Personal Finance
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3rd November 2025, 7:03 AM
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भारतीय शादियाँ अपनी भव्यता के लिए जानी जाती हैं, जिनमें अक्सर नकदी, सोना और अन्य मूल्यवान वस्तुओं के रूप में महत्वपूर्ण उपहारों का आदान-प्रदान होता है। आम तौर पर, भारतीय कर कानूनों के तहत, निर्दिष्ट करीबी रिश्तेदारों के अलावा अन्य व्यक्तियों से प्राप्त उपहार यदि एक वित्तीय वर्ष में उनका कुल मूल्य ₹50,000 से अधिक हो तो कर योग्य होते हैं। इनमें सोना, गहने, शेयर या संपत्ति जैसी वस्तुएं शामिल हो सकती हैं। माता-पिता, भाई-बहन या जीवनसाथी जैसे निर्दिष्ट रिश्तेदारों से प्राप्त उपहार कर-मुक्त होते हैं।
हालांकि, आयकर विभाग ने शादी के उपहारों के लिए एक महत्वपूर्ण छूट प्रदान की है। किसी व्यक्ति को उसकी शादी के अवसर पर प्राप्त उपहार, चाहे उनका मौद्रिक मूल्य कुछ भी हो और चाहे वे रिश्तेदारों, दोस्तों या अन्य गैर-रिश्तेदारों से मिले हों, पूरी तरह से कर से मुक्त हैं।
यह छूट विशेष रूप से शादियों के लिए है; जन्मदिन या सालगिरह जैसे अन्य अवसरों पर प्राप्त उपहार कर योग्य होते हैं यदि वे गैर-रिश्तेदारों से ₹50,000 की सीमा पार करते हैं।
व्यक्तियों को सलाह दी जाती है कि वे अपने आयकर रिटर्न (ITRs) में 'अन्य स्रोतों से आय' (Income From Other Sources) के तहत प्राप्त सभी उपहारों के मूल्य का सटीक खुलासा करें, जहाँ लागू हो, और भविष्य में कर नोटिस से बचने के लिए आवश्यक दस्तावेज़ बनाए रखें।
प्रभाव: यह स्पष्टीकरण शादियों का जश्न मनाने वाले व्यक्तियों के लिए महत्वपूर्ण वित्तीय राहत और निश्चितता प्रदान करता है, जो उनके बजट आवंटन और वित्तीय योजना को प्रभावित कर सकता है। यह शादी के उपहारों के सांस्कृतिक महत्व को सुदृढ़ करता है, यह सुनिश्चित करता है कि वे तत्काल कर बोझ के बिना जोड़े के भविष्य में सकारात्मक योगदान दें। यह समाचार उन कई व्यक्तियों के लिए महत्वपूर्ण है जो उत्सव की अवधि के दौरान व्यक्तिगत वित्त का प्रबंधन कर रहे हैं। रेटिंग: 6/10।