Whalesbook Logo

Whalesbook

  • Home
  • About Us
  • Contact Us
  • News

जेपी ग्रुप के पूर्व चेयरमैन मनोज गौड़ गिरफ्तार! ₹14,500 करोड़ घर खरीदारों का पैसा डायवर्ट हुआ? ईडी ने किया बड़ा घोटाला उजागर!

Real Estate

|

Updated on 13 Nov 2025, 11:04 am

Whalesbook Logo

Reviewed By

Aditi Singh | Whalesbook News Team

Short Description:

जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड (JIL) और जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (JAL) के पूर्व एग्जीक्यूटिव चेयरमैन मनोज गौड़ को डायरेक्टरेट ऑफ एनफोर्समेंट (ED) ने गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स के लिए घर खरीदारों से जुटाए गए लगभग ₹14,599 करोड़ के कथित मनी लॉन्ड्रिंग और डायवर्जन की जांच से जुड़ी है। ईडी का आरोप है कि इन फंड्स को संबंधित ग्रुप एंटिटीज को गैर-निर्माण उद्देश्यों के लिए भेजा गया, जिससे हजारों घर खरीदारों के साथ धोखाधड़ी हुई।
जेपी ग्रुप के पूर्व चेयरमैन मनोज गौड़ गिरफ्तार! ₹14,500 करोड़ घर खरीदारों का पैसा डायवर्ट हुआ? ईडी ने किया बड़ा घोटाला उजागर!

Stocks Mentioned:

Jaiprakash Associates Ltd.

Detailed Coverage:

डायरेक्टरेट ऑफ एनफोर्समेंट (ED) ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत मनोज गौड़, जो जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (JAL) के पूर्व एग्जीक्यूटिव चेयरमैन और जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड (JIL) के पूर्व चेयरमैन और प्रबंध निदेशक रह चुके हैं, को गिरफ्तार किया है। ईडी का आरोप है कि मनोज गौड़ ने घर खरीदारों से जुटाए गए भारी-भरकम फंड्स के डायवर्जन की योजना और क्रियान्वयन में अहम भूमिका निभाई। जांच से पता चलता है कि JAL और JIL द्वारा घर खरीदारों से प्राप्त लगभग ₹14,599 करोड़ में से एक बड़ा हिस्सा निर्माण से संबंधित नहीं होने वाले उद्देश्यों के लिए डायवर्ट किया गया था। इन फंड्स को कथित तौर पर संबंधित ग्रुप एंटिटीज और ट्रस्टों जैसे जयपी सेवा संस्थान (JSS), जयपी हेल्थकेयर लिमिटेड (JHL), और जयपी स्पोर्ट्स इंटरनेशनल लिमिटेड (JSIL) में डायवर्ट किया गया था। मनोज गौड़ को जयपी सेवा संस्थान (JSS) का प्रबंध न्यासी बताया गया है। ईडी की जांच जयपी व्हिस्लटाउन और जयपी ग्रीन्स प्रोजेक्ट्स के घर खरीदारों द्वारा दायर की गई कई एफआईआर और शिकायतों के आधार पर शुरू की गई थी, जिसमें उनके प्रोजेक्ट्स के पूरा न होने के कारण आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया था। ईडी द्वारा पहले विभिन्न स्थानों पर की गई तलाशी से आरोपों का समर्थन करने वाले महत्वपूर्ण वित्तीय और डिजिटल रिकॉर्ड बरामद हुए थे। प्रभाव इस घटनाक्रम से रियल एस्टेट क्षेत्र में निवेशकों की भावना पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने की संभावना है, जिससे कॉर्पोरेट गवर्नेंस और फंड के कुप्रबंधन को लेकर चिंताएं बढ़ेंगी। इससे रियल एस्टेट डेवलपर्स के लिए नियामक जांच और संभावित कानूनी चुनौतियां बढ़ सकती हैं, जो समान परिचालन संरचना वाली कंपनियों के स्टॉक की कीमतों को प्रभावित करेंगी। घर खरीदारों के लिए, यह प्रोजेक्ट में देरी और फंड डायवर्जन से जुड़े जोखिमों को रेखांकित करता है। प्रभाव रेटिंग: 7/10. कठिन शब्द: डायरेक्टरेट ऑफ एनफोर्समेंट (ED): भारत की एक संघीय कानून प्रवर्तन एजेंसी जो आर्थिक कानूनों को लागू करने और वित्तीय अपराधों से लड़ने के लिए जिम्मेदार है। प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA), 2002: एक भारतीय अधिनियम जो मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने और सरकार को अवैध रूप से अर्जित संपत्तियों को जब्त करने की अनुमति देने के लिए डिज़ाइन किया गया है। ECIR (एनफोर्समेंट केस इंफॉर्मेशन रिपोर्ट): मनी लॉन्ड्रिंग मामलों की जांच शुरू करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली ईडी की आंतरिक रिपोर्ट, जो एफआईआर के समान है। FIR (फर्स्ट इंफॉर्मेशन रिपोर्ट): किसी संज्ञेय अपराध की सूचना मिलने पर दर्ज की जाने वाली पुलिस रिपोर्ट। इकोनॉमिक ऑफेंसेस विंग्स (EOW): राज्य पुलिस बलों के भीतर विशेष इकाइयाँ जो जटिल वित्तीय अपराधों की जांच करती हैं। NCLT (नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्युनल): भारत में एक अर्ध-न्यायिक निकाय जो कॉर्पोरेट विवादों और दिवाला कार्यवाही का निर्णय करता है। मनी लॉन्ड्रिंग: आपराधिक गतिविधि से प्राप्त धन को वैध स्रोत से आया हुआ दिखाने की अवैध प्रक्रिया। फंड डायवर्जन: किसी विशेष उद्देश्य के लिए जुटाए गए धन का अन्य अनधिकृत गतिविधियों के लिए उपयोग करना।


