₹200 करोड़ की डील: एड्रेस मेकर को ज़मीन, विस्तार और नए बाज़ारों के लिए प्राइवेट फंडिंग मिली!
Overview
बेंगलुरु की प्रॉपर्टी डेवलपर एड्रेस मेकर ने AI ग्रोथ प्राइवेट लिमिटेड (AIGPL) के साथ ₹200 करोड़ का एक महत्वपूर्ण प्राइवेट क्रेडिट डील फाइनल किया है। यह फंडिंग ज़मीन अधिग्रहण, ज्वाइंट डेवलपमेंट एग्रीमेंट, प्रोजेक्ट फाइनेंसिंग का समर्थन करेगी और मुंबई जैसे नए बाज़ारों में विस्तार को बढ़ावा देगी। AIGPL क्यूरेटेड कैपिटल सॉल्यूशंस प्रदान करता है और SEBI-पंजीकृत ऑनलाइन बॉन्ड प्लेटफॉर्म 'जीराफ' (Jiraaf) संचालित करता है।
एड्रेस मेकर को ₹200 करोड़ की प्राइवेट क्रेडिट फैसिलिटी मिली
बेंगलुरु स्थित रियल एस्टेट डेवलपर एड्रेस मेकर ने AI ग्रोथ प्राइवेट लिमिटेड (AIGPL) के साथ ₹200 करोड़ का एक बड़ा प्राइवेट क्रेडिट डील फाइनल किया है। यह रणनीतिक फंडिंग कंपनी के विस्तार के प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए है, जिसमें ज़मीन अधिग्रहण, ज्वाइंट डेवलपमेंट एग्रीमेंट को सुगम बनाना और मौजूदा परियोजनाओं को वित्तपोषित करना शामिल है, जैसा कि दोनों फर्मों के शीर्ष अधिकारियों ने घोषणा की है।
AI ग्रोथ प्राइवेट लिमिटेड, अपनी संबद्ध संस्थाओं के माध्यम से, एक रोलिंग कैपिटल फ्रेमवर्क (rolling capital framework) प्रदान करेगी जो एड्रेस मेकर को लचीला वित्तीय समर्थन देने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह व्यवस्था डेवलपर की योजनाओं के लिए महत्वपूर्ण है, जो ज़मीन एकत्रीकरण और ज्वाइंट डेवलपमेंट के अवसरों का लाभ उठाने के लिए त्वरित निर्णय लेने में सक्षम बनाती है। प्रतिबद्ध पूंजी यह सुनिश्चित करती है कि एड्रेस मेकर अपनी प्रोजेक्ट पाइपलाइन को बढ़ा सके और विकास रणनीतियों को प्रभावी ढंग से आगे बढ़ा सके।
एड्रेस मेकर के चेयरमैन खुशरू जिजिना ने डील के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह "बेंगलुरु में हमारे विकास के अगले चरण को तेज करने के लिए वित्तीय चपलता प्रदान करता है।" कंपनी ने नए बाज़ारों में विस्तार की योजनाएं भी बताई हैं, जिसमें मुंबई एक प्रमुख लक्ष्य है। एड्रेस मेकर का एक सिद्ध ट्रैक रिकॉर्ड है, जिसने बेंगलुरु में लगभग 6.7 मिलियन वर्ग फुट की विभिन्न संपत्ति प्रकारों की डिलीवरी की है, और अतिरिक्त 5.2 मिलियन वर्ग फुट विकास के अधीन है। कंपनी मुंबई में पुनर्विकास परियोजनाओं की भी खोज कर रही है।
नाइट फ्रैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत का रियल एस्टेट प्राइवेट क्रेडिट बाज़ार (private credit market) गतिशील वृद्धि का अनुभव कर रहा है, जो एशिया-प्रशांत क्षेत्र में दूसरे स्थान पर है और 2020 से 2024 तक क्षेत्रीय फंड जुटाने का 36% हिस्सा है। नियामक सुधार, विविध फंडिंग संरचनाएं और लचीले वित्तपोषण की निरंतर मांग जैसे कारक इस प्रवृत्ति को चला रहे हैं। अनुमान बताते हैं कि भारत 2028 तक क्षेत्र के निजी ऋण वृद्धि में 20-25% का योगदान कर सकता है। AIGPL के सह-संस्थापक विनीत अग्रवाल ने एड्रेस मेकर जैसे गुणवत्ता वाले भागीदारों को संरचित पूंजी समाधान (structured capital solutions) प्रदान करने के बारे में आशावाद व्यक्त किया। भारत में निजी ऋण का विस्तार डेवलपर्स द्वारा गैर-बैंक पूंजी (non-bank capital) पर तेजी से निर्भर होने के कारण हो रहा है, क्योंकि ऋण देने का माहौल तंग है। संरचित ऋण (structured debt), लास्ट-माइल फंडिंग (last-mile funding) और विशेष स्थिति फंड (special situation funds) डेवलपर फाइनेंसिंग के तेजी से महत्वपूर्ण घटक बन रहे हैं।
प्रभाव:
- यह डील एड्रेस मेकर को अपनी विकास रणनीतियों को क्रियान्वित करने के लिए महत्वपूर्ण पूंजी प्रदान करती है, जिससे संभावित रूप से परियोजना वितरण और बाजार उपस्थिति में वृद्धि हो सकती है। यह भारत में रियल एस्टेट डेवलपर्स का समर्थन करने में प्राइवेट क्रेडिट की बढ़ती भूमिका को उजागर करता है, जो पारंपरिक बैंकिंग वित्त का एक विकल्प प्रदान करता है।
- यह लेनदेन निवेशकों और उधारदाताओं दोनों के लिए भारत के प्राइवेट क्रेडिट बाज़ार की बढ़ती परिपक्वता और आकर्षण को दर्शाता है।
- इम्पैक्ट रेटिंग: 7/10
कठिन शब्दों की व्याख्या:
- प्राइवेट क्रेडिट (Private Credit): गैर-बैंक वित्तीय संस्थानों या निजी फंडों द्वारा कंपनियों को दिया जाने वाला ऋण, अक्सर सार्वजनिक बाज़ारों के बाहर।
- रोलिंग कैपिटल फ्रेमवर्क (Rolling Capital Framework): एक लचीली फंडिंग व्यवस्था जहां पूंजी को एक परिक्रामी आधार पर उपलब्ध कराया जाता है, जिससे कंपनी को आवश्यकतानुसार धन निकालने और चुकाने की अनुमति मिलती है।
- ज्वाइंट डेवलपमेंट एग्रीमेंट (JDA): एक ज़मींदार और एक डेवलपर के बीच एक समझौता जहां डेवलपर ज़मीन पर एक परियोजना का निर्माण करता है, और दोनों पक्ष मुनाफे या निर्मित क्षेत्र को साझा करते हैं।
- नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (NBFC): एक वित्तीय संस्थान जो बैंकिंग जैसी सेवाएं प्रदान करता है लेकिन पूर्ण बैंकिंग लाइसेंस नहीं रखता है।
- जीराफ (Jiraaf): एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जो सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) के साथ पंजीकृत है और बॉन्ड जैसे ऋण साधनों में निवेश के अवसर प्रदान करता है।

