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डिजिटल रियल एस्टेट प्लेटफॉर्म PropTiger.com by Aurum Proptech की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय मेट्रोज़ में संपत्ति की कीमतों ने जुलाई-सितंबर 2025 की तिमाही में निरंतर वृद्धि दर्ज की। इस ऊपर की ओर रुझान का श्रेय मजबूत एंड-यूज़र मांग, विशेष रूप से प्रीमियम सेगमेंट में, ऊँची इनपुट लागतों और गुणवत्तापूर्ण, तुरंत रहने योग्य संपत्तियों की कमी को दिया जाता है। दिल्ली एनसीआर ने वृद्धि का नेतृत्व किया, जिसमें कीमतें साल-दर-साल 19% और तिमाही-दर-तिमाही 9.8% बढ़ीं, जिससे औसत मूल्य 7479 रुपये प्रति वर्ग फुट से बढ़कर 8900 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गया। बेंगलुरु ने साल-दर-साल 15% और तिमाही-दर-तिमाही 12.6% की वृद्धि दर्ज की, जो 8870 रुपये प्रति वर्ग फुट तक पहुंच गई। हैदराबाद में भी साल-दर-साल 13% की महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई। सत्वा ग्रुप की करिश्मा सिंह ने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह वृद्धि प्रौद्योगिकी और आकांक्षाओं से प्रेरित एक विकसित शहरी अर्थव्यवस्था को दर्शाती है, जहाँ परिवार एकीकृत समुदायों और दीर्घकालिक सुरक्षा की तलाश में हैं। ग्रेटर मुंबई, पुणे, चेन्नई और कोलकाता जैसे अन्य प्रमुख शहरों में भी मजबूत एकल-अंकीय मूल्य वृद्धि देखी गई। हालांकि होम सेल्स वॉल्यूम में साल-दर-साल 1% की मामूली गिरावट आई, जो 95,547 यूनिट्स पर था, बेची गई संपत्तियों का कुल मूल्य सालाना 14% बढ़कर 1.52 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो प्रीमियमकरण की ओर एक मजबूत बदलाव का संकेत देता है। नई आपूर्ति में थोड़ी वार्षिक गिरावट देखी गई, लेकिन तिमाही-दर-तिमाही 9.1% की वृद्धि हुई, जिसमें डेवलपर्स रणनीतिक रूप से उच्च-मूल्य वाली परियोजनाओं को लॉन्च कर रहे थे। नई लॉन्च पश्चिमी और दक्षिणी क्षेत्रों में केंद्रित थीं, जिसमें मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (MMR) सबसे आगे था। शीर्ष 8 शहरों में अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता, एनसीआर, एमएमआर और पुणे शामिल हैं। प्रभाव: यह रुझान रियल एस्टेट डेवलपर्स, निर्माण कंपनियों, भवन सामग्री आपूर्तिकर्ताओं और बंधक (mortgages) प्रदान करने वाले वित्तीय संस्थानों पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। यह आवास की स्वस्थ मांग और इस क्षेत्र में निवेश में वृद्धि की क्षमता को इंगित करता है। प्रभाव रेटिंग: 7/10 कठिन शब्द (Difficult Terms): * इन्वेंटरी (Inventory): बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध न बिके हुए प्रॉपर्टीज़ का कुल स्टॉक। * प्रीमियम सेगमेंट (Premium Segment): उच्च-स्तरीय, आलीशान संपत्तियों को संदर्भित करता है, जिनकी कीमत बाजार के ऊपरी सिरे पर होती है। * वेटेड एवरेज (Weighted Average): एक प्रकार का औसत जो डेटासेट में प्रत्येक मान के सापेक्ष महत्व को ध्यान में रखता है। * ईयर-ऑन-ईयर (YoY) (वर्ष-दर-वर्ष): वर्तमान अवधि के किसी मीट्रिक की तुलना पिछले वर्ष की उसी अवधि से करता है। * क्वार्टर-ऑन-क्वार्टर (QoQ) (तिमाही-दर-तिमाही): वर्तमान तिमाही के किसी मीट्रिक की तुलना पिछली तिमाही से करता है। * प्रीमियमकरण: वह प्रवृत्ति जिसमें उपभोक्ता उत्पादों या सेवाओं के उच्च-मूल्य वाले, अधिक प्रीमियम संस्करणों को चुनते हैं। * जीसीसी सेक्टर्स (GCC sectors): गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल देशों का उल्लेख करता है, लेकिन इस संदर्भ में, यह संभवतः ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स या इसी तरह के बहुराष्ट्रीय कॉर्पोरेट हब को संदर्भित करता है, जो भारतीय शहरों में प्रतिभा और आवास की मांग को बढ़ाते हैं। * इंटीग्रेटेड कम्युनिटीज़ (एकीकृत समुदाय): आवासीय विकास जो एक ही, आत्मनिर्भर क्षेत्र के भीतर आवास, सुविधाओं और सेवाओं का मिश्रण प्रदान करते हैं। * डेवलपर कॉन्फिडेंस (डेवलपर का आत्मविश्वास): डेवलपर्स का रियल एस्टेट बाजार के भविष्य की संभावनाओं और उनकी संपत्तियों को बेचने की क्षमता के बारे में आशावाद का स्तर। * एप्रिशिएटिंग एसेट्स (मूल्यवान संपत्ति): ऐसे निवेश जिनसे समय के साथ मूल्य बढ़ने की उम्मीद है। * मार्जिनल एनुअल डिक्लाइन (मामूली वार्षिक गिरावट): पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में किसी मात्रा में थोड़ी कमी। * एमएमआर (MMR): मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन, जिसमें मुंबई और उसके उपग्रह शहर शामिल हैं। * न्यू लॉन्च (नई पेशकश): डेवलपर्स द्वारा किसी दी गई अवधि में बाजार में पेश की गई नई हाउसिंग यूनिट्स की संख्या।