Personal Finance
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Updated on 08 Nov 2025, 08:55 am
Reviewed By
Simar Singh | Whalesbook News Team
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यह लेख भारतीय निवेशकों को चार लोकप्रिय रिटायरमेंट प्लानिंग साधनों की बारीकियों से रूबरू कराता है: नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS), म्यूचुअल फंड (इक्विटी और हाइब्रिड), पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), और फिक्स्ड डिपॉजिट (FDs)। NPS को लंबी अवधि की धन-संपत्ति बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिसमें 75% तक इक्विटी आवंटन की क्षमता है, जो फिक्स्ड-इनकम उत्पादों की तुलना में अधिक रिटर्न दे सकता है और साथ ही Rs 1.5 लाख की सेक्शन 80C सीमा के ऊपर सेक्शन 80CCD(1B) के तहत Rs 50,000 का अतिरिक्त टैक्स डिडक्शन भी प्रदान करता है। हालांकि, कॉर्पस का 60% रिटायरमेंट पर निकाला जा सकता है, जबकि शेष 40% के लिए एन्युइटी (वार्षिकी) खरीदना अनिवार्य है। म्यूचुअल फंड अधिक लचीलापन और लिक्विडिटी प्रदान करते हैं, बिना किसी एन्युइटी की अनिवार्यता के। ये पूरी तरह इक्विटी में निवेश कर सकते हैं, जो बढ़ती बाज़ारों में NPS से बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं, लेकिन इसमें अस्थिरता अधिक होती है। टैक्सेशन अलग है, जिसमें Rs 1.25 लाख से अधिक के लॉन्ग-टर्म इक्विटी गेन्स पर टैक्स लगता है। PPF संप्रभु गारंटी (sovereign guarantee) के माध्यम से सुरक्षा प्रदान करता है, जिसमें 15 साल का लॉक-इन है और वर्तमान में 7.1% ब्याज दर है, जो पूरी तरह से टैक्स-फ्री रिटर्न देता है। वार्षिक योगदान Rs 1.5 लाख तक सीमित है, और यह रूढ़िवादी निवेशकों के लिए उपयुक्त है जो स्थिरता चाहते हैं, हालांकि ग्रोथ की संभावना इक्विटी उत्पादों से कम है। FDs निश्चितता और लिक्विडिटी प्रदान करते हैं, लेकिन टैक्सेबल ब्याज और मुद्रास्फीति (inflation) को ध्यान में रखते हुए कम वास्तविक रिटर्न देते हैं। ये लंबी अवधि के रिटायरमेंट ग्रोथ के बजाय पूंजी संरक्षण और अल्पकालिक ज़रूरतों के लिए सबसे अच्छे हैं। लेख का निष्कर्ष है कि सबसे अच्छा विकल्प व्यक्तिगत जोखिम क्षमता (risk appetite), आयु और निवेश अवधि पर निर्भर करता है, और संतुलित विकास, स्थिरता और आय के लिए अक्सर इन उपकरणों के संयोजन की सिफारिश की जाती है। प्रभाव: यह खबर भारतीय निवेशकों को रिटायरमेंट के लिए आवश्यक वित्तीय योजना उपकरणों पर स्पष्टता प्रदान करके महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करती है। इन विकल्पों को समझने से व्यक्ति सूचित निर्णय ले पाते हैं, जो संभावित रूप से बेहतर दीर्घकालिक वित्तीय सुरक्षा और धन सृजन की ओर ले जा सकता है। व्यक्तिगत वित्तीय नियोजन पर इसका प्रभाव अधिक है। रेटिंग: 9/10।