Personal Finance
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Updated on 14th November 2025, 4:41 AM
Author
Aditi Singh | Whalesbook News Team
वित्तीय वर्ष 2025-26 से डेट फंड टैक्स नियम महत्वपूर्ण हैं। 1 अप्रैल, 2023 से पहले खरीदे गए और 24 महीने से अधिक समय तक रखे गए फंडों पर अब 12.5% LTCG टैक्स लगेगा। बाद में खरीदे गए फंडों पर आपकी आय स्लैब दर से टैक्स लगेगा। सबसे महत्वपूर्ण बात, नए टैक्स व्यवस्था के 12 लाख रुपये के रिबेट में यह विशेष दरें शामिल नहीं होंगी। अपने निवेशों के लिए पुरानी बनाम नई व्यवस्था की पसंद को समझें!
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वित्तीय वर्ष 2025-26 से डेट म्यूचुअल फंड के लिए नए कर नियम, जिन पर ध्यान देना आवश्यक है।
**मुख्य बदलाव:** * **1 अप्रैल, 2023 से पहले खरीदे गए फंड:** यदि 24 महीने से अधिक समय तक रखे गए, तो लाभ (LTCG) पर 12.5% कर लगेगा। छोटी अवधि के लिए STCG स्लैब दरों पर कर योग्य होगा। * **1 अप्रैल, 2023 को या उसके बाद खरीदे गए फंड:** होल्डिंग अवधि की परवाह किए बिना, सभी लाभ STCG माने जाएंगे और आपकी आय कर स्लैब दर पर कर योग्य होंगे।
**कर व्यवस्था का प्रभाव:** नई कर व्यवस्था का रिबेट (धारा 87A) 12 लाख रुपये तक, डेट फंडों पर 12.5% LTCG जैसी विशेष कर दरों पर लागू नहीं होता है। पुरानी व्यवस्था का रिबेट 5 लाख रुपये तक लागू होता है।
**निवेशक की पसंद:** निवेशक अपनी कुल आय के आधार पर वार्षिक रूप से पुरानी और नई कर व्यवस्थाओं के बीच चयन कर सकते हैं।
**प्रभाव:** यह डेट फंडों में खुदरा निवेशकों को प्रभावित करता है, जिसके लिए अद्यतन कर योजना रणनीतियों की आवश्यकता है। रेटिंग: 7/10
**कठिन शब्दों की व्याख्या:** * **डेट फंड:** निश्चित-आय प्रतिभूतियों में निवेश करने वाला म्यूचुअल फंड। * **पूंजीगत लाभ (Capital Gains):** संपत्ति बेचने से होने वाला लाभ। * **STCG:** शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन्स (छोटी अवधि की होल्डिंग से लाभ), स्लैब दरों पर कर योग्य। * **LTCG:** लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन्स (लंबी अवधि की होल्डिंग से लाभ), विशेष दर पर कर योग्य। * **कर व्यवस्था (पुरानी/नई):** सरकार के कर नियम और छूट। * **रिबेट (धारा 87A):** देय आयकर पर छूट। * **स्लैब दर:** आय के स्तर के साथ बढ़ती कर दरें।