RBI
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Updated on 03 Nov 2025, 07:23 am
Reviewed By
Aditi Singh | Whalesbook News Team
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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मंगलवार को प्रमुख प्राइमरी डीलर्स और बैंकों के साथ वित्तीय बाजारों की मौजूदा स्थिति की समीक्षा के लिए एक बैठक निर्धारित की है। इस चर्चा का मुख्य केंद्र बैंकिंग प्रणाली के भीतर लिक्विडिटी का कसना है, जो सरकारी बॉन्ड बाजार पर महत्वपूर्ण दबाव बना रहा है। यह चिंता आरबीआई द्वारा 110 अरब रुपये की सात-वर्षीय सरकारी प्रतिभूतियों की नीलामी रद्द करने से और भी बढ़ गई है। इस नीलामी के रद्द होने के बाद, बेंचमार्क बॉन्ड यील्ड में सात-आधार-अंकों (basis points) की गिरावट देखी गई, जो ब्याज दरों (interest rates) के बारे में बाजार की हैरानी और संभावित बदलावों को दर्शाता है। ट्रेडर्स का सुझाव है कि केंद्रीय बैंक इस बात से चिंतित है कि मौजूदा बॉन्ड यील्ड बहुत अधिक हैं। इससे पहले, आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने नोट किया था कि बॉन्ड यील्ड में गिरावट की गुंजाइश है। आरबीआई कथित तौर पर स्थिति से निपटने के लिए विभिन्न उपायों पर विचार कर रहा है, जिसमें प्राइमरी सरकारी प्रतिभूति (G-Sec) नीलामी के संचालन और सरकारी ऋण प्रस्तावों (government debt offerings) की अवधियों (tenors) में समायोजन (adjustments) शामिल हैं।
Impact: यह विकास भारतीय वित्तीय परिदृश्य के लिए महत्वपूर्ण है। आरबीआई की चर्चाएं और संभावित नीतिगत कार्य सीधे ब्याज दरों, बॉन्ड की कीमतों और सरकार व निगमों दोनों के लिए उधार लेने की लागत को प्रभावित कर सकते हैं। निवेशक भविष्य की मौद्रिक नीति दिशा और लिक्विडिटी प्रबंधन रणनीतियों में अंतर्दृष्टि के लिए इन विकासों पर बारीकी से नजर रखेंगे। Impact Rating: 8/10
Definitions: * Primary Dealers (प्राइमरी डीलर्स): आरबीआई द्वारा सरकारी प्रतिभूतियों में कारोबार करने के लिए अधिकृत वित्तीय संस्थान, जो सरकारी ऋण की हामीदारी (underwriting) और वितरण (distributing) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। * Liquidity (लिक्विडिटी): बैंकिंग प्रणाली में धन की उपलब्धता जिसे बैंक अपनी अल्पकालिक देनदारियों (short-term obligations) को पूरा करने के लिए उपयोग कर सकते हैं। लिक्विडिटी का कसना (Tightening liquidity) का मतलब है कि कम नकदी आसानी से उपलब्ध है। * Government Bond Market (सरकारी बॉण्ड बाजार): वह बाजार जहां सरकार द्वारा जारी ऋण प्रतिभूतियों (debt securities) का कारोबार होता है, जो उधार लेने की लागत और अर्थव्यवस्था के प्रति निवेशक की भावना को दर्शाता है। * Yield (यील्ड): एक निवेशक को बॉन्ड पर मिलने वाला वार्षिक रिटर्न, जिसे उसकी वर्तमान बाजार मूल्य के प्रतिशत के रूप में व्यक्त किया जाता है। यील्ड आमतौर पर बॉन्ड की कीमतों के विपरीत चलती है। * G-Sec Auctions (जी-सेक नीलामी): सरकारी प्रतिभूति नीलामी जहां सरकार धन जुटाने के लिए अपने नए जारी किए गए बॉन्ड बेचती है। प्राइमरी डीलर्स प्रमुख प्रतिभागी होते हैं।
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