Real Estate
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Updated on 14th November 2025, 10:05 AM
Author
Abhay Singh | Whalesbook News Team
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत मुंबई में लगभग ₹59 करोड़ की चल संपत्ति को जब्त कर फ्रीज कर दिया है। यह जांच राजेंद्र नरपतमाल लोढ़ा और उनके सहयोगियों पर केंद्रित है, जिन पर लोढ़ा डेवलपर्स लिमिटेड को ₹100 करोड़ से अधिक का नुकसान पहुंचाने वाली धोखाधड़ी, छल और अनधिकृत संपत्ति बिक्री के आरोप हैं। ED को कम मूल्य पर संपत्ति की बिक्री और बढ़ी हुई खरीद समझौतों के माध्यम से धन के हेरफेर का सबूत मिला है।
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प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मुंबई में 14 स्थानों पर तलाशी अभियान चलाने के बाद लगभग ₹59 करोड़ की चल संपत्ति जब्त कर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। यह कार्रवाई राजेंद्र नरपतमाल लोढ़ा और उनके सहयोगियों के खिलाफ चल रही मनी लॉन्ड्रिंग जांच का हिस्सा है। प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA), 2002 के तहत की गई इस जांच में मुंबई पुलिस द्वारा दर्ज की गई FIRs शामिल हैं, जिनमें धोखाधड़ी, पद के दुरुपयोग, अनधिकृत संपत्ति बिक्री और दस्तावेज़ों में हेरफेर के आरोप हैं, जिससे लोढ़ा डेवलपर्स लिमिटेड (LDL) को ₹100 करोड़ से अधिक का गलत नुकसान हुआ। ED की निष्कर्ष: जांचकर्ताओं का आरोप है कि राजेंद्र नरपतमाल लोढ़ा ने लोढ़ा डेवलपर्स लिमिटेड से कंपनी के धन और संपत्ति को डायवर्ट और साइफन करने में भूमिका निभाई। यह उन्होंने आवश्यक बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की मंजूरी के बिना, कम मूल्यांकित दरों पर प्रॉक्सी संस्थाओं और उनसे जुड़े व्यक्तियों को कंपनी की अचल संपत्तियों को अनधिकृत रूप से बेचकर और हस्तांतरित करके किया। इसके अलावा, इस जांच में भूमि खरीद के लिए कृत्रिम रूप से बढ़ाए गए मूल्यों पर जाली समझौता ज्ञापनों (MoUs) का भी खुलासा हुआ। अतिरिक्त राशि कथित तौर पर मूल विक्रेताओं के माध्यम से नकद में साइफन की गई, जिससे लोढ़ा ने कंपनी के धन को अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए डायवर्ट किया। प्रभाव: यह खबर लोढ़ा डेवलपर्स लिमिटेड और भारत के समग्र रियल एस्टेट क्षेत्र में निवेशक विश्वास को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती है। कॉर्पोरेट गवर्नेंस और वित्तीय कदाचार की चिंताओं के कारण प्रभावित कंपनियों के शेयर की कीमतों में गिरावट आ सकती है। यह जांच सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध कंपनियों में फंड प्रबंधन और संपत्ति हस्तांतरण प्रथाओं से जुड़े जोखिमों को भी उजागर करती है। कठिन शब्द: डायरेक्टरेट ऑफ एनफोर्समेंट (ED): भारत में एक कानून प्रवर्तन एजेंसी जो आर्थिक कानूनों को लागू करने और आर्थिक अपराधों से लड़ने के लिए जिम्मेदार है। मनी लॉन्ड्रिंग: अवैध रूप से अर्जित धन को वैध स्रोत से आया हुआ दिखाने की प्रक्रिया। प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA), 2002: भारत में मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने और मनी लॉन्ड्रिंग से प्राप्त संपत्ति को जब्त करने का प्रावधान करने वाला कानून। भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023: भारत का नया आपराधिक संहिता, जो भारतीय दंड संहिता की जगह लेगा, और विभिन्न आपराधिक अपराधों से संबंधित है। मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (MoUs): पक्षों के बीच औपचारिक समझौते, जिनका उपयोग अक्सर व्यावसायिक लेनदेन में अंतिम अनुबंध से पहले शर्तों की रूपरेखा तैयार करने के लिए किया जाता है। साइफनिंग फंड्स: किसी कंपनी या संगठन से धन को अवैध या अनैतिक रूप से व्यक्तिगत उपयोग के लिए डायवर्ट करना। रेटिंग: 8/10।