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NCLAT ने महागुन के खिलाफ दिवाला कार्यवाही रद्द की, नई सुनवाई का आदेश दिया

Real Estate

|

Updated on 07 Nov 2025, 10:33 am

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Reviewed By

Simar Singh | Whalesbook News Team

Short Description:

नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने रियल एस्टेट फर्म महागुन के खिलाफ दिवाला (insolvency) कार्यवाही को रद्द कर दिया है, और नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) को मामले की नए सिरे से सुनवाई करने का निर्देश दिया है। इस फैसले में परियोजना-विशिष्ट दिवाला नियमों और घर खरीदारों और आदित्य बिड़ला कैपिटल लिमिटेड की हस्तक्षेप याचिकाओं (intervention applications) पर विचार किया गया है। मूल NCLT आदेश में 256.48 करोड़ रुपये के डिफ़ॉल्ट पर दिवाला स्वीकार किया गया था।
NCLAT ने महागुन के खिलाफ दिवाला कार्यवाही रद्द की, नई सुनवाई का आदेश दिया

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Stocks Mentioned:

Aditya Birla Capital Ltd

Detailed Coverage:

**हेडिंग:** NCLAT ने महागुन के खिलाफ दिवाला कार्यवाही रद्द की, NCLT समीक्षा का आदेश

रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण विकास में, नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने महागुन के खिलाफ शुरू की गई दिवाला कार्यवाही को पलट दिया है। अपीलेट ट्रिब्यूनल ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) को मामले पर नए सिरे से विचार करने का निर्देश दिया है। यह निर्णय आईडीबीआई ट्रस्टीशिप सर्विसेज लिमिटेड द्वारा दायर एक दिवाला याचिका के खिलाफ महागुन की अपील से उत्पन्न हुआ है, जिसे 5 अगस्त, 2025 को NCLT ने स्वीकार किया था। इस याचिका में डिबेंचर मोचन (debenture redemption) पर 256.48 करोड़ रुपये के डिफॉल्ट का उल्लेख किया गया था।

NCLAT बेंच, जिसमें चेयरपर्सन जस्टिस अशोक भूषण और सदस्य (तकनीकी) वरुण मित्रा शामिल हैं, ने इस बात पर जोर दिया कि रियल एस्टेट मामलों में दिवाला परियोजना-विशिष्ट (project-specific) होना चाहिए, जिसका जिक्र सुप्रीम कोर्ट के मानसी ब्रार फर्नांडिस मामले के निर्देशों में भी किया गया है। ट्रिब्यूनल ने महागुन परियोजनाओं के विभिन्न घर खरीदारों की हस्तक्षेप याचिकाओं (intervention applications) को भी स्वीकार किया। कुछ घर खरीदारों ने NCLT आदेश को रद्द करने की मांग की, जबकि अन्य ने तर्क दिया कि किसी भी दिवाला प्रक्रिया को विशेष रूप से महागुन मनोरियाले परियोजना तक सीमित रखा जाना चाहिए।

आदित्य बिड़ला कैपिटल लिमिटेड, जो महागुन के लिए चार अन्य परिचालन परियोजनाओं में एक वित्तीय ऋणदाता (financial creditor) है, ने भी एक हस्तक्षेप दायर किया। कंपनी ने कहा कि उन्होंने महागुन मेट्रो मॉल और होटल सरोवर पोर्टिको जैसी परियोजनाओं के लिए वित्त प्रदान किया था, और यह दावा किया कि इन उद्यमों के संबंध में कोई डिफॉल्ट नहीं हुआ है।

NCLAT ने महागुन इंडिया को विस्तृत जवाब दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है और दोनों पक्षों को धारा 7 याचिका (Section 7 petition) के लिए सुनवाई की तारीख तय करने के लिए NCLT से अनुरोध करने की अनुमति दी है। ट्रिब्यूनल ने स्पष्ट रूप से कहा कि उसने याचिका या आवेदनों की योग्यता पर कोई राय व्यक्त नहीं की है, और अंतिम निर्णय NCLT पर छोड़ दिया है।

**प्रभाव:** यह फैसला महागुन को महत्वपूर्ण राहत प्रदान करता है, जिससे संभवतः कंपनी-व्यापी समाधान प्रक्रिया (company-wide resolution process) रोकी जा सकती है। यह रियल एस्टेट दिवाला के लिए परियोजना-विशिष्ट दृष्टिकोण को मजबूत करता है, जो अन्य समान मामलों में डेवलपर्स और खरीदारों को सुरक्षा प्रदान कर सकता है। यह आदित्य बिड़ला कैपिटल जैसे वित्तीय ऋणदाताओं को भी उनके जोखिम और वसूली तंत्र को स्पष्ट करके प्रभावित करता है।

**रेटिंग:** 6/10

**कठिन शब्द:** दिवाला कार्यवाही (Insolvency Proceedings): एक कानूनी प्रक्रिया जिसमें एक कंपनी जो अपने ऋणों का भुगतान करने में असमर्थ है, उसे समाप्त (liquidated) या पुनर्गठित (reorganized) किया जाता है। नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT): एक अपीलीय निकाय जो नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) के आदेशों के खिलाफ अपील सुनता है। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT): भारत में एक अर्ध-न्यायिक निकाय जो कंपनियों से संबंधित मुद्दों का न्यायनिर्णय करता है। परियोजना-विशिष्ट दिवाला (Project-Specific Insolvency): एक कानूनी दृष्टिकोण जहां दिवाला कार्यवाही केवल एक विशेष रियल एस्टेट परियोजना पर लागू होती है, न कि पूरी कंपनी पर। कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (CIRP): इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड, 2016 के तहत एक कॉर्पोरेट देनदार के दिवाला को हल करने की प्रक्रिया। हस्तक्षेप याचिका (Intervention Application): किसी तीसरे पक्ष द्वारा मौजूदा कानूनी मामले में शामिल होने या उसमें सुने जाने के लिए दायर एक औपचारिक अनुरोध। वित्तीय ऋणदाता (Financial Creditor): एक इकाई जिसका कंपनी के साथ वित्तीय संबंध होता है, जैसे पैसा उधार देना। डिबेंचर (Debentures): कंपनियों द्वारा पूंजी जुटाने के लिए जारी किए जाने वाले दीर्घकालिक ऋण साधनों का एक प्रकार। डिबेंचर का मोचन (Redemption of Debentures): डिबेंचर धारकों को डिबेंचर की मूल राशि का कंपनी द्वारा भुगतान करने का कार्य। आईबीसी की धारा 7 (Section 7 of IBC): इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड, 2016 की धारा 7 का संदर्भ, जो एक वित्तीय ऋणदाता द्वारा कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया शुरू करने के आवेदन से संबंधित है। अधिनिर्णायक प्राधिकारी (Adjudicating Authority): इस संदर्भ में NCLT को संदर्भित करता है, जिसके पास दिवाला मामलों पर निर्णय लेने का अधिकार होता है। सीडी (कॉर्पोरेट देनदार) (CD - Corporate Debtor): एक कंपनी जिस पर पैसा बकाया है और जो दिवाला कार्यवाही के अधीन है। सूचना उपयोगिता (Information Utility): डिफॉल्ट के बारे में वित्तीय जानकारी एकत्र, सत्यापित और प्रसारित करती है।


Insurance Sector

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