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रियल एस्टेट ज्वाइंट डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स पर जीएसटी की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

Real Estate

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30th October 2025, 7:26 PM

रियल एस्टेट ज्वाइंट डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स पर जीएसटी की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

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Short Description :

सुप्रीम कोर्ट ने ज्वाइंट डेवलपमेंट एग्रीमेंट (जेडीए) के तहत विकसित किए गए रियल एस्टेट प्रोजेक्ट से संबंधित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की मांग पर रोक लगा दी है। अरहम इंफ्रा डेवलपर्स और निर्मिट बिल्डटेक के खिलाफ एक आदेश पर यह अंतरिम रोक, भारत भर में ऐसे समझौतों में भूमि विकास अधिकारों पर जीएसटी कैसे लागू होगा, इसे महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकती है। यह संरचना डेवलपर्स और भूस्वामियों द्वारा व्यापक रूप से उपयोग की जाती है। यह मामला जेडीए के भीतर भूमि हस्तांतरण कर योग्य सेवाएं हैं या नहीं, इस मुख्य मुद्दे की पुनः जांच करेगा।

Detailed Coverage :

सुप्रीम कोर्ट ने रियल एस्टेट फर्मों अरहम इंफ्रा डेवलपर्स और निर्मिट बिल्डटेक के खिलाफ वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की मांग पर अंतरिम रोक लगा दी है, जो एक ज्वाइंट डेवलपमेंट एग्रीमेंट (जेडीए) के तहत एक प्रोजेक्ट में शामिल थे। यह विकास इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि जेडीए डेवलपर्स के लिए तत्काल खरीद के बिना भूमि तक पहुंचने का एक सामान्य तरीका है, जिससे वे भूस्वामियों के साथ साझेदारी कर सकते हैं। विवाद: कर अधिकारी जेडीए के भीतर भूमि विकास अधिकारों के हस्तांतरण को जीएसटी के तहत एक कर योग्य 'सेवा की आपूर्ति' के रूप में वर्गीकृत करने की कोशिश कर रहे थे। हालांकि, डेवलपर्स का तर्क है कि अंतर्निहित लेनदेन अनिवार्य रूप से 'भूमि का हस्तांतरण' है, जो जीएसटी से छूट प्राप्त है। सुप्रीम कोर्ट की कार्रवाई: न्यायमूर्ति अरविंद कुमार और आर महादेवन की एक पीठ ने 27 जनवरी, 2025 के आकलन आदेश के संचालन पर रोक लगा दी और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किए। मामले की आगे की सुनवाई निर्धारित है। शीर्ष अदालत के इस हस्तक्षेप ने जेडीए में जीएसटी प्रयोज्यता पर बहस को पुनर्जीवित कर दिया है, जिसने बंबई उच्च न्यायालय द्वारा पहले स्थगन देने से इनकार को पलट दिया है। कानूनी परिप्रेक्ष्य: अभिषेक ए रस्तोगी जैसे विशेषज्ञों का कहना है कि जेडीए भूमि हित हस्तांतरण के लिए संरचित तंत्र हैं। चूंकि भूमि की बिक्री जीएसटी के दायरे से बाहर है, इसलिए विकास अधिकारों पर कर लगाना भूमि पर अप्रत्यक्ष कर के रूप में देखा जाता है, जिससे अंतिम इकाइयों की बिक्री पर दोहरा कराधान हो सकता है। व्यापक प्रभाव: यह निर्णय रियल एस्टेट उद्योग के लिए महत्वपूर्ण है, जहां शहरी पुनर्विकास और नई परियोजनाओं में जेडीए प्रचलित हैं। यह अगस्त में बंबई उच्च न्यायालय के एक फैसले का अनुसरण करता है जिसमें स्पष्ट किया गया था कि भूमि का स्वामित्व डेवलपर को हस्तांतरित होने के बाद जीएसटी देय नहीं है। प्रभाव: यह सुप्रीम कोर्ट की रोक जेडीए में शामिल डेवलपर्स और भूस्वामियों को अस्थायी राहत प्रदान करती है और राष्ट्रव्यापी भूमि विकास समझौतों से संबंधित जीएसटी नीतियों के महत्वपूर्ण पुनर्मूल्यांकन का कारण बन सकती है। रेटिंग: 7/10। कठिन शब्दों की व्याख्या की गई है।