Personal Finance
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Updated on 12 Nov 2025, 01:01 pm
Reviewed By
Aditi Singh | Whalesbook News Team

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भारत की छोटी बचत योजनाएं, जो डाकघरों और बैंकों के माध्यम से मिलती हैं, नागरिकों की वित्तीय सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा समर्थित निवेश माध्यम हैं। 2025 में, ये योजनाएं बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट से अधिक, 7% से 8.2% तक आकर्षक ब्याज दरें प्रदान करती हैं। इनमें सुरक्षा, अनुमानित रिटर्न और कर लाभ शामिल हैं।
हाइलाइट की गई पांच योजनाएं इस प्रकार हैं: 1. **पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF):** एक लंबी अवधि (15 साल की लॉक-इन, बढ़ाई जा सकती है) की योजना है जिसमें 7.1% ब्याज दर मिलती है। यह धारा 80C के तहत ट्रिपल टैक्स छूट (निवेश, ब्याज, परिपक्वता) प्रदान करती है, जो रिटायरमेंट या बच्चे के भविष्य के लिए आदर्श है। 2. **सुकन्या समृद्धि खाता (SSA):** विशेष रूप से लड़कियों के लिए है, यह 8.2% की उच्चतम दर प्रदान करती है। इसकी जमा अवधि बेटी के 21 साल का होने तक है और यह EEE (छूट-छूट-छूट) कर स्थिति का लाभ उठाती है, जो शिक्षा और विवाह खर्चों के लिए उपयुक्त है। 3. **नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC):** 5 साल की अवधि वाली योजना है जिसमें 7.7% ब्याज दर है। ब्याज कर योग्य है, लेकिन यह धारा 80C कटौती के लिए योग्य है। यह एक सरल, गारंटीड रिटर्न विकल्प है। 4. **सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (SCSS):** 60 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए है, जो 8.2% ब्याज त्रैमासिक (quarterly) प्रदान करती है। इसकी 5 साल की अवधि है (बढ़ाई जा सकती है) और यह 30 लाख रुपये तक के निवेश की अनुमति देती है, जो सेवानिवृत्त लोगों के लिए नियमित आय प्रदान करती है। जमा धारा 80C के लिए योग्य हैं, लेकिन ब्याज कर योग्य है। 5. **किसान विकास पत्र (KVP):** इसका उद्देश्य लगभग 115 महीनों में आपका निवेश दोगुना करना है, जिसमें 7.5% ब्याज दर है। इसकी कोई ऊपरी सीमा नहीं है और कोई कर कटौती नहीं है, जो इसे पूंजी वृद्धि के लिए एक सरल, जोखिम-मुक्त विकल्प बनाती है।
ये योजनाएं लाखों भारतीयों के लिए महत्वपूर्ण हैं जो अनिश्चित आर्थिक समय में स्थिरता और निश्चित रिटर्न चाहते हैं।
**प्रभाव:** यह खबर भारतीय निवेशकों को सुरक्षित, सरकार द्वारा गारंटीकृत निवेश विकल्पों के बारे में बताकर महत्वपूर्ण प्रभाव डालती है जो प्रतिस्पर्धी रिटर्न और कर लाभ प्रदान करते हैं। यह जोखिम भरे साधनों से हटकर स्थिरता की ओर व्यक्तिगत वित्तीय योजना और परिसंपत्ति आवंटन निर्णयों का मार्गदर्शन करती है। सरकार का समर्थन विश्वास पैदा करता है, जिससे व्यापक रूप से अपनाने को प्रोत्साहन मिलता है। रेटिंग: 9/10।
**शर्तों की व्याख्या:** - **लॉक-इन अवधि (Lock-in period):** वह अवधि जिसके दौरान किसी निवेश को बिना जुर्माने के निकाला नहीं जा सकता। - **EEE (Exempt-Exempt-Exempt) स्थिति:** एक निवेश जिसमें निवेश की गई राशि, अर्जित ब्याज, और परिपक्वता पर मिलने वाली राशि, सभी कर से मुक्त होते हैं। - **धारा 80C (Section 80C):** भारतीय आयकर अधिनियम की वह धारा जो कुछ निवेशों और खर्चों पर कटौती की अनुमति देती है, जिससे कर योग्य आय कम होती है। - **TDS (Tax Deducted at Source):** वह कर जो आय अर्जित होने पर ही काट लिया जाता है और भुगतानकर्ता द्वारा सीधे सरकार को भुगतान किया जाता है।