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स्मॉग अलर्ट! दिल्ली में निर्माण कार्य रुका: क्या आपके सपनों के घर में होगी देरी? 😲

Real Estate

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Updated on 12 Nov 2025, 02:13 am

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Reviewed By

Simar Singh | Whalesbook News Team

Short Description:

दिल्ली NCR में गंभीर वायु प्रदूषण के कारण, ग्रैडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के स्टेज III के तहत निर्माण पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। रियल एस्टेट डेवलपर्स का कहना है कि इस प्रतिबंध से हाउसिंग और वाणिज्यिक परियोजनाओं में काफी देरी होगी, जिसका असर घर खरीदारों की कब्जे की समय-सीमा पर पड़ेगा। उद्योग निकायों ने कम प्रदूषण वाली निर्माण गतिविधियों की अनुमति देने और वैकल्पिक समाधान रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित करने का सुझाव दिया है।
स्मॉग अलर्ट! दिल्ली में निर्माण कार्य रुका: क्या आपके सपनों के घर में होगी देरी? 😲

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Detailed Coverage:

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में वायु गुणवत्ता 'गंभीर' स्तर तक गिर गई है, जिसके चलते वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने ग्रैडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का स्टेज III लागू किया है। इसमें पाइलिंग, ड्रिलिंग, खुदाई और सामग्री परिवहन जैसी लगभग सभी गैर-आवश्यक निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर प्रतिबंध शामिल है, सिवाय आवश्यक अवसंरचना परियोजनाओं के। स्टोन क्रशर और खनन संचालन भी रोक दिए गए हैं, साथ ही कुछ वाहनों पर भी प्रतिबंध हैं। डेवलपर्स ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि जहां पर्यावरणीय उपाय महत्वपूर्ण हैं, वहीं इस व्यापक प्रतिबंध से अनुचित दबाव पड़ रहा है। उनका अनुमान है कि एक महीने के निर्माण कार्य पर रोक से परियोजना में दो से तीन महीने की देरी हो सकती है, जिससे निष्क्रिय श्रम और उपकरणों के कारण लागत बढ़ेगी और आपूर्ति श्रृंखलाओं में भी व्यवधान उत्पन्न होगा। प्रवासी मजदूर विशेष रूप से प्रभावित हो रहे हैं, उन्हें दैनिक मजदूरी का नुकसान उठाना पड़ रहा है। उद्योग प्रतिनिधियों का सुझाव है कि विनियमित RERA-पंजीकृत परियोजनाओं, जो सख्त पर्यावरणीय मानकों का पालन करती हैं, उन्हें पर्यवेक्षण में जारी रखने की अनुमति दी जानी चाहिए। वे एल्यूमीनियम शटरिंग, मोनोलिथिक निर्माण जैसी कम प्रदूषणकारी निर्माण तकनीकों को अपनाने और पेंटिंग जैसी गतिविधियों की अनुमति देने का भी प्रस्ताव रखते हैं, जिनका प्रदूषण प्रभाव बहुत कम होता है। घर खरीदार अपने प्रोजेक्ट पर कब्जे में और देरी को लेकर चिंतित हैं, खासकर उन परियोजनाओं में जो पहले से ही निर्धारित समय से पीछे चल रही हैं। प्रभाव: इस खबर का भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है, जो परियोजना की समय-सीमा, निर्माण लागत और खरीदार की भावना को प्रभावित करता है। ये देरी सीमेंट, स्टील और लॉजिस्टिक्स जैसे संबंधित उद्योगों को भी प्रभावित कर सकती है।


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