Personal Finance
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Updated on 06 Nov 2025, 02:20 pm
Reviewed By
Simar Singh | Whalesbook News Team
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पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) केवल एक बचत योजना से कहीं बढ़कर है; सही रणनीति के साथ यह आजीवन पेंशन योजना के रूप में प्रभावी ढंग से काम कर सकता है। भारत सरकार द्वारा समर्थित यह योजना टैक्स-फ्री रिटर्न और निश्चित वृद्धि प्रदान करती है, जो इसे उपलब्ध सबसे सुरक्षित दीर्घकालिक निवेश विकल्पों में से एक बनाती है। प्रारंभिक निवेश, अर्जित ब्याज और परिपक्वता राशि (maturity corpus) सभी कर-मुक्त हैं। एक प्रमुख विशेषता यह है कि यह बिना किसी बाजार जोखिम के, रिटायरमेंट के बाद एक निश्चित मासिक आय प्रदान कर सकती है। PPF खाते की लॉक-इन अवधि 15 वर्ष है। परिपक्वता के बाद, इसे असीमित बार 5-वर्षीय ब्लॉकों में बढ़ाया जा सकता है। विस्तार अवधि के दौरान कोई अतिरिक्त योगदान न करने पर भी, संचित शेष राशि पर वर्तमान 7.1% प्रति वर्ष की दर से ब्याज मिलता रहेगा। PPF निवेश परिदृश्य और संभावित मासिक आय: 5,000 रुपये मासिक निवेश: 15 वर्षों में, कुल योगदान 9,00,000 रुपये है। कॉर्पस 16,27,284 रुपये तक बढ़ जाता है। विस्तारित अवधि के दौरान, वार्षिक ब्याज लगभग 1,16,427 रुपये अर्जित होता है, जिसका अर्थ है लगभग 9,628 रुपये का मासिक ब्याज। 10,000 रुपये मासिक निवेश: 15 वर्षों में, कुल योगदान 18,00,000 रुपये है। कॉर्पस 32,54,567 रुपये तक पहुंच जाता है। विस्तार के दौरान वार्षिक ब्याज लगभग 2,31,074 रुपये होता है, जिससे लगभग 19,256 रुपये का मासिक ब्याज प्राप्त होता है। 12,500 रुपये मासिक निवेश: 15 वर्षों में, कुल योगदान 22,50,000 रुपये है। कॉर्पस 40,68,209 रुपये होता है। विस्तार के दौरान वार्षिक ब्याज 2,88,842 रुपये तक हो सकता है, जिससे लगभग 24,070 रुपये का मासिक भुगतान मिलता है। यह रणनीति व्यक्तियों को एक पर्याप्त कॉर्पस बनाने और इसे एक जोखिम-मुक्त मासिक आय धारा में बदलने की अनुमति देती है, जो एक विश्वसनीय पेंशन के रूप में कार्य करती है। प्रभाव: यह खबर भारतीय नागरिकों की व्यक्तिगत सेवानिवृत्ति योजना रणनीतियों को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकती है, PPF को सेवानिवृत्ति के बाद आय उत्पन्न करने के लिए एक सुरक्षित और व्यवहार्य विकल्प के रूप में बढ़ावा दे सकती है। यह सरकारी-समर्थित निश्चित-आय साधनों के मूल्य को सुदृढ़ करती है।