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भारत के ऑफिस Reits वैश्विक मंदी को मात देते हुए, रिकॉर्ड ग्रोथ और आक्रामक विस्तार के साथ आगे बढ़ रहे हैं!

Real Estate

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Updated on 12 Nov 2025, 01:45 pm

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Reviewed By

Aditi Singh | Whalesbook News Team

Short Description:

भारतीय ऑफिस रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (Reits) अधिग्रहण (acquisitions) और विकास (development) के माध्यम से अपने पोर्टफोलियो का विस्तार कर रहे हैं, जो नेट ऑपरेटिंग इनकम (NOI), ऑक्यूपेंसी (occupancy) और डिस्ट्रिब्यूशन (distributions) में मजबूत वृद्धि दिखा रहा है। यह प्रवृत्ति वैश्विक ऑफिस बाजार के संकुचन (contraction) को धता बता रही है, जिसका मुख्य कारण ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCCs) और घरेलू कंपनियों की मांग है। एम्बेसी ऑफिस पार्क्स REIT, माइंडस्पेस बिजनेस पार्क्स REIT, ब्रुकफील्ड इंडिया रियल एस्टेट ट्रस्ट और नॉलेज रिएलिटी ट्रस्ट जैसे प्रमुख खिलाड़ी उच्च लीजिंग मोमेंटम (leasing momentum) और बढ़ती प्रतिबद्ध ऑक्यूपेंसी स्तरों (committed occupancy levels) से लाभान्वित हो रहे हैं।
भारत के ऑफिस Reits वैश्विक मंदी को मात देते हुए, रिकॉर्ड ग्रोथ और आक्रामक विस्तार के साथ आगे बढ़ रहे हैं!

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Stocks Mentioned:

Embassy Office Parks REIT
Mindspace Business Parks REIT

Detailed Coverage:

भारतीय ऑफिस रियल एस्टेट बाजार मजबूत वृद्धि प्रदर्शित कर रहा है, जिसमें सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध (publicly listed) ऑफिस रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (Reits) अधिग्रहण और विकास के माध्यम से अपने पोर्टफोलियो का महत्वपूर्ण विस्तार करने की योजना बना रहे हैं। यह उछाल (surge) कार्यस्थल में वैश्विक संकुचन (global contraction) और सुस्त बाजार भावना (subdued market sentiment) के बावजूद हो रहा है। चार मुख्य खिलाड़ी—एम्बेसी ऑफिस पार्क्स REIT, माइंडस्पेस बिजनेस पार्क्स REIT, ब्रुकफील्ड इंडिया रियल एस्टेट ट्रस्ट (BIRET), और नॉलेज रिएलिटी ट्रस्ट (KRT)—ने वित्तीय वर्ष 2025-26 की पहली छमाही (H1) में नेट ऑपरेटिंग इनकम, ऑक्यूपेंसी स्तरों और डिस्ट्रिब्यूशन में वृद्धि दर्ज की है। यह सकारात्मक रुझान दूसरी छमाही में भी जारी रहने की उम्मीद है, जो मुख्य रूप से ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCCs) और घरेलू ऑक्यूपायर्स (occupiers) की मांग से प्रेरित है। उदाहरण के लिए, माइंडस्पेस बिजनेस पार्क्स REIT ने जैविक (organic) और अकार्बनिक (inorganic) रणनीतियों के माध्यम से अपने पूर्ण (completed) पोर्टफोलियो को 4.2 मिलियन वर्ग फुट (sq ft) से बढ़ाया है और आगे अधिग्रहण की योजना है। मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ रमेश नायर ने बताया कि कमिटेड ऑक्यूपेंसी 94.6% तक पहुँच गई है, जिसमें एमएनसी (MNCs), जीसीसी (GCCs) और भारतीय कंपनियों की मांग आईटी सेवाओं की लीजिंग (leasing) में कमी को पूरा कर रही है। Reits ऐसी संस्थाएं हैं जो आय-उत्पन्न करने वाली (income-generating) रियल एस्टेट संपत्तियों को पूल करती हैं, जिससे निवेशक सीधे संपत्ति के स्वामित्व के बिना आय अर्जित कर सकते हैं। सेबी (Sebi) अनिवार्य करता है कि Reit की कम से कम 80% संपत्ति पूर्ण और आय-उत्पादक होनी चाहिए। ब्रुकफील्ड REIT बेंगलुरु में 7.7 मिलियन वर्ग फुट का ऑफिस पार्क, इकोवर्ल्ड (Ecoworld), ₹13,125 करोड़ में अधिग्रहित (acquire) करने वाला है, जिससे इसका ऑपरेटिंग एरिया 31% बढ़ जाएगा और GCC किरायेदारों (tenants) का हिस्सा 45% हो जाएगा। कुल मिलाकर, ऑफिस Reits के लिए कमिटेड ऑक्यूपेंसी 90% को पार कर चुकी है, और FY26 तक मध्य-90s तक पहुँचने का अनुमान है। BIRET की कमिटेड ऑक्यूपेंसी H1 FY26 में 90% हो गई, जो एक साल पहले 85% थी। नॉलेज रिएलिटी ट्रस्ट (KRT) ने लिस्टिंग के बाद ₹690 करोड़ का डिस्ट्रिब्यूशन घोषित किया और H1 FY26 में 1.8 मिलियन वर्ग फुट की सकल लीजिंग (gross leasing) हासिल की, जिसमें 92% ऑक्यूपेंसी थी। COO Quaiser Parvez ने 8% प्रीमियम पर लीजिंग को उजागर किया और हैदराबाद और मुंबई जैसे शहरों में वार्षिक रेंटल एस्केलेशन (annual rental escalation) देखा, जो पिछले तीन-वर्षीय एस्केलेशन से एक बदलाव है। GCCs ने जनवरी और सितंबर 2025 के बीच सकल लीजिंग (60 मिलियन वर्ग फुट) का 35-40% हिस्सा कवर किया, और 2025 में कुल ऑफिस लीजिंग 80 मिलियन वर्ग फुट से अधिक होने की उम्मीद है। एम्बेसी REIT ने H1 FY26 में 3.5 मिलियन वर्ग फुट की सकल लीजिंग की सूचना दी, जो Reits में सबसे अधिक थी, और चेन्नई में 2 मिलियन वर्ग फुट अतिरिक्त विकसित कर रहा है। प्रभाव: यह खबर भारतीय शेयर बाजार के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है, विशेष रूप से रियल एस्टेट और वित्तीय सेवा क्षेत्रों (Financial Services sectors) को प्रभावित करती है। सूचीबद्ध ऑफिस Reits का मजबूत प्रदर्शन और विस्तार योजनाएं निवेशक विश्वास और भारत के लिए सकारात्मक आर्थिक भावना (positive economic sentiment) का संकेत देती हैं। यह वृद्धि इन Reits के मूल्यांकन (valuations) को बढ़ा सकती है और भारतीय वाणिज्यिक रियल एस्टेट बाजार में और अधिक घरेलू और विदेशी निवेश को आकर्षित कर सकती है, जिससे भारत एक स्थिर निवेश गंतव्य (stable investment destination) के रूप में अपनी स्थिति मजबूत करेगा। रेटिंग: 7/10।


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