पर हासिल किया गया है, इसमें 1,800 MWh बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) शामिल होगा और इसमें भारतीय-निर्मित सौर सेल का उपयोग किया जाएगा।
प्रभाव: इस दोहरी खबर ने ACME Solar की वित्तीय स्थिति और परिचालन क्षमता को काफी मजबूत किया है। बेहतर क्रेडिट रेटिंग से सहायक कंपनी के लिए कर्ज लेने की लागत कम होने की उम्मीद है, जबकि BESS के साथ यह महत्वपूर्ण पीक पावर प्रोजेक्ट जीत, कंपनी की बाजार उपस्थिति और राजस्व दृश्यता को महत्वपूर्ण पीक पावर सेगमेंट में बढ़ाती है। यह कंपनी के मजबूत निष्पादन क्षमताओं और रणनीतिक विकास का संकेत देता है, जो ACME Solar और व्यापक भारतीय नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में निवेशकों के विश्वास को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर रहा है। रेटिंग: 7/10।
कठिन शब्द: * पावर परचेज़ एग्रीमेंट (PPA): बिजली खरीदने और बेचने का एक अनुबंध जो एक निश्चित मूल्य और मात्रा पर एक अवधि के लिए होता है। * कैपेसिटी यूटिलाइजेशन फैक्टर (CUF): उत्पन्न की गई वास्तविक बिजली और अधिकतम संभव उत्पादन का अनुपात। * बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS): एक ऐसी तकनीक जो बैटरी में बिजली संग्रहीत करती है ताकि बाद में उपयोग किया जा सके, ग्रिड को संतुलित करे और आवश्यकतानुसार बिजली प्रदान करे। * भारतीय-निर्मित सौर सेल: भारत में निर्मित सौर सेल, 'मेक इन इंडिया' पहल के अनुरूप।