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भारतीय डेवलपर्स ने ग्लोबल कंपनियों को आकर्षित करने के लिए 'GCC-as-a-Service' लॉन्च किया

Real Estate

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28th October 2025, 4:49 PM

भारतीय डेवलपर्स ने ग्लोबल कंपनियों को आकर्षित करने के लिए 'GCC-as-a-Service' लॉन्च किया

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Short Description :

भारत के प्रमुख ऑफिस डेवलपर्स अब 'GCC-as-a-service' की पेशकश कर रहे हैं, जो ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCCs) के लिए भारत में संचालन शुरू करने हेतु एक व्यापक सहायता पैकेज है। यह नया मॉडल केवल ऑफिस स्पेस लीज करने से आगे बढ़कर रियल एस्टेट समाधान, परिचालन सहायता, प्रतिभा अधिग्रहण, प्रौद्योगिकी एकीकरण और नियामक अनुपालन जैसी सेवाएं प्रदान करता है। डेवलपर्स की इस रणनीतिक चाल का उद्देश्य भारत में तेजी से बढ़ते GCC बाजार का लाभ उठाना है, जिसके 2030 तक दोगुना से अधिक होने का अनुमान है और यह वाणिज्यिक रियल एस्टेट लीजिंग का एक प्रमुख चालक बनेगा।

Detailed Coverage :

भारतीय रियल एस्टेट डेवलपर्स अपने व्यापार मॉडल को एकीकृत 'GCC-as-a-service' प्लेटफॉर्म पेश करने के लिए विकसित कर रहे हैं, ताकि भारत में ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCCs) की बढ़ती आमद को पूरा किया जा सके। ये डेवलपर्स पारंपरिक ऑफिस स्पेस लीजिंग से आगे बढ़कर एक समग्र पारिस्थितिकी तंत्र सहायता प्रदान कर रहे हैं। मुख्य पहलों में शामिल हैं: * सत्व ग्रुप ने इनोवालस ग्रुप के साथ साझेदारी में GCCBase लॉन्च किया है। यह प्लेटफॉर्म बहुराष्ट्रीय कंपनियों (MNCs) के लिए भारत भर में GCCs स्थापित करने और बढ़ाने हेतु एंड-टू-एंड पारिस्थितिकी तंत्र समाधान प्रदान करता है, जिसमें स्थान चयन, प्रौद्योगिकी सहायता और लचीली स्केलिंग में सहायता शामिल है। * एम्बेसी ग्रुप ने Embark की स्थापना की है, जो GCCs को रणनीति और संचालन से लेकर बुनियादी ढांचे और शासन तक सहायता प्रदान करने वाला एक एकीकृत प्लेटफॉर्म है, जिसमें डेलॉइट इंडिया के साथ एंड-टू-एंड लाइफसाइकिल सपोर्ट के लिए एक रणनीतिक गठबंधन भी शामिल है। * भारती अर्बन ने भारती कन्वर्ज लॉन्च किया है, जो तेजी से टर्नअराउंड और लागत-दक्षता सुनिश्चित करने के लिए रियल एस्टेट, प्रतिभा, संचालन और बुनियादी ढांचे में माइक्रो-सर्विसेज प्रदान करता है। ये डेवलपर-आधारित प्लेटफॉर्म केवल अपनी संपत्तियों तक सीमित न रहकर रियल एस्टेट समाधान प्रदान करते हैं। भारत में GCC क्षेत्र मजबूत है, जिसमें 1,800 से अधिक केंद्र हैं और 2.16 मिलियन पेशेवर कार्यरत हैं। अनुमान बताते हैं कि 2030 तक यह संख्या 5,000 को पार कर सकती है। GCCs अब वाणिज्यिक कार्यालय लीजिंग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, CBRE इंडिया के अनुसार जनवरी से सितंबर 2025 के बीच कुल लीजिंग का लगभग 35-40%। डेवलपर्स भारत के मजबूत प्रतिभा पूल और MNCs द्वारा विविध क्षमताओं को स्थापित करने की बढ़ती प्रवृत्ति का लाभ उठाते हुए, केवल स्थान से परे मूल्य वर्धित सेवाएं प्रदान करने के इच्छुक हैं। प्रभाव यह खबर भारतीय वाणिज्यिक रियल एस्टेट क्षेत्र को महत्वपूर्ण बढ़ावा देगी, क्योंकि यह अधिक विदेशी निवेश आकर्षित करेगी और कार्यालय स्थानों की मांग को मजबूत करेगी। यह डेवलपर्स के लिए एक नया राजस्व स्रोत भी प्रदान करता है और MNCs के लिए अपनी उपस्थिति स्थापित करना आसान और अधिक कुशल बनाता है। यह प्रवृत्ति भारत के व्यावसायिक वातावरण की बढ़ती परिपक्वता और परिष्कार को दर्शाती है। यह विकास भारतीय वाणिज्यिक रियल एस्टेट बाजार के लिए एक महत्वपूर्ण सकारात्मक है। प्रभाव रेटिंग: 8/10