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डीएलएफ की मुंबई में पहली परियोजना सफल, एक सप्ताह में बिकी, दूसरी तिमाही की प्री-सेल्स बढ़ी

Real Estate

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3rd November 2025, 7:18 AM

डीएलएफ की मुंबई में पहली परियोजना सफल, एक सप्ताह में बिकी, दूसरी तिमाही की प्री-सेल्स बढ़ी

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Stocks Mentioned :

DLF Limited

Short Description :

डीएलएफ लिमिटेड ने मुंबई रियल एस्टेट बाजार में सफलतापूर्वक वापसी की है, अपनी पहली परियोजना, अंधेरी में 'द वेस्टपार्क', के सभी आवास इकाइयाँ जुलाई में लॉन्च होने के एक सप्ताह के भीतर ₹2,300 करोड़ में बेच दीं। इस शानदार प्रदर्शन ने डीएलएफ की दूसरी तिमाही की प्री-सेल्स को ₹4,332 करोड़ तक पहुँचाया, जो पिछले वर्ष की तुलना में छह गुना से अधिक की वृद्धि है। कंपनी अपने पूरे वर्ष के प्री-सेल्स लक्ष्य को पूरा करने की राह पर है और उसके पास भविष्य की परियोजनाओं का मजबूत पाइपलाइन है।

Detailed Coverage :

डीएलएफ लिमिटेड की मुंबई रियल एस्टेट बाजार में रणनीतिक वापसी बेहद सफल रही है, जिसमें अंधेरी स्थित उसकी पहली परियोजना 'द वेस्टपार्क' ने उल्लेखनीय बिक्री हासिल की है। यह परियोजना, जिसे ट्राइडेंट ग्रुप के साथ संयुक्त उद्यम में एक झुग्गी पुनर्वास विकास के रूप में शुरू किया गया था, की ₹2,300 करोड़ मूल्य की सभी आवास इकाइयाँ जुलाई में लॉन्च होने के मात्र एक सप्ताह के भीतर बिक गईं। इस प्रदर्शन ने वित्तीय वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही (Q2FY26) में डीएलएफ की प्री-सेल्स को ₹4,332 करोड़ तक पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जो पिछले वर्ष की तुलना में छह गुना से अधिक की वृद्धि दर्शाता है। कंपनी ने अपने पूर्ण-वर्ष FY26 के लिए ₹21,000–22,000 करोड़ के प्री-सेल्स लक्ष्य को दोहराया है, जिसमें से ₹15,757 करोड़ पहले ही वर्ष की पहली छमाही में प्राप्त हो चुके हैं। डीएलएफ अगले 18 महीनों में गोवा, गुरुग्राम, पंचकुला और मुंबई में 'द वेस्टपार्क' के दूसरे चरण सहित कई नई परियोजनाएं लॉन्च करने की योजना बना रहा है, जिसका मध्यम-अवधि का लॉन्च पाइपलाइन ₹60,000 करोड़ अनुमानित है। जहाँ गुरुग्राम में मांग मजबूत बनी हुई है, जो अनिवासी भारतीयों (NRIs) और गुणवत्तापूर्ण आवास की प्राथमिकता से प्रेरित है, वहीं नुवामा रिसर्च ने सामर्थ्य (affordability) के मुद्दों के कारण गुरुग्राम बाजार की वृद्धि में संभावित कमी के बारे में सावधानी बरती है। मुंबई के आवास बाजार की मांग में संभावित नरमी को लेकर चिंताएं बनी हुई हैं, जैसा कि हालिया संपत्ति पंजीकरणों में गिरावट से संकेत मिलता है, और डीएलएफ को लोढ़ा डेवलपर्स जैसे डेवलपर्स से प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है। वाणिज्यिक मोर्चे पर, डीएलएफ ने कार्यालय स्थानों (office spaces) में 99% और खुदरा स्थानों (retail spaces) में 98% कब्जे का स्तर बनाए रखा है, और नई वाणिज्यिक परियोजनाओं पर प्रगति कर रहा है। निर्माण में देरी के कारण संग्रह (collections) में धीमी वृद्धि देखी गई है, लेकिन कंपनी वित्तीय वर्ष की दूसरी छमाही में बेहतर गति की उम्मीद करती है। इन कारकों के बावजूद, डीएलएफ एक शुद्ध नकद-सकारात्मक (net cash-positive) स्थिति बनाए हुए है।

प्रभाव: डीएलएफ का मजबूत बिक्री प्रदर्शन, विशेष रूप से मुंबई जैसे चुनौतीपूर्ण बाजार में, गुणवत्तापूर्ण रियल एस्टेट की मजबूत मांग का संकेत देता है और कंपनी तथा व्यापक भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र में निवेशकों के विश्वास को बढ़ाता है। इस सकारात्मक गति से क्षेत्र-विशिष्ट निवेशों पर प्रभाव पड़ सकता है और संबंधित बाजार सूचकांकों (market indices) में सुधार हो सकता है। रेटिंग: 7/10

शर्तें: झुग्गी पुनर्वास विकास (Slum Rehabilitation Development): यह एक प्रकार की रियल एस्टेट परियोजना है जिसमें मौजूदा झुग्गी क्षेत्रों को आधुनिक आवासों में पुनर्विकसित किया जाता है। परियोजना में आम तौर पर वर्तमान निवासियों को नए घर प्रदान करना और राजस्व उत्पन्न करने के लिए शेष वाणिज्यिक या आवासीय इकाइयों को बेचना शामिल होता है। प्री-सेल्स (Pre-sales): किसी परियोजना के पूरा होने या पूरी तरह से लॉन्च होने से पहले होने वाली बिक्री। इसमें अक्सर निर्माणाधीन संपत्तियों के लिए ग्राहकों द्वारा की गई बुकिंग और प्रारंभिक भुगतान शामिल होते हैं। यह भविष्य के राजस्व और बाजार की मांग का एक प्रमुख संकेतक है। FY26: वित्तीय वर्ष 2026, जो आम तौर पर 1 अप्रैल, 2025 से 31 मार्च, 2026 तक चलता है। CAGR (चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर): एक निर्दिष्ट अवधि (एक वर्ष से अधिक) के लिए निवेश की औसत वार्षिक वृद्धि दर का माप, यह मानते हुए कि लाभ प्रत्येक वर्ष पुनर्निवेशित किए जाते हैं। नेट एसेट वैल्यू (Net Asset Value - NAV): किसी कंपनी की नेट एसेट वैल्यू उसकी देनदारियों (liabilities) को उसकी संपत्तियों (assets) से घटाने के बाद का मूल्य है। रियल एस्टेट में, यह स्वामित्व वाली संपत्तियों के अंतर्निहित मूल्य का प्रतिनिधित्व करता है। ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट (Occupancy Certificate): स्थानीय नगर निगम प्राधिकरण द्वारा जारी किया गया एक दस्तावेज जो प्रमाणित करता है कि एक भवन अनुमोदित योजनाओं के अनुसार बनाया गया है और कब्जे के लिए उपयुक्त है।