Tech Sector

Capillary Technologies IPO: ₹877 करोड़ का लॉन्च और विशेषज्ञों की 'बचने' की सलाह! 🚨 क्या यह जोखिम के लायक है?

Capillary Technologies IPO: ₹877 करोड़ का लॉन्च और विशेषज्ञों की 'बचने' की सलाह! 🚨 क्या यह जोखिम के लायक है?

PhysicsWallah के संस्थापक का अविश्वसनीय सफर: 5,000 रुपये की सैलरी से अरबपति बनने तक, 75 करोड़ रुपये के ऑफर्स को ठुकराया!

PhysicsWallah के संस्थापक का अविश्वसनीय सफर: 5,000 रुपये की सैलरी से अरबपति बनने तक, 75 करोड़ रुपये के ऑफर्स को ठुकराया!

गेमिंग दिग्गज का $450M IPO बज़: क्या भारत अगला बड़ा टेक हब बनेगा?

गेमिंग दिग्गज का $450M IPO बज़: क्या भारत अगला बड़ा टेक हब बनेगा?

ग्लोबल दिग्गज ब्लैकस्टोन और सॉफ्टबैंक की भारत के AI क्लाउड पावरहाउस पर नजर: क्या नेसा डील $300 मिलियन के पार जाएगी?

ग्लोबल दिग्गज ब्लैकस्टोन और सॉफ्टबैंक की भारत के AI क्लाउड पावरहाउस पर नजर: क्या नेसा डील $300 मिलियन के पार जाएगी?

भारत की सिलिकॉन वैली का जलवा: बेंगलुरु समिट और 600 करोड़ रुपये का डीपटेक धमाका!

भारत की सिलिकॉन वैली का जलवा: बेंगलुरु समिट और 600 करोड़ रुपये का डीपटेक धमाका!

