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Updated on 06 Nov 2025, 01:34 pm
Reviewed By
Satyam Jha | Whalesbook News Team
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रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) ने गुरुवार, 6 नवंबर को घोषणा की कि वह सेंट्रल रेलवे द्वारा प्रदान किए गए ₹272 करोड़ से अधिक के प्रोजेक्ट के लिए सबसे कम बोली लगाने वाला (lowest bidder) बनकर उभरा है। यह अनुबंध दौंड-सोलापुर खंडों पर रेलवे के बुनियादी ढांचे को उन्नत करने के लिए महत्वपूर्ण है।
कार्य के दायरे में ट्रैक्शन सबस्टेशन, सेक्शनिंग पोस्ट (SPs) और सब-सेक्शनिंग पोस्ट (SSPs) का व्यापक डिजाइन, आपूर्ति, परीक्षण और कमीशनिंग शामिल है, जो इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन सिस्टम के आवश्यक घटक हैं। परियोजना का उद्देश्य रेलवे लाइन की क्षमता और दक्षता को बढ़ाना है, विशेष रूप से 3,000 एमटी (मीट्रिक टन) लोडिंग लक्ष्य को सुविधाजनक बनाने पर ध्यान केंद्रित करना है।
परियोजना को इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण (EPC) मोड के तहत निष्पादित किया जाएगा, जिसका अर्थ है कि RVNL डिजाइन से लेकर अंतिम कमीशनिंग तक सभी चरणों के लिए जिम्मेदार होगी। कंपनी को काम पूरा करने के लिए 24 महीने की समय सीमा दी गई है।
RVNL ने स्टॉक एक्सचेंजों को यह भी स्पष्ट किया कि कंपनी के प्रमोटरों की सेंट्रल रेलवे में कोई हिस्सेदारी नहीं है, और प्रदान किया गया अनुबंध संबंधित पक्ष लेनदेन (related party transaction) नहीं है, जिससे पारदर्शिता सुनिश्चित होती है।
प्रभाव: यह नया ऑर्डर RVNL की ऑर्डर बुक को काफी बढ़ाता है, जिससे रेलवे बुनियादी ढांचा क्षेत्र में कंपनी की स्थिति मजबूत होती है। यह भारतीय रेलवे के आधुनिकीकरण के लिए महत्वपूर्ण बड़े पैमाने पर विद्युतीकरण और सिग्नलिंग परियोजनाओं को निष्पादित करने में कंपनी की क्षमता को प्रदर्शित करता है। सफल निष्पादन से वित्तीय प्रदर्शन में सुधार हो सकता है और संभावित रूप से निवेशक का विश्वास बढ़ सकता है। लोडिंग क्षमता बढ़ाने पर परियोजना का ध्यान माल ढुलाई के लिए महत्वपूर्ण है, जो व्यापक आर्थिक लक्ष्यों में योगदान देगा। Impact Rating: 7/10
Difficult Terms Explained: - Traction Substations (ट्रैक्शन सबस्टेशन): ये ऐसी सुविधाएँ हैं जो बिजली ग्रिड से उच्च-वोल्टेज बिजली प्राप्त करती हैं और इसे इलेक्ट्रिक ट्रेनों को बिजली देने के लिए आवश्यक सही वोल्टेज और करंट में परिवर्तित करती हैं। - Sectioning Posts (SPs) और Sub-sectioning Posts (SSPs) (सेक्शनिंग पोस्ट और सब-सेक्शनिंग पोस्ट): ये ओवरहेड विद्युत प्रणाली में मध्यवर्ती बिंदु हैं जो रेलवे ट्रैक के विभिन्न खंडों में बिजली की आपूर्ति को विभाजित करने और नियंत्रित करने की अनुमति देते हैं, जिससे रखरखाव या खराबी प्रबंधन के लिए अलगाव संभव हो पाता है। - Traction System (ट्रैक्शन सिस्टम): यह वह प्रणाली है जिसका उपयोग ट्रेनों, विशेष रूप से इलेक्ट्रिक ट्रेनों को ओवरहेड लाइनों या तीसरी रेल के माध्यम से बिजली प्रदान करने के लिए किया जाता है। - Engineering, Procurement, and Construction (EPC) Mode (इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण मोड): यह एक सामान्य अनुबंध व्यवस्था है जिसमें एक एकल ठेकेदार किसी परियोजना के डिजाइन (इंजीनियरिंग), सामग्री की खरीद (खरीद), और निर्माण (निर्माण) की पूरी जिम्मेदारी लेता है। - 3,000 MT Loading Target (3,000 एमटी लोडिंग लक्ष्य): यह निर्दिष्ट रेलवे खंडों पर 3,000 मीट्रिक टन कार्गो या भार क्षमता को संभालने के लक्ष्य को संदर्भित करता है।