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गोदरेज प्रॉपर्टीज इस वित्तीय वर्ष के लिए अपने महत्वाकांक्षी 32,500 करोड़ रुपये के प्री-सेल्स टारगेट को पूरा करने या उससे आगे निकलने की उम्मीद कर रहा है, जिसका श्रेय लगातार मजबूत हाउसिंग डिमांड को जाता है। एग्जीक्यूटिव चेयरपर्सन पिरोजशा गोदरेज ने कहा कि कंपनी सेल्स बुकिंग, ग्राहक कलेक्शन, प्रोजेक्ट डिलीवरी, नए प्रोजेक्ट लॉन्च और भूमि अधिग्रहण जैसे प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों में अपने वार्षिक गाइडेंस को प्राप्त करने में आत्मविश्वास रखती है। वित्तीय वर्ष की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) में, गोदरेज प्रॉपर्टीज की प्री-सेल्स 13% बढ़कर 15,587 करोड़ रुपये हो गई, जो पूरे साल के लक्ष्य का 48% है। कंपनी ने नोट किया कि वित्तीय वर्ष की दूसरी छमाही में आमतौर पर बेहतर प्रदर्शन देखने को मिलता है। सितंबर तिमाही के लिए, दिल्ली-एनसीआर, मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन, बेंगलुरु और हैदराबाद - इन चारों प्रमुख शहरों में सेल्स बुकिंग 1,500 करोड़ रुपये से अधिक रही। मुंबई के वर्ली में एक महत्वपूर्ण नया प्रोजेक्ट, जिसका अनुमानित राजस्व 10,000 करोड़ रुपये से अधिक है, वह भी दूसरी छमाही के लॉन्च पाइपलाइन का हिस्सा है। मानसून और पर्यावरणीय देरी के कारण कलेक्शन पर थोड़ा असर पड़ा है, लेकिन वित्तीय वर्ष के लिए 21,000 करोड़ रुपये के लक्ष्य को पूरा करने की उम्मीद है। कंपनी ने हाल ही में दूसरी तिमाही में अपने समेकित शुद्ध लाभ में 21% की वृद्धि दर्ज की, जो 402.99 करोड़ रुपये रहा, जबकि कुल आय बढ़कर 1950.05 करोड़ रुपये हो गई। प्रभाव: यह खबर गोदरेज प्रॉपर्टीज के लिए मजबूत परिचालन प्रदर्शन और मजबूत बाजार स्थिति को दर्शाती है, जो संभावित रूप से निवेशक भावना को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती है और कंपनी के स्टॉक मूल्य को बढ़ा सकती है। कंपनी की लक्ष्यों को पूरा करने या उससे आगे निकलने की क्षमता वित्तीय स्वास्थ्य और प्रतिस्पर्धी रियल एस्टेट बाजार में कुशल निष्पादन का संकेत देती है। रेटिंग: 7/10। कठिन शब्द: प्री-सेल्स: प्रॉपर्टीज के पूरा होने से पहले उनकी बिक्री बुकिंग। वित्तीय वर्ष: लेखांकन और वित्तीय रिपोर्टिंग के लिए 12 महीने की अवधि, भारत में आम तौर पर 1 अप्रैल से 31 मार्च तक। गाइडेंस: कंपनी का भविष्य के वित्तीय प्रदर्शन का पूर्वानुमान या अनुमान। कलेक्शन: प्रॉपर्टी की बिक्री के लिए ग्राहकों से प्राप्त राशि। डिलीवरी: खरीदारों को पूरी की गई प्रॉपर्टी का हैंडओवर। भूमि अधिग्रहण: भविष्य के विकास के लिए जमीन खरीदने की प्रक्रिया। क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनलप्लेसमेंट (QIP): सूचीबद्ध भारतीय कंपनियों के लिए क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनलबायर्स को शेयर जारी करके पूंजी जुटाने का तरीका। समेकित शुद्ध लाभ: कंपनी का कुल लाभ, जिसमें उसकी सभी सहायक कंपनियों और खर्चों का हिसाब शामिल होता है।