ग्रोव स्टॉक प्राइस लिस्टिंग के बाद 17% रॉकेट हुआ! क्या यह भारत का अगला बड़ा फिनटेक विनर है? 🚀

ग्रोव स्टॉक प्राइस लिस्टिंग के बाद 17% रॉकेट हुआ! क्या यह भारत का अगला बड़ा फिनटेक विनर है? 🚀

Capillary Technologies IPO: ₹877 करोड़ का लॉन्च और विशेषज्ञों की 'बचने' की सलाह! 🚨 क्या यह जोखिम के लायक है?

Capillary Technologies IPO: ₹877 करोड़ का लॉन्च और विशेषज्ञों की 'बचने' की सलाह! 🚨 क्या यह जोखिम के लायक है?

PhysicsWallah के संस्थापक का अविश्वसनीय सफर: 5,000 रुपये की सैलरी से अरबपति बनने तक, 75 करोड़ रुपये के ऑफर्स को ठुकराया!

PhysicsWallah के संस्थापक का अविश्वसनीय सफर: 5,000 रुपये की सैलरी से अरबपति बनने तक, 75 करोड़ रुपये के ऑफर्स को ठुकराया!

गेमिंग दिग्गज का $450M IPO बज़: क्या भारत अगला बड़ा टेक हब बनेगा?

गेमिंग दिग्गज का $450M IPO बज़: क्या भारत अगला बड़ा टेक हब बनेगा?

ग्लोबल दिग्गज ब्लैकस्टोन और सॉफ्टबैंक की भारत के AI क्लाउड पावरहाउस पर नजर: क्या नेसा डील $300 मिलियन के पार जाएगी?

ग्लोबल दिग्गज ब्लैकस्टोन और सॉफ्टबैंक की भारत के AI क्लाउड पावरहाउस पर नजर: क्या नेसा डील $300 मिलियन के पार जाएगी?

भारत की सिलिकॉन वैली का जलवा: बेंगलुरु समिट और 600 करोड़ रुपये का डीपटेक धमाका!

भारत की सिलिकॉन वैली का जलवा: बेंगलुरु समिट और 600 करोड़ रुपये का डीपटेक धमाका!

ग्रोव स्टॉक प्राइस लिस्टिंग के बाद 17% रॉकेट हुआ! क्या यह भारत का अगला बड़ा फिनटेक विनर है? 🚀

ग्रोव स्टॉक प्राइस लिस्टिंग के बाद 17% रॉकेट हुआ! क्या यह भारत का अगला बड़ा फिनटेक विनर है? 🚀


Environment Sector

जलवायु सत्य घोषित! जलवायु झूठ को समाप्त करने और विज्ञान की रक्षा के लिए दुनिया का पहला समझौता

जलवायु सत्य घोषित! जलवायु झूठ को समाप्त करने और विज्ञान की रक्षा के लिए दुनिया का पहला समझौता

जलवायु वित्त (Climate Finance) में बड़ा झटका: विशेषज्ञों ने विकासशील देशों के लिए सालाना $1.3 ट्रिलियन की मांग की! क्या भारत तैयार है?

जलवायु वित्त (Climate Finance) में बड़ा झटका: विशेषज्ञों ने विकासशील देशों के लिए सालाना $1.3 ट्रिलियन की मांग की! क्या भारत तैयार है?

जलवायु सत्य घोषित! जलवायु झूठ को समाप्त करने और विज्ञान की रक्षा के लिए दुनिया का पहला समझौता

जलवायु सत्य घोषित! जलवायु झूठ को समाप्त करने और विज्ञान की रक्षा के लिए दुनिया का पहला समझौता

जलवायु वित्त (Climate Finance) में बड़ा झटका: विशेषज्ञों ने विकासशील देशों के लिए सालाना $1.3 ट्रिलियन की मांग की! क्या भारत तैयार है?

जलवायु वित्त (Climate Finance) में बड़ा झटका: विशेषज्ञों ने विकासशील देशों के लिए सालाना $1.3 ट्रिलियन की मांग की! क्या भारत तैयार है?