Real Estate
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Updated on 02 Nov 2025, 06:26 am
Reviewed By
Aditi Singh | Whalesbook News Team
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लक्जरी परियोजनाओं पर सालों तक ध्यान केंद्रित करने के बाद, भारतीय रियल एस्टेट डेवलपर्स अब रणनीतिक रूप से मिड-सेगमेंट हाउसिंग मार्केट की ओर अपना ध्यान वापस स्थानांतरित कर रहे हैं। यह श्रेणी, जो आम तौर पर 60 लाख रुपये से 1.2 करोड़ रुपये के बीच होती है, अपनी स्थिरता, गतिशीलता और लचीलेपन के लिए जानी जाती है। मिड-सेगमेंट घरों के लक्षित दर्शकों में युवा पेशेवर, मध्य-स्तरीय प्रबंधक, आईटी कार्यकर्ता और 28-40 वर्ष के पहली बार घर खरीदने वाले शामिल हैं, जो बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे और चेन्नई जैसे टियर 1 शहरों में रहते हैं। ये घर लक्जरी संपत्तियों के प्रीमियम मूल्य टैग के बिना आधुनिक सुविधाएं प्रदान करते हैं। डेवलपर्स स्थिर अवशोषण दरों (absorption rates) और कम इन्वेंट्री जोखिमों (inventory risks) के कारण इस सेगमेंट की ओर आकर्षित हो रहे हैं। मिगसन ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर, यश मिGLani का कहना है कि मिड-सेगमेंट भारत की युवा, वेतनभोगी आबादी की आकांक्षात्मक, फिर भी व्यावहारिक घरों की जरूरतों को पूरी तरह से पूरा करता है। सामर्थ्य (affordability) और आकांक्षा (aspiration) के बीच यह संतुलन, विशेष रूप से पोस्ट-पैंडेमिक इस सेगमेंट को आकर्षक बना रहा है। डेवलपर्स जानबूझकर अपने पोर्टफोलियो में अधिक मिड-सेगमेंट उत्पाद जोड़ रहे हैं, वॉल्यूम-संचालित विस्तार को प्राथमिकता दे रहे हैं। एनसीआर जैसे बाजारों में, यह बदलाव मात्रा (volume), वेग (velocity) और लचीलापन प्रदान करता है, जिसमें लक्जरी परियोजनाओं की चक्रीय मांग की तुलना में लगातार अवशोषण और तरलता (liquidity) होती है। बेंगलुरु में सरजापुर रोड और व्हाइटफील्ड, हैदराबाद में कोंडापुर और मियापुर, और पुणे में हिंजवड़ी और वाकड जैसे विशिष्ट माइक्रो-मार्केट में मिड-सेगमेंट परियोजनाओं में वृद्धि देखी जा रही है। एनसीआर में, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद बेहतर बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी के कारण आगे बढ़ रहे हैं। वित्त तक आसान पहुंच, जैसे कम ब्याज दरें, लंबी ऋण अवधि, लचीले डाउन पेमेंट विकल्प और पीएमएवाई (PMAY) जैसी सरकारी योजनाएं, विकास को और बढ़ावा दे रही हैं। आधुनिक भारतीय गृह खरीदार, जो आमतौर पर युवा और डिजिटल रूप से समझदार होते हैं, स्मार्ट, ऊर्जा-कुशल घरों को आधुनिक सुविधाओं और अच्छी कनेक्टिविटी के साथ पसंद करते हैं, जो हाइब्रिड कार्य जीवनशैली के अनुरूप हैं। मिड-सेगमेंट हाउसिंग मार्केट की ताकत एंड-यूजर्स की गहराई में निहित है, जो इसे आर्थिक चक्रों और नीतिगत बदलावों के प्रति प्रतिरोधी बनाती है। यह स्थिर अवशोषण, टिकाऊ मूल्य निर्धारण और दीर्घकालिक सराहना (appreciation) प्रदान करता है, जो इसे भारत के रियल एस्टेट विकास के लिए एक भरोसेमंद आधार के रूप में स्थापित करता है। प्रभाव: यह खबर भारत के रियल एस्टेट क्षेत्र में एक रणनीतिक बदलाव का संकेत देती है, जो मिड-सेगमेंट पर केंद्रित डेवलपर्स के प्रदर्शन को संभावित रूप से बढ़ावा दे सकती है। यह निरंतर मांग और स्थिरता को इंगित करता है, जो रियल एस्टेट शेयरों के प्रति निवेशक की भावना को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है। जो डेवलपर्स जल्दी अनुकूलन करते हैं, वे बिक्री की मात्रा में वृद्धि और बेहतर वित्तीय स्वास्थ्य देख सकते हैं।